- हजारों किसानों की मौजूदगी में मुरैना में कृषि मेला एवं प्रदर्शनी का शुभारंभ
- 103 अमृत सरोवर लोकार्पित, संजीवनी क्लिनिकों का शिलान्यास व स्टेडियम में भूमिपूजन
ग्वालियर, 11 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि गांवों का विकास हो, खेती लाभकारी बनें और किसानों के जीवन स्तर में बदलाव आएं। इसी दृष्टि सेफसल बीमा का सुरक्षा कवच, पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से करोड़ों किसानों को 2.16 लाख करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खातों में जमा कराना,किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी)के माध्यम से 18 लाख करोड़ रुपये का अल्पकालिक ऋण, एक लाख करोड़ रुपये का एग्री फंड जैसे अनेक ठोस कदम प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में उठाए गए हैं।
केन्द्रीय मंत्री तोमर शुक्रवार को मुरैना में आयोजित वृहद कृषि मेले को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि गांव बढ़ेगा तो देश बढ़ेगा और किसानों की माली हालत सुधरेगी तो संपूर्ण देश की आर्थिक हालत सुधरेगी। इस मनोयोग को लेकर मोदी जी व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बहुत ही शिद्दत के साथ देश व प्रदेश में काम कर रहे हैं, जिसका लाभ सभी को मिल रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने मप्र को बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकालकर विकास की राह पर तेजी के साथ आगे बढ़ाया है। म.प्र. के विकास के लिए आज केंद्र व राज्य सरकार मिलकर काम रही है, जिसका यह कृषि मेला-प्रदर्शनी अपने-आप में एक उदाहरण है।
तोमर ने कहा कि यह सिर्फ किसानों का सम्मेलन नहीं है, बल्कि एक बड़ा प्रशिक्षण शिविर है, जिसमें तीन दिन, खेती को उन्नत खेती बनाने, खेती में टेक्नालाजी का उपयोग करने, महंगी फसलों की ओर जाने, बायोफर्टिलाइजर व ड्रोन टेक्नालाजी का उपयोगकरने, सरसों की खेती को उन्नत बनाने,कम पानी में धान पैदा करने, दलहन व तिलहन की फसलों को और बढ़ाने, बागवानी के क्षेत्र को और विस्तृत करने आदि के लिए विभिन्न सत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां प्रशिक्षण से किसानों को काफी लाभ होगा और वे अपनी खेती को उन्नत खेती के रूप में तब्दील कर सकेंगे।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा मप्र शासन एवं जिला प्रशासन के सहयोग से मुरैना में आयोजित तीन दिनी वृहद कृषि मेला एवं प्रदर्शनी का शुभारंभ शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर की अध्यक्षता में किया। इस अवसर पर चंबल-ग्वालियर अंचल के हजारों किसानों की मौजूदगी में103 अमृत सरोवरों का लोकार्पण, मुख्यमंत्री संजीवनी केंद्रों का शिलान्यास, स्टेडियम में इंडोर-आउटडोर सभी सुविधाओं के लिए 10 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न कार्यों का भूमिपूजन किया गया। डा. भीमराव आंबेडकर स्टेडियम में दिनभर विभिन्न प्रशिक्षण-सत्रों का आंगतुक किसानों ने लाभ लिया। इस मेले में 12 व 13 नवंबर को भी कई प्रशिक्षण-सत्र होंगे। वृहद मेले में मुरैना के साथ ही श्योपुर, ग्वालियर, भिंड, शिवपुरी, दतिया व आसपास के किसान बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं।
किसानों के खेतों में पानी के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगीः मुख्यमंत्री
शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री चौहान ने केंद्रीय मंत्री तोमर को धन्यवाद दिया कि उन्होंने किसानों का यह महायज्ञ मुरैना में आयोजित किया, जिससे चंबल-ग्वालियर अंचल के हजारों किसानों को लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प है कि किसानों की आय दोगुनी करना है लेकिन यह केवल नारे से पूरा नहीं होगा, बल्कि इसके लिए उपाय करना पड़ेंगे जो कि केंद्र व राज्य सरकार कर रही है। उन्होंने बताया कि म.प्र. में उनकी सरकार के कार्यकाल में सिंचाई अब 45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो रही है, जबकि पहले साढ़े 7 लाख हे. में ही सिंचाई सुविधा उपलब्ध थी।
चौहान ने बताया कि म.प्र. सरकार ने इस अंचल में और भी सिंचाई योजनाएं प्रारंभ करने के साथ ही नहरों को पक्की करके तथा अन्य प्रोजेक्ट्स के माध्यम से मुरैना से लेकर भिंड के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने तोमर द्वारा भोपाल जाकर उनसे किए गए अनुरोध को स्वीकार करते हुए कहा कि 539 करोड़ रु. की लागत सेचेंटीखेड़ा वृहद सिंचाई परियोजना को राज्य सरकार स्वीकृत करने जा रही है, जिससे श्योपुर जिले के विजयपुर व मुरैना जिले के सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के करीब 58 गांवों की 15300 हे. भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। यह परियोजना ग्राम चेंटीखेड़ी के समीप कुंवारी नदी पर प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि म.प्र. सरकार किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देने का काम कर रही है, जिससे उनकी लागत घटेगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती लाभकारी है, जिसका प्रयोग किसानों को करना चाहिए, वहीं उन्होंने कहा कि नरवाई पराली काटकर भूसा बनाने के लिए मशीन खरीदने हेतु छोटे किसानों को 50 प्रतिशत राशि म.प्र. सरकार देगी। इसमें बड़े किसानों को 40 प्रतिशत सहायता राशि दी जाएगी। इससे खेत में पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वहीं नौजवानों को रोजगार भी मिल जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश