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पाकिस्तानी अखबारों सेः पीटीआई शासन वाली विधानसभाओं को भंग होने से बचाने की हलचल हुई तेज

Date : 02-Dec-2022

 जलवायु परिवर्तन पर दुनिया से मदद की गुहार और आर्मी स्कूल के बाहर आतंकी हमले को भी महत्व

- पीएफआई पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले और मुंबई में कोरियाई महिला से हुई घटना को भी दी जगह

नई दिल्ली, 02 दिसंबर (हि.स.)। पाकिस्तान से शुक्रवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा की विधानसभाओं को भंग होने से बचाने के प्रयासों को प्रमुखता दी है। इन राज्यों में गवर्नर राज या अविश्वास प्रस्ताव लाने पर गौर किया जा रहा है। अखबारों ने पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के समय पूर्व चुनाव पर दिए गए बयान को भी महत्व दिया है। 

अखबारों ने पीटीआई की एक बैठक में लिए गए फैसले की खबरें भी दी है, जिसमें कहा गया है कि दोनों विधानसभाओं को 20 दिसंबर तक भंग किया जा सकता है। बैठक में कई सदस्यों ने विधानसभा को भंग करने में जल्दी नहीं किए जाने की भी बात कही है। अखबारों ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का एक बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि जलवायु परिवर्तन से होने वाली तबाही से दुनिया पीछे नहीं हटे और मदद के लिए सामने आए। उन्होंने कहा है कि जिन देशों ने मदद का ऐलान किया है उन्हें आगे बढ़कर मदद करनी चाहिए। 

अखबारों ने सूचना प्रसारण मंत्री मरियम औरंगजेब का एक बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि आबादी के हिसाब से पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा देश बन चुका है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आबादी सालाना 2 प्रतिशत की गति से बढ़ रही है। यह जलवायु परिवर्तन से होने वाली तबाही की तरह खतरे की घंटी है। अखबारों ने डेरा इस्माइल खान पेशावर में एक आर्मी स्कूल के बाहर हुए आतंकवादी हमले में एक नागरिक के मारे जाने और एक जवान के घायल होने की खबरें दी हैं। 

अखबारों ने सऊदी अरब में कुदरती गैस के दो नए बड़े भंडार मिलने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने कर्नाटक हाई कोर्ट के जरिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर पाबंदी बरकरार रखे जाने के फैसले की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने अलकायदा सरगना अबुल हसन अल हाशमी अल कुरैशी के मारे जाने की खबरें भी दी हैं। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा दुनिया, रोजनामा एक्सप्रेस, रोजनामा जंग और रोजनामा औसाफ आदि के पहले पन्ने पर प्रकाशित की हैं।

रोजनामा नवाएवक्त ने जम्मू-कश्मीर में पिछले महीने सेना और अर्धसैनिक बलों की कार्रवाई में 12 कश्मीरी युवक के मारे जाने और दर्जनों के घायल होने की खबर छापी है। उसके अनुसार सेना ने 190 कार्रवाई की जिसमें 78 कश्मीरियों को गिरफ्तार भी किया गया है। अखबार ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का एक बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि कश्मीर फाइल्स कश्मीरियों को बदनाम करने के लिए शर्मनाक प्रोपेगेंडा के तौर पर इस्तेमाल की गई है। 

रोजनामा एक्सप्रेस ने भारत के मुंबई शहर में एक कोरियन महिला यू-ट्यूबर के साथ बदतमीजी की घटना की खबर प्रकाशित की है। महिला यू-ट्यूबर जब वीडियो बना रही थी, उसी दौरान इसके साथ यह घटना हुई। पुलिस ने महिला की शिकायत पर 2 लोगों को गिरफ्तार किया है और उन्हें जेल भेज दिया गया है। 

हिन्दुस्थान समाचार/ एम ओवैस

 
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