बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ कट्टरपंथी हमलों को राजनीतिक बताकर यूनुस सरकार ने पल्ला झाड़ा | The Voice TV

Quote :

ज्ञान ही एकमात्र ऐसा धन है जिसे कोई चुरा नहीं सकता - अज्ञात

International

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ कट्टरपंथी हमलों को राजनीतिक बताकर यूनुस सरकार ने पल्ला झाड़ा

Date : 12-Jan-2025

 ढाका, 12 जनवरी । बांग्लादेश में लगातार हिंसा और कट्टरपंथी बर्बरता का सामना कर रहे हिंदू सहित दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का पूर्वाग्रह भरा रवैया सामने आया है। ऐसे हमलों को रोकने में अपनी विफलता पर पर्दा डालते हुए बांग्लादेश सरकार ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुए ज्यादातर हमलों को राजनीतिक करार दिया है। सरकार का कहना है कि हिंसा की कुछेक घटनाएं ही सांप्रदायिक थीं।

5 अगस्त को शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से लगातार हिंदू आबादी के खिलाफ कट्टरपंथियों की हिंसक मुहिम को लेकर दुनिया भर में आलोचना का सामना कर रही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने दावा किया है कि हिंसा की कुछ घटनाएं ही सांप्रदायिक थीं, जबकि ज्यादातर मामले राजनीतिक थे।बांग्लादेश ट्रिब्यून के मुताबिक शनिवार को बांग्लादेश सरकार ने पुलिस जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि 4 अगस्त के बाद से हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों पर हमले और बर्बरता की अधिकांश घटनाएं राजनीतिक थी और कुछ ही घटनाएं सांप्रदायिक थीं। पुलिस ने सांप्रदायिक हिंसा की शिकायतें सीधे प्राप्त करने और अल्पसंख्यक समुदाय के साथ संपर्क बनाए रखने के लिए व्हाट्सएप नंबर जारी किया है।

अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की प्रेस विंग की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि पुलिस ने यह जांच बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के इस दावे के बाद की कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के 5 अगस्त को देश छोड़कर चले जाने से इस साल 8 जनवरी तक सांप्रदायिक हिंसा की 2,010 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। इन घटनाओं में से 1,769 हमले और तोड़फोड़ से जुड़ी हुई थीं। पुलिस ने दावों के आधार पर अब तक कुल 62 मामले दर्ज किए और 35 आरोपितों को गिरफ्तार किया। बयान में दावा किया गया है कि जांच में पाया गया कि ज्यादातर मामलों में हमले सांप्रदायिक प्रकृति के नहीं थे बल्कि राजनीति से प्रेरित थे। पुलिस की जांच से पता चला कि 1,234 घटनाएं ‘राजनीतिक प्रकृति की थीं’, 20 घटनाएं सांप्रदायिक थीं और कम से कम 161 दावे झूठे या फर्जी थे।

उल्लेखनीय है कि शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यक समुदाय के इलाकों, धार्मिक स्थलों पर लगातार हिंसक हमले होते रहे हैं और इन हमलों में कई लोगों को जान भी गई है। खास तौर पर हिंदू आबादी को कट्टरपंथियों ने निशाना बनाया और कई मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया। ढाका में इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को भी इस दौरान गिरफ्तार किया गया जिनकी रिहाई को लेकर स्थिति साफ नहीं है। ऐसे में पुलिस रिपोर्ट के आधार पर सरकार के ताजा दावे, अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं से बचने के लिए नये पैंतरे के रूप में देखे जा रहे हैं।

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload

Advertisement









Advertisement