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मोदी सरकार में पूरा हो रहा है 50 वर्ष पहले ललित नारायण मिश्र द्वारा देखा गया सपना

Date : 27-Mar-2023

बेगूसराय, 27 मार्च । फरकिया के रास्ते पूर्वी और दक्षिणी बिहार को मिथिलांचल से जोड़ने का जो सपना 1970 के दशक में तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र ने देखा था। वह सपना 50 वर्ष बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में पूरा हो रहा है।

ललित नारायण मिश्र के हसनपुर-सकरी रेलखंड के सपनों की अगली कड़ी में जल्द ही हसनपुर से बिथान तक रेल सेवा शुरू हो रही है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 2024 तक बिथान से कुशेश्वरस्थान और कुशेश्वरस्थान से हरनगर तक रेल लाइन बनकर तैयार हो जाएगा। जिससे सीमांचल, पूर्वांचल, कोशी, मगध और फरकिया के लोग ना केवल आसानी से मिथिला के देवघर कुशेश्वरस्थान जा सकेंगे। बेगूसराय जिला को भी इससे बड़ा फायदा होगा।

उनके लिए माता सीता की जन्मस्थली जनकपुर जाना भी आसान हो जाएगा। इस रेलखंड का निर्माण हो जाने से मिथिलांचल क्षेत्र के लोग आसानी से बेगूसराय में स्थित मिथिला के दक्षिणी प्रवेश द्वार पावन गंगा तट सिमरिया भी आ सकेंगे। इससे एक और उनके समय की बचत हो तो यातायात खर्च भी काफी कम हो जाएगी और 50 लाख से अधिक लोग इससे लाभान्वित होंगे।

पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि 79 किलोमीटर लंबे सकरी-हसनपुर नई रेल लाइन परियोजना के तहत नवनिर्मित 11 किलोमीटर लंबे हसनपुर रोड-बिथान रेलखंड पर 28 मार्च को पूर्वी परिमंडल कोलकाता के संरक्षा आयुक्त (रेलवे) द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण के बाद विशेष ट्रेन द्वारा स्पीड ट्रायल भी किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सकरी-हसनपुर नई रेल लाइन परियोजना के तहत अब तक पहले चरण में 36 किलोमीटर लंबे सकरी से बिरौल तक तथा दूसरे चरण में आठ किलोमीटर लंबे बिरौल से हरनगर तक निर्माण कार्य पूरा करते हुए उन पर ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जा चुका है। अब 11 किलोमीटर लंबे हसनपुर रोड से बिथान तक निर्माण कार्य पूरा करते हुए सीआरएस निरीक्षण किया जाएगा। शेष बचे भाग बिथान से कुशेश्वरस्थान तथा कुशेश्वरस्थान से हरनगर तक का निर्माण कार्य तीव्र गति से जारी है तथा अगले वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है।

भारत के तात्कालीन रेल मंत्री और मिथिलांचल के दिग्गज राजनेता ललित नारायण मिश्रा ने हसनपुर-सकरी रेलखंड का सपना देखा था। जिसके बाद उनके प्रयास से 1973 में इस रेलखंड का सर्वेक्षण कराया। 1974 में उन्होंने हसनपुर से सकरी के लिए छोटी लाइन का शिलान्यास किया गया। लेकिन 1975 में उनकी हत्या के बाद इस रेल परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।


इसके बाद 1996 में जब रामविलास पासवान रेल मंत्री बने तो उन्होंने हसनपुर रोड स्टेशन पर आकर एक बार फिर हसनपुर-सकरी रेल लाइन परियोजना का शिलान्यास किया। उन्होंने 1997 के रेल बजट में सकरी से हसनपुर रोड वाया कुशेश्वरस्थान रेलखंड को छोटी लाइन के बदले बड़ी रेल लाइन की स्वीकृति दी। इस परियोजना के लिए बजट में प्रावधान भी किया गया तो भू-अर्जन तथा निर्माण कार्य की शुरुआत हुई।

2009 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने सकरी से बिरौल तक ट्रेन सेवा का उद्घाटन किया। इसके बाद परियोजना की गति धीमी हुई लेकिन नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार बनते ही आज में तेजी लाकर 2018 में बिरौल से हरिनगर तक काम पूरा किया गया। 2018 में ही तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रिमोट से इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन शुरू किया। अब हसनपुर से बिथान तक रेल सेवा शुरू होने जा रहा है। इसके साथ ही बिथान से कौराही, कौराही से कुशेश्वरस्थान और हरनगर से कुशेश्वरस्थान बीच रेल लाइन बिछाने का कार्य तेजी से हो रहा है। संभावना है कि 50 वर्ष पूर्व देखा गया यह सपना 2024 में पूरा हो जाएगा और हसनपुर से सकरी तक सीधी रेलवे सेवा शुरू हो जाएगी।

 
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