विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत सरकार धार्मिक स्वतंत्रता के सिद्धांत को पूरी तरह सम्मान देती है और आगे भी सभी धर्मों के प्रति यही दृष्टिकोण बनाए रखेगी। यह बयान हाल ही में दलाई लामा द्वारा उनकी संस्था की निरंतरता को लेकर दिए गए बयान पर मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में आया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि उन्होंने दलाई लामा के हालिया बयान से जुड़ी रिपोर्टें देखी हैं, लेकिन भारत सरकार की नीति है कि वह धर्म और आस्था से जुड़ी मान्यताओं व परंपराओं पर कोई टिप्पणी नहीं करती।
उन्होंने दोहराया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र है जहां सभी को अपनी आस्था और धार्मिक परंपराओं का पालन करने की पूर्ण स्वतंत्रता है। मंत्रालय का यह रुख भारत की उस परंपरा को दर्शाता है जिसमें सभी धार्मिक और सांस्कृतिक विविधताओं को सम्मान दिया जाता है।
दलाई लामा संस्था की भविष्य की व्यवस्था को लेकर किसी आधिकारिक प्रतिक्रिया से परहेज करते हुए विदेश मंत्रालय ने संकेत दिया है कि यह धार्मिक समुदाय का आंतरिक विषय है, जिस पर भारत सरकार कोई पक्ष नहीं लेती।