तेजी से बढ़ेगी मध्यप्रदेश की विकास यात्रा: राष्ट्रपति
- स्वच्छता क्षेत्र की मध्यप्रदेश की उपलब्धियां अनुकरणीयः मुर्मू
-राजभवन में हुआ राष्ट्रपति का अभिनंदन, दो परियोजनाओं का शिलान्यास
भोपाल, (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मध्यप्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के अनेक आयाम प्राप्त किये हैं। मध्यप्रदेश की विकास यात्रा तेज गति से आगे बढ़ेगी और सभी वर्गों तक विकास पहुँचेगा। मध्यप्रदेश का अनेक क्षेत्रों में अमूल्य योगदान है। खाद्यान उत्पादन में मध्यप्रदेश आगे है। कृषि क्षेत्र में उत्पादन सहित अन्य कार्यों में चार वर्ष में मध्यप्रदेश ने महत्वपूर्ण वृद्धि और प्रगति प्राप्त की है। इसके लिए मध्यप्रदेश बधाई का पात्र है।
राष्ट्रपति मुर्मू मंगलवार शाम को भोपाल प्रवास के दौरान यहां राजभवन में अपने अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रही थीं। इस मौके पर उन्होंने प्रदेश की दो दो परियोजनाओं के शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने स्वच्छतम राज्य और इन्दौर नगर ने छठवीं बार स्वच्छतम शहर का पुरस्कार प्राप्त किया है। यह सराहनीय है और इन उपलब्धियों के लिए मध्यप्रदेश के नागरिक प्रशंसा के पात्र हैं। देश के अन्य प्रान्तों के लिए भी यह उपलब्धि अनुकरणीय है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मध्यप्रदेश नर्मदा जल से सिंचित है। प्रदेश को प्रकृति का वरदान प्राप्त है। देश में सबसे बड़ा वन क्षेत्र है। अनेक राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य भी हैं। कूनो में नामीबिया से चीते लाए गए हैं, जो लुप्त हो गए थे। रानी दुर्गावती, झलकारी बाई की गौरव गाथाएं सुनी जाती हैं। अहिल्या बाई होल्कर ने काशी के मंदिर का उद्धार करवाया। मध्यप्रदेश सरकार ने भोपाल में रानी कमलापति के सम्मान में कदम उठाए हैं। रेलवे स्टेशन का नामकरण भी उनके योगदान को याद करने के लिए किया गया है। मध्यप्रदेश में डॉ. अम्बेडकर, डॉ. शंकरदयाल शर्मा और अटल जी जैसी विभूतियां जन्मीं और प्रदेश से आजीवन जुड़ी रहीं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अनुपम प्राकृतिक सौन्दर्य है। कालिदास, तानसेन, उस्ताद अलाउद्दीन खां के साथ ही अन्य अनेक व्यक्तित्व मध्यप्रदेश की पहचान हैं। उज्जैन में सिंहस्थ होता है। ग्वालियर, मैहर, खजुराहो में उत्सव होते हैं। भेड़ाघाट, शिवपुरी और बेतवा के उत्सव, अमरकंटक और चित्रकूट सहित तीन विश्व धरोहर स्थल यहाँ हैं। भीमबेठका, साँची और खजुराहो को यूनेस्को ने यह दर्जा दिया है। राष्ट्रपति मुर्मू ने मध्यप्रदेश वासियों को उपलब्धियों के लिए बधाई देते हुए सभी प्रदेशवासियों के विकास की कामना की।
दो परियोजनाओं का किया वर्चुअल शिलान्यास
समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रातापानी-औबेदुल्लागंज-इटारसी फोरलेन परियोजना (एनएच-46) का और रक्षा मंत्रालय के ग्वालियर स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में मेक्सिमम माइक्रोवाइल कंटेनमेंट लेबोरेट्ररी (बीएसएल 4) का भी वर्चुअल शिलान्यास किया। करीब 300 करोड़ रुपये लागत की यह लैब कोविड-19 जैसी चुनौतियों का सामना करने में सहयोग करेगी। यहाँ महत्वपूर्ण अनुसंधान हो सकेंगे।
फोरलेन परियोजना
यह परियोजना भारतमाला परियोजना में एनएच-46 (पुराना एनएच-69) औबेदुल्लागंज से बैतूल इंटर कॉरिडोर मार्ग का एक हिस्सा ही है, जो भोपाल से नागपुर को कनेक्टिविटी देता है। इस मार्ग का 12.38 किमी. का खण्ड रातापानी वन्य-जीव अभयारण्य में आता है एवं रातापानी खण्ड भोपाल-नागपुर कॉरिडोर का भाग है। परियोजना में वन्य-जीव और पर्यावरण की सुरक्षा के लिये आवश्यक उपाय शामिल हैं। वन्य-जीव अभयारण्य क्षेत्र में पशु अंडरपास के प्रावधानों से वन्य-प्रणियों को आवागमन में आसानी होगी। परियोजना की कुल लंबाई 12.38 किमी. है। इसके निर्माण पर 417 करोड़ 51 लाख रुपये की लागत आयेगी। परियोजना का निर्माण कार्य 18 माह की अवधि में पूर्ण किया जायेगा। इस मार्ग को चौड़ा करने से वन्य-प्राणियों के आवागमन/आवास पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए 5 बड़े पशु अंडरपास (100 मी., 420 मी., 1226 मी., 65 मी. एवं 65 मी.) एवं 2 छोटे पशु अंडर पास (10 मी. एवं 10 मी.) अधो-संरचनाएँ बनाई जायेंगी। परियोजना में एक माइनर ब्रिज एवं 2 व्हीकल अंडरपास का निर्माण भी किया जाना है।
परियोजना का प्रमुख लाभ भोपाल, होशंगाबाद, बैतूल और नागपुर की बेहतर कनेक्टिविटी होगी। साथ ही भारी यातायात से सड़क उपयोगकर्ताओं को सुविधा प्राप्त होगी। रातापानी वन्य-जीव अभयारण्य और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व तक बेहतर आवागमन से पर्यटन क्षेत्र को बढावा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। इससे जहाँ समय और ईंधन की बचत के साथ प्रदूषण में कमी आएगी वहीं सड़क उपयोगकर्ता की सुरक्षा में भी सुधार होगा। परियोजना के पूर्ण होने से क्षेत्र के लोगों की तीव्र सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का कार्य हो सकेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश