रायपुर / बेंगलुरु, 26 मार्च। छत्तीसगढ़ में टेक्सटाइल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख उद्योगपति मनोज अग्रवाल, जो पुनीत क्रिएशंस के प्रमुख हैं, ने राज्य में निवेश का प्रस्ताव दिया है। उन्हाेंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बुधवार काे मुलाकात कर छत्तीसगढ़ को टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित करने की संभावनाओं पर चर्चा की।
मनोज अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में श्रमशक्ति (लेबर) और अनुकूल औद्योगिक माहौल की वजह से टेक्सटाइल उद्योग के लिए अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार की नीतियों के तहत यदि किसी उद्योग में 1,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है, तो सरकार अतिरिक्त सब्सिडी भी प्रदान करेगी। इस पहल से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य के युवाओं को अपने ही प्रदेश में काम करने के बेहतर अवसर मिलेंगे।
बेंगलुरु / रायपुर 26 मार्च । छत्तीसगढ़ में हरित ईंधन के क्षेत्र में निवेश को लेकर उद्योग जगत की दिलचस्पी बढ़ रही है। बुधवार काे बेंगलुरु में आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से जीपीआरएस आर्या प्राइवेट लिमिटेड (GPRS Arya Pvt. Ltd.) के दीपक अग्रवाल ने मुलाकात कर बताया कि उनकी कंपनी राज्य में पराली से Compressed Bio-Gas (CBG) बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में सीबीजी प्लांट लगाने की योजना है, जिससे किसानों को फसल अवशेषों से अतिरिक्त आमदनी मिलेगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी।
कंपनी ने हाल ही में बेमेतरा जिले में इंडियन ऑयल के साथ मिलकर एक सीबीजी प्लांट स्थापित किया है, जो अब पूरी तरह से कार्य करने की दिशा में है। दीपक अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस परियोजना के सफल होने के बाद वे छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी इसी मॉडल को अपनाना चाहते हैं। इस पहल से जैविक ईंधन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य की भागीदारी मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि सरकार हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति के तहत जैविक ईंधन और पर्यावरण अनुकूल परियोजनाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इस बैठक में उद्योग जगत के अन्य प्रतिनिधियों ने भी छत्तीसगढ़ में निवेश को लेकर उत्सुकता जताई।
श्रीनगर, 26 मार्च । श्रीनगर पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामलों की चल रही जांच के तहत श्रीनगर और सोपोर में कई स्थानों पर व्यापक तलाशी ली।
अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि यह कार्रवाई प्रतिबंधित संगठनों से संबंधित हैं, जिनमें जम्मू और कश्मीर मुस्लिम सम्मेलन (भट समूह), जम्मू और कश्मीर मुस्लिम लीग (मसरत आलम समूह) और जम्मू और कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (शब्बीर शाह समूह) शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन प्रतिबंधित संगठनों के संदिग्ध सदस्यों के संबंध में और पुलिस स्टेशन राजबाग श्रीनगर, पुलिस स्टेशन सदर तथा पुलिस स्टेशन शहीद गंज में दर्ज एफआईआर के तहत कई स्थानाें पर तलाशी ली गई। उन्हाेंने बताया कि पुलिस ने यह कार्रवाई प्रोफेसर अब्दुल गनी भट के बेटे हबीबुल्लाह भट के भट मोहल्ला बोटिंगू, सोपोर में स्थित आवासों और साथ ही वजीर बाग राजबाग में उसके श्रीनगर आवास पर की गई।
इसी क्रम में एक अन्य एफआईआर के संबंध में शब्बीर अहमद शाह के आवास पर भी तलाशी ली गई। इसके अलावा श्रीनगर में सात स्थानों पर गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के शक में मसर्रत आलम भट पुत्र अब्दुल मजीद निवासी ज़ैंदर मोहल्ला हब्बा कदल, मुश्ताक अहमद भट (उर्फ गुग्गा) पुत्र गुलाम कादिर निवासी बटमालू, मोहम्मद नजीर खान पुत्र अब्दुल गफ्फार निवासी कुलीपोरा खानयार, हकीम अब्दुल रशीद पुत्र गुलाम रसूल निवासी बोटाकदल, लाल बाजार और जावेद अहमद मुंशी (उर्फ बिलपापा) पुत्र गुलाम अहमद निवासी मेथन चनपोरा के यहां तलाशी ली गई।
प्रवक्ता ने बताया कि श्रीनगर में एनआईए अधिनियम के तहत नामित विशेष न्यायाधीश से तलाशी वारंट प्राप्त करने के बाद यह कार्रवाई कीगई। प्रवक्ता ने कहा कि कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार सभी तलाशी एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट और स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में की गई। उन्होंने आगे कहा कि जांच का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र के अवशेषों को खत्म करना है, ऐसी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों की पहचान करके उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना है।
जम्मू, 26 मार्च। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के जंगली इलाकों में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के एक समूह को मार गिराने के लिए बुधवार को लगातार चौथे दिन भी व्यापक बहुस्तरीय तलाशी अभियान जारी है।
एक स्थानीय महिला ने मंगलवार को पुलिस को बताया कि जिले के डिंग अंब बेल्ट में खाना खाते समय सेना की वर्दी पहने दो लोगों ने उससे पानी मांगा जिसके बाद इलाके की घेराबंदी कर दी गई। दर्शन देवी ने कहा कि उन्होंने पानी लिया और पास के जंगल क्षेत्र की ओर चले गए।
अधिकारियों ने बताया कि सांबा-कठुआ सेक्शन में जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और सीमावर्ती सड़कों पर भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। सान्याल से डिंग अंब और उससे आगे कई इलाकों में कई किलोमीटर तक तलाशी अभियान चल रहा है।
तकनीकी और निगरानी उपकरणों से लैस सेना, एनएसजी, बीएसएफ, पुलिस, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और सीआरपीएफ के इस अभियान में हेलीकॉप्टर, यूएवी, ड्रोन, बुलेटप्रूफ वाहन और खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों ने विभिन्न इलाकों में कई लोगों से पूछताछ की है और तीन संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया है। मंगलवार को तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने दो ग्रेनेड बरामद किए। सान्याल के जंगलों में गोला-बारूद और अन्य सामग्रियों के बड़े जखीरे के बीच मिले ट्रैकसूट पिछले साल जून और अगस्त में अस्सर के जंगलों और डोडा में मारे गए जैश के चार आतंकवादियों द्वारा पहने गए ट्रैकसूट के समान थे।
वहीं इलाके के स्थानीय लोग भी सुरक्षाबलों के अभियान में शामिल हो गए हैं और उन्होंने अन्य इलाकों के लोगों से सतर्क रहने और अपने इलाकों में संदिग्ध व्यक्तियों की किसी भी गतिविधि की सूचना देने का आग्रह किया है।
पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात के नेतृत्व में अभियान रविवार शाम को हीरानगर सेक्टर में सुरक्षाबलों और एक जंगली क्षेत्र में छिपे आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के बाद शुरू किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस के विशेष अभियान समूह ने पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग पांच किलोमीटर दूर सान्याल गांव के वन क्षंत्र में ढोक (स्थानीय बाड़े) के अंदर छिपे आतंकवादियों के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद अभियान शुरू किया। छिपे हुए आतंकवादियों ने पुलिस दल पर गोलीबारी शुरू कर दी जिसके परिणामस्वरूप आधे घंटे से अधिक समय तक गोलीबारी चली।
शनिवार को खड्ड के रास्ते या नवनिर्मित सुरंग के माध्यम से घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू होने पर तुरंत अतिरिक्त बल भेजा गया था। अधिकारियों ने कहा कि शुरुआती गोलीबारी में कोई हताहत नहीं हुआ और भोर में सुरक्षाबलों के आने से पहले रात भर इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही।
हालांकि आतंकवादियों के साथ आगे कोई मुठभेड़ नहीं हुई लेकिन सोमवार को तलाशी दलों को एम4 कार्बाइन की चार भरी हुई मैगजीन, दो ग्रेनेड, एक बुलेटप्रूफ जैकेट, स्लीपिंग बैग, ट्रैकसूट और खाने के कई पैकेट मिले थे।
नई दिल्ली, 26 मार्च । राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने आज सदन में कहा कि देश में सभी संस्थाओं को एक साथ मिलकर काम करना है। जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर मिले जले नोटों की जांच ठीक से होनी चाहिए। उन्होंने सदन में यह टिप्पणी कल हुई सर्वदलीय बैठक की जानकारी देते हुए की। धनखड़ ने इस बैठक को सार्थक बताया।
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा जनता के मन को झकझोर रहा है। बैठक में सदन के नेता और विपक्ष के नेता सहित राजनीतिक दलों के नेताओं की गरिमामयी उपस्थिति रही। विस्तार में जाने की आवश्यकता नहीं है। विचार-विमर्श सर्वसम्मति से हुआ। यह चिंता को दर्शाता है। यह मुद्दा संस्थाओं के बीच का नहीं है। ऐसा नहीं है कि कार्यपालिका, विधायिका या न्यायपालिका एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी हैं।
उन्होंने कहा कि सदन के नेता और विपक्ष के नेता अपने-अपने दलों और अन्य सभी संबंधित पक्षों से व्यापक परामर्श करेंगे। इसके बाद वे आगे के विचार-विमर्श के लिए उनके समक्ष आएंगे। सदन के नेता और विपक्ष के नेता दोनों ने अन्य लोगों के साथ अपने विचार साझा करने के बाद यही निष्कर्ष निकाला है।
उल्लेखनीय है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर कथित तौर पर भारी मात्रा में जले नोटों की जांच शुरू हो चुकी है। इस मामले पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कल सर्वदलीय बैठक आहूत की थी। हालांकि बैठक में इस मसले पर कोई समाधान नहीं निकल सका। अगले हफ्ते सदन में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।
रायपुर 26 मार्च । छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के रायपुर के सरकारी और भिलाई के निजी आवास पर आज सुबह सीबीआई ने छापा मारा। इसकी भनक मिलते ही कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचने लगे। बंगले के चारों ओर बैरिकेट्स लगाकर पुलिस को तैनात किया गया है।
इस दौरान कॉलोनी में रहने वाले एक कांग्रेस कार्यकर्ता और पुलिस के बीच झड़प हो गई। बताया जा रहा है कि वह बघेल सर्मथकों को लेकर घर के अंदर जाने की कोशिश कर रहा था। पुलिस के रोकने पर वह गुस्से में आकर तू-तू मैं-मैं में उतर आया।
बताया गया है कि सीबीआई ने भूपेश के कई सहयोगियों और करीबियों के घरों पर भी धावा बोला है। भिलाई में ही विधायक देवेंद्र यादव के घर पर भी सीबीआई की टीम पहुंची है। इसके अलावा पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा, आईपीएस अभिषेक पल्लव के भिलाई निवास, आईपीएस आरिफ शेख, पूर्व रायपुर आईजी और वरिष्ठ आईपीएस आनंद छाबड़ा के शांति नगर सरकारी आवास पर सीबीआई के अधिकारियों ने छापा मारा है।
बिहार में नव नालंदा महाविहार डीम्ड यूनिवर्सिटी (एनएनएम) जल्द ही मलेशिया की मदद से बौद्ध आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पेश करेगी।
एनएनएम डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय मलेशिया की मदद से विशेष रूप से डिजाइन की गई नव नालंदा महाविहार नोरबू - एआई प्रणाली शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि विशेष एआई प्रणाली और चैटबॉट को शुरू करने के लिए दो पक्षों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। कुलपति ने कहा कि इससे नालंदा परंपरा को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी और यह भगवान बुद्ध की शिक्षाओं तक एक अभिनव तरीके से पहुँचने में मदद करेगा। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि यह भारत में अपनी तरह की एक विशेष पहल होगी।
नव नालंदा महाविहार ने शैक्षणिक आदान-प्रदान के लिए दुनिया के कई प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ सहयोग किया है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि ये शैक्षणिक संस्थान जापान, ताइवान, अमेरिका, वियतनाम और थाईलैंड हैं।
नव नालंदा महाविहार डीम्ड विश्वविद्यालय (एनएनएम) केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत एक विश्वसनीय संस्थान है, जो बौद्ध अध्ययन और पाली, संस्कृत, तिब्बती अध्ययन, चीनी, जापानी और अन्य जैसी कई भाषाओं में शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में लगा हुआ है।
प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के विरासत स्थल के पास स्थित यह संस्थान बौद्ध कला और संस्कृति के प्रसार और अपने शैक्षणिक कौशल के माध्यम से विदेशों के साथ संबंधों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर काम कर रहा है। यह आगामी शैक्षणिक सत्र में नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है।
तेलंगाना में बचावकर्मियों ने नागरकुरनूल जिले में आंशिक रूप से ध्वस्त श्रीशैलम लेफ्ट बैंक नहर (एसएलबीसी) सुरंग परियोजना से एक महीने से अधिक समय बाद एक और शव बरामद किया। जिला कलेक्टर बदावथ संतोष ने मीडिया को बताया कि कल सर्च ऑपरेशन के दौरान शव बरामद किया गया। इसके साथ ही अब तक बरामद शवों की कुल संख्या दो हो गई है।
मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार के रूप में हुई है, जो सुरंग परियोजना की अनुबंध फर्म में इंजीनियर के रूप में काम करता था। शव को नियमों के अनुसार अन्य प्रक्रियाओं के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया गया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मृतक के पार्थिव शरीर को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में उसके पैतृक स्थान पर भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जब तक सभी फंसे हुए लोगों का पता नहीं चल जाता, तब तक तलाशी अभियान जारी रखा जाए। गौरतलब है कि पिछले महीने जब सुरंग ढही थी, तब दो इंजीनियरों समेत 8 लोग उसमें फंस गए थे।
उत्तराखंड के बाद गुजरात समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला देश का दूसरा राज्य बन जाएगा। राज्य के कानून मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कल राज्य विधानसभा में यह बात कही।
आकाशवाणी संवाददाता ने खबर दी है कि राज्य के कानून मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने का निर्णय राज्य के सभी लोगों के लिए समान न्याय सुनिश्चित करने और एक भारत श्रेष्ठ भारत की अवधारणा को साकार करने की दिशा में एक कदम है।
इस दिशा में राज्य सरकार ने राज्य के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मूल्यांकन और मसौदा तैयार करने के लिए न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। समिति ने निवासियों, सामाजिक राजनीतिक संगठनों से सुझाव आमंत्रित किए हैं, कानून बनाने में अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सुझाव प्रस्तुत करने की समय सीमा 15 अप्रैल, 2025 तक बढ़ा दी गई है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर और संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष दूत जूली बिशप ने कल नई दिल्ली में बातचीत की, जिसमें म्यांमार में तेजी से बदलते हालात पर चर्चा हुई। बिशप इस समय भारत की यात्रा पर हैं।
पिछले साल अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बिशप को म्यांमार के लिए अपना विशेष दूत नियुक्त किया था। 1 फरवरी, 2021 को तख्तापलट के ज़रिए सेना द्वारा सत्ता हथियाने के बाद से म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर व्यापक हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
प्रतिरोध बलों ने पहले ही भारत, चीन और बांग्लादेश के साथ सीमाओं पर कई प्रमुख व्यापारिक बिंदुओं पर कब्ज़ा कर लिया है। म्यांमार भारत के रणनीतिक पड़ोसियों में से एक है, और यह उग्रवाद प्रभावित नागालैंड और मणिपुर सहित कई पूर्वोत्तर राज्यों के साथ 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है।
भारत के सामाजिक सुरक्षा कवरेज में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के अनुसार, भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज 2021 में 24.4 प्रतिशत से दोगुना होकर 2024 में 48.8 प्रतिशत हो गया है।
आईएलओ विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट 2024-26 का हवाला देते हुए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने कार्यबल में सामाजिक सुरक्षा लाभों के विस्तार में हुई प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत के युवाओं को कौशल प्रदान करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी प्रतिभा वैश्विक प्रभाव डाले।
डॉ. मंडाविया 'लोगों में निवेश' विषय पर बजट के बाद आयोजित वेबिनार में बोल रहे थे। रोजगार संबंधी पहलों पर प्रकाश डालते हुए श्री मंडाविया ने बताया कि 2014 से 2024 के बीच 17.1 करोड़ नौकरियां सृजित की गईं, जिनमें से 4.6 करोड़ नौकरियां अकेले पिछले वर्ष सृजित की गईं।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी दर 2017-18 में 6 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत हो गई है, जबकि महिला कार्यबल की भागीदारी 22 प्रतिशत से बढ़कर 40.3 प्रतिशत हो गई है। श्री मंडाविया ने इन उपलब्धियों का श्रेय आर्थिक विकास और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार की प्रगतिशील नीतियों को दिया।
पूर्व कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को नीति आयोग का पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया गया है। झारखंड कैडर के 1982 बैच के आईएएस अधिकारी श्री गौबा ने 2019 से अगस्त 2024 तक पांच साल तक देश के शीर्ष नौकरशाह के रूप में कार्य किया। उन्होंने भारत की कोविड-19 प्रतिक्रिया और आर्थिक सुधार रणनीतियों सहित प्रमुख नीतिगत निर्णयों को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
श्री गौबा केंद्रीय गृह सचिव, शहरी विकास मंत्रालय में सचिव और झारखंड के मुख्य सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं। प्रधानमंत्री द्वारा स्वीकृत नियुक्ति के बाद श्री गौबा नीति आयोग के अन्य पूर्णकालिक सदस्यों के समान ही राष्ट्र की सेवा करते रहेंगे, जिससे भारत के प्रशासनिक परिदृश्य में उनकी विरासत और मजबूत होगी।
भारत ने अपनी पहली स्वदेशी चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई) मशीन विकसित की है, जिसे परीक्षण के लिए अक्टूबर तक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली में स्थापित किया जाएगा।
इस कदम का उद्देश्य उपचार लागत और आयातित चिकित्सा उपकरणों पर निर्भरता को कम करना है, क्योंकि वर्तमान में 80-85 प्रतिशत उपकरण आयात किए जाते हैं। स्वदेशी एमआरआई मशीन भारत को चिकित्सा प्रौद्योगिकी में अधिक आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी। पत्रकारों से बात करते हुए, एम्स नई दिल्ली के निदेशक एम श्रीनिवास ने कहा कि इस पहल से विभिन्न कंपनियों और संस्थानों को आवश्यक बदलाव करने और यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि देश के पास दुनिया के सर्वश्रेष्ठ उपकरण हों।
संसद ने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 पारित कर दिया है, जिसे आज राज्यसभा ने भी मंजूरी दे दी है। लोकसभा ने इसे पिछले साल दिसंबर में पारित किया था। यह विधेयक आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 में संशोधन करता है और इसका उद्देश्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (एसडीएमए) के कुशल कामकाज को मजबूत करना है।
विधेयक में राष्ट्रीय कार्यकारी समिति और राज्य कार्यकारी समिति के बजाय राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा योजना तैयार करने का अधिकार एनडीएमए और एसडीएमए को दिया गया है। विधेयक में राज्य सरकार को राज्य की राजधानियों और नगर निगम वाले शहरों के लिए अलग शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बनाने का अधिकार भी दिया गया है। विधेयक में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा डेटाबेस बनाने का प्रावधान किया गया है।
विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आपदाओं का आकार और पैमाना बदल गया है, और प्रतिक्रियाओं को भी उसी के अनुसार बदलना होगा। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के साथ सरकार का लक्ष्य प्रतिक्रियात्मक प्रतिक्रिया से सक्रिय जोखिम न्यूनीकरण की ओर बढ़ना है।
गृह मंत्री ने कहा कि सरकार मैनुअल निगरानी से आगे बढ़कर एआई आधारित रियल टाइम निगरानी की ओर बढ़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि विधेयक के माध्यम से सरकार सरकार के नेतृत्व वाली प्रतिक्रिया से आगे बढ़कर बहुआयामी प्रतिक्रिया की ओर बढ़ना चाहती है जिसमें समाज और नागरिक शामिल हों। श्री शाह ने कहा कि भारत ने आपदा प्रबंधन में प्रगति के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जगह बनाई है। विपक्ष के केंद्रीकरण के आरोप पर श्री शाह ने कहा कि विधेयक के तहत सबसे बड़ी शक्ति जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दी गई है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन समवर्ती सूची में है और यह केंद्र और राज्य दोनों का विषय है।
इससे पहले चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के नीरज डांगी ने पूछा कि विधेयक में पीएम केयर्स फंड के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है और न ही यह बताया गया है कि इसका इस्तेमाल कैसे किया जाएगा। सत्ता पक्ष ने सरकार के कोविड-19 प्रबंधन पर श्री डांगी की टिप्पणी का विरोध किया।
बहस में हिस्सा लेते हुए भाजपा के बृजलाल ने कहा कि आपदा प्रबंधन की मुख्य जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आपदाओं के मामले में राज्यों को हरसंभव मदद मुहैया कराती है। श्री लाल ने कहा कि आपदा संभावित क्षेत्रों में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए एनडीआरएफ बटालियनों की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 23 जून 2023 तक 19 राज्यों में एसडीआरएफ बटालियनों की स्थापना के लिए छह हजार एक सौ चौरानबे करोड़ रुपये दिए हैं।
टीएमसी के रीताब्रत बनर्जी ने एनडीए शासित केंद्र सरकार पर विपक्षी शासित राज्यों का फंड रोकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है।
एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल ने हर स्तर पर आपदा तैयारियों को मजबूत करने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन भी आपदाओं से जूझ रहे राज्यों के लिए एक बड़ा खतरा है। केरल का उदाहरण देते हुए सीपीआई (एम) के एए रहीम ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे राज्यों को बहुत कम धन आवंटित कर रही है। सीपीआई सांसद संदोष कुमार पी ने विधेयक को और अधिक जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति को भेजने का सुझाव दिया।
संसद ने बॉयलर विधेयक, 2024 पारित कर दिया है, जिसे आज लोकसभा ने मंजूरी दे दी है। यह विधेयक बॉयलर अधिनियम, 1923 को निरस्त करता है, तथा बॉयलर के विनियमन और स्टीम बॉयलर के विस्फोट के खतरे से लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए प्रावधान करता है। राज्य सभा पिछले साल दिसंबर में ही इस विधेयक को पारित कर चुकी है। यह विधेयक देश में बॉयलर के निर्माण और उपयोग के दौरान पंजीकरण और निरीक्षण में एकरूपता का भी प्रावधान करता है।
व्यापार को आसान बनाने के लिए, इस विधेयक से एमएसएमई क्षेत्र सहित बॉयलर उपयोगकर्ताओं को लाभ होगा, क्योंकि विधेयक में गैर-अपराधीकरण से संबंधित प्रावधान शामिल किए गए हैं। बॉयलर और बॉयलर से निपटने वाले कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सात अपराधों में से चार प्रमुख अपराधों में, जिनके परिणामस्वरूप जान और संपत्ति का नुकसान हो सकता है, आपराधिक दंड को विधेयक में बरकरार रखा गया है। अन्य अपराधों के लिए, राजकोषीय दंड का प्रावधान किया गया है।
लोकसभा में विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सभी हितधारकों से चर्चा के बाद विधेयक को संसद में लाया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सहकारी संघवाद में विश्वास करती है और राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण करने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि नया कानून व्यापार करने में आसानी और जीवन जीने में आसानी के दृष्टिकोण को दर्शाता है। श्री गोयल ने कहा, आज कई देश भारत के साथ सहयोग करना चाहते हैं क्योंकि सरकार व्यापार करने में आसानी की अवधारणा को बढ़ावा दे रही है।
विपक्ष के इस आरोप का जवाब देते हुए कि तीसरे पक्ष द्वारा निरीक्षण की अनुमति देने से सुरक्षा संबंधी मुद्दों से समझौता हो सकता है, श्री गोयल ने कहा, "यह प्रावधान 2007 में यूपीए सरकार के दौरान जोड़ा गया था और वर्तमान सरकार ने इस कानून में कोई बदलाव नहीं किया है। उन्होंने सदन को बताया कि सरकार ने विधेयक में सुरक्षा पहलुओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि छोटे कारोबारियों की सुविधा के लिए प्रक्रियाओं को भी आसान बनाया गया है। श्री गोयल ने यह भी कहा कि सरकार ने जलवायु परिवर्तन पर भी पूरा ध्यान दिया है।"
इससे पहले चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के डॉ. कल्याण वैजीनाथ राव ने कहा कि सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्रमाणन तथा उसके नवीनीकरण से संबंधित मुद्दों को सुलझाने से संबंधित मानदंडों पर स्पष्टता होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से औद्योगिक बॉयलरों से होने वाले प्रदूषण से संबंधित मुद्दे को सुलझाने का भी आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि पहले बॉयलर अधिनियम, 1923 में राज्य सरकार की कोई परिभाषा नहीं थी, लेकिन अब विधेयक में राज्य सरकार की परिभाषा को शामिल कर दिया गया है।
भाजपा के राजकुमार चाहर ने कहा कि उद्योगों में लगे श्रमिकों की सुरक्षा की दृष्टि से यह कानून बहुत महत्वपूर्ण है और यह सरकार की प्राथमिकता भी है। कानून में किए गए प्रावधानों से बॉयलर विस्फोट की घटनाओं में कमी आएगी तथा बॉयलरों का रखरखाव और निगरानी सुनिश्चित होगी।
सपा के आनंद भदौरिया ने कहा कि सरकार ने बॉयलर विस्फोट की घटना के मामले में छोटे और बड़े उद्योगपतियों के लिए एक समान वित्तीय दंड का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को बड़े उद्योगपतियों के लिए दंड बढ़ाना चाहिए ताकि वे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कुशल इंजीनियरों और तकनीकी टीमों को नियुक्त करें।
चर्चा में तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, द्रमुक के डीएम कथिर आनंद, जदयू के कौशलेन्द्र कुमार, कांग्रेस के शेर सिंह घुबाया, राजद के अभय कुमार सिन्हा और आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन सहित अन्य सदस्यों ने भाग लिया।
सियोल, 26 मार्च। दक्षिण कोरिया के दक्षिण-पूर्व के जंगल में लगी आग ने विकराल रूप ले लिया है। आग को नियंत्रित करने की कोशिश जारी है। इस दौरान जंगल में स्थित दक्षिण कोरिया का सदियों पुराना बौद्ध मंदिर नष्ट हो गया है। आग में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई है। कोरियाई बौद्ध धर्म के जोग्ये संप्रदाय ने नष्ट हुए बौद्ध मंदिर की तस्वीरें जारी की हैं।
अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन की खबर के अनुसार, जोग्ये संप्रदाय ने कहा कि देश की राजधानी सियोल से 125 मील (200 किलोमीटर) से अधिक दूर दक्षिण-पूर्व में स्थित उइसोंग काउंटी में 1,300 साल पुराना गौंसा मंदिर पूरी तरह जलकर राख हो गया है। इसमें केवल इसकी औपचारिक घंटी ही बची हुई है। मगर इस ऐतिहासिक स्थल पर मौजूद कुछ कलाकृतियां बच गई हैं।
दक्षिण कोरिया के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, देश के दक्षिणी क्षेत्रों के जंगल में शुष्क हवा और तेज हवाओं के कारण भड़की आग में कम से कम 18 लोग मारे गए हैं और 19 अन्य झुलस गए। अधिकारियों ने बताया कि मरने वालों में चार दमकल कर्मचारी भी शामिल हैं। आग लगातार फैल रही है। आग बुझाने के लिए 10,000 से अधिक अग्निशमन कर्मियों, पुलिस और सिविल सेवकों को तैनात किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार तक आग ने 17,398 हेक्टेयर (लगभग 43,000 एकड़) से अधिक भूमि को जला दिया।
दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री और कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू ने कहा कि हाल के वर्षों में देश में यह सबसे भीषण आग है। इससे भारी क्षति हुई है। हान ने कहा कि यह चिंताजनक है। द कोरिया हेराल्ड अखबार के अनुसार, केंद्रीय आपदा एवं सुरक्षा प्रतिवाद मुख्यालय की ब्रीफिंग में कहा गया है कि आग में बुधवार सुबह तक कम से कम 18 लोगों की मौत हो चुकी है। 19 लोग झुलसे हैं। एक व्यक्ति लापता है। उत्तरी ग्योंगसांग प्रांत के 14 लोग मारे गए हैं, जबकि दक्षिण ग्योंगसांग प्रांत के चार लोगों की जान चली गई है।
वाशिंगटन/मॉस्को/कीव, 26 मार्च । व्हाइट हाउस ने मंगलवार को पूरे भरोसे के साथ कहा कि यूक्रेन और रूस दोनों ने काला सागर में बल प्रयोग बंद करने पर सहमति जताई है। यह एक सैद्धांतिक समझौता है। इस पर क्रेमलिन ने व्हाइट हाउस को झटका देते हुए कठोरता के साथ कहा कि इसे लागू करने से पहले उसकी कई शर्तें हैं। समझौता तभी लागू होगा, जब उसकी शर्तें मानी जाएंगी। इस पूरे घटनाक्रम पर यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। जेलेंस्की ने मास्को पर नई शर्तें जोड़कर मध्यस्थों को धोखा देने का आरोप लगाया है।
अमेरिका के दो बयान
सीएनएन न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रात्रिकालीन संबोधन में कहा, ''वे (रूस) पहले से ही समझौतों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं और वास्तव में हमारे मध्यस्थों और पूरी दुनिया को धोखा दे रहे हैं।'' हाल के दिनों में सऊदी अरब में अमेरिकी अधिकारियों ने रूसी और यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडलों के साथ कई अलग-अलग बैठकें कीं। व्हाइट हाउस ने मंगलवार को दो बयान जारी किए। दोनों में रूस और यूक्रेन के साथ हुए समझौते की रूपरेखा का उल्लेख किया। इन बयानों में कहा गया, '' अमेरिका और संबंधित देशों में से प्रत्येक ने सुरक्षित नेविगेशन सुनिश्चित करने, बल प्रयोग को समाप्त करने और काला सागर में सैन्य उद्देश्यों के लिए वाणिज्यिक जहाजों के उपयोग को रोकने पर सहमति व्यक्त की है।''
इसके बाद जेलेंस्की का बयान आया सामने
व्हाइट हाउस के बयान के तत्काल बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कीव में संवाददाता सम्मेलन बुलाया। उन्होंने पुष्टि की कि यूक्रेन काला सागर में सैन्य बल का प्रयोग बंद करने पर सहमत हो गया है। इसी दौरान क्रेमलिन के बयान में कहा गया कि वह इस समझौते को तभी लागू करेगा जब उसके बैंकों और खाद्य और उर्वरक निर्यात पर प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे। ऐसा माना जाता है कि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर बिना उकसावे के आक्रमण शुरू करने के बाद रूस पर यह प्रतिबंध लगाए गए थे।
ट्रंप बोले-रूस की शर्तों पर होगा विचार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि उनका प्रशासन रूस की शर्तों पर विचार कर रहा है। राष्ट्रपति ने कहा, पांच या छह शर्तें हैं। हम उन सभी पर विचार कर रहे हैं।'' दिन में विचार रखने के बाद जेलेंस्की ने रात्रिकालीन संबोधन में मॉस्को को खरी खोटी सुनाई। तो क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि रूस चाहता है कि यह समझौता निष्पक्ष हो। यह याद रखना है कि पिछली बार हमने काला सागर समझौते को वास्तव में लागू करने का प्रयास किया था। मगर दूसरे पक्ष ने इसे नहीं माना। इसलिए इस बार फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ाया जाएगा।
अमेरिकी वादा
समझा जा रहा है कि काला सागर में तनाव को कम करने के अपने प्रयासों के तहत ट्रंप ने कीव और मास्को दोनों खुश किया है। इसमें एक प्रमुख वादा शामिल है-''यह समझौता "कृषि और उर्वरक निर्यात के लिए विश्व बाजार में रूस की पहुंच को बहाल करने, समुद्री बीमा लागत को कम करने और ऐसे लेनदेन के लिए बंदरगाहों और भुगतान प्रणालियों तक पहुंच बढ़ाने में मदद करेगा।'' सनद रहे कीव और उसके यूरोपीय सहयोगियों ने पहले ही युद्धविराम लागू होने से पहले प्रतिबंधों को हटाने के खिलाफ चेतावनी दी है।
ऊर्जा केंद्रों पर हमले चिंता का सबब
व्हाइट हाउस के बयानों में यह भी कहा गया कि अमेरिका और दोनों देश रूस और यूक्रेन की ऊर्जा सुविधाओं पर हमले पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक समझौते को ''कार्यान्वित करने के लिए उपाय विकसित करने'' पर सहमत हुए हैं। जेलेंस्की और क्रेमलिन ने व्हाइट हाउस के इस बयान की पुष्टि की है। क्रेमलिन ने कहा कि ऊर्जा केंद्रों पर यह रोक 18 मार्च से शुरू हुई और 30 दिनों के लिए प्रभावी होगी, लेकिन इसे बढ़ाया जा सकता है।
बाद में जेलेंस्की ने मॉस्को के इस दावे को खारिज कर दिया कि दूसरे के ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर हमला करने पर रोक लग गई है। उन्होंने कहा कि क्रेमलिन झूठ बोल रहा है। यूक्रेन के साथ वार्ता के परिणामों को रेखांकित करने वाले बयान में व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका युद्ध कैदियों के आदान-प्रदान, नागरिक बंदियों की रिहाई और जबरन स्थानांतरित यूक्रेनी बच्चों की वापसी में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।
रियाद रहा वार्ता का केंद्र
रूसी और अमेरिकी अधिकारियों ने सोमवार को रियाद के रिट्ज-कार्लटन होटल में मुलाकात की थी। इसी स्थान पर एक दिन पहले अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने यूक्रेनी अधिकारियों से मुलाकात की थी। इससे पहले यूक्रेन के रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव ने ट्रंप के दूत कीथ केलॉग से मुलाकात की थी। कहा जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र और तुर्किये की मध्यस्थता से किए गए समझौते ने यूक्रेन को समुद्र के रास्ते अनाज निर्यात करने की अनुमति दी है। उसके जहाज काला सागर के बंदरगाहों की रूसी नाकाबंदी को दरकिनार कर और वैश्विक बाजारों तक पहुंचने के लिए तुर्किये के बोस्फोरस जलडमरूमध्य के जलमार्ग से सुरक्षित गुजरेंगे। इस पर रूस के विदेशमंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को कहा कि मॉस्को रूसी और अमेरिकी अधिकारियों के बीच दूसरे दौर की वार्ता के परिणामों का विश्लेषण कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में ट्रंप और पुतिन के बीच बातचीत की कोई योजना नहीं है।
बांग्लादेश आज अपना 55वां स्वतंत्रता दिवस और राष्ट्रीय दिवस मना रहा है। इस दिन को पूरे सम्मान और गंभीरता के साथ मनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
26 मार्च 1971 तक, पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) को पश्चिमी पाकिस्तान के शासन के तहत महत्वपूर्ण राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक भेदभाव का सामना करना पड़ा। शेख मुजीबुर रहमान के नेतृत्व वाली अवामी लीग ने दिसंबर 1970 के चुनावों में भारी जीत हासिल की थी, लेकिन पश्चिमी पाकिस्तान के अधिकारियों ने सत्ता हस्तांतरण से इनकार कर दिया, जिससे पूर्वी पाकिस्तान में व्यापक निराशा फैल गई।
25 मार्च 1971 की रात को, पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू किया, जो स्वायत्तता की मांग को दबाने के उद्देश्य से एक क्रूर कार्रवाई थी, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर हत्याएं और व्यापक विस्थापन हुआ। जवाब में, शेख मुजीबुर रहमान ने स्वतंत्रता की घोषणा की, लेकिन कुछ ही समय बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 26 मार्च को, मेजर जियाउर रहमान ने रेडियो पर स्वतंत्रता की घोषणा की, जिसने बांग्लादेश मुक्ति युद्ध की आधिकारिक शुरुआत को चिह्नित किया। नौ महीने तक चले युद्ध में तीन मिलियन लोगों की जान चली गई और दो लाख महिलाओं की गरिमा का हनन हुआ।
हालांकि, राष्ट्र के साहस और बलिदान ने जीत दिलाई और 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश ने अपनी लंबे समय से प्रतीक्षित स्वतंत्रता हासिल की। स्वतंत्रता और राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर, राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन और मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने राष्ट्र को अपनी शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में, राष्ट्रपति ने प्रत्येक नागरिक से समाज में अपने स्थान से ऊपर उठने और भेदभाव और शोषण से मुक्त बांग्लादेश के सपने में योगदान देने का आग्रह किया।
यूनुस ने अपने संदेश में मुक्ति संग्राम की भावना को अपनाते हुए देश के विकास, शांति और समृद्धि के लिए काम करने की शपथ लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "स्वतंत्रता की प्राप्ति सम्मान, अस्तित्व और अधिकारों की प्राप्ति के लिए हमारे लंबे संघर्ष का अंतिम चरण था।
इससे पहले मंगलवार शाम को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रोफेसर यूनुस ने दोहराया कि राष्ट्रीय चुनाव इस साल दिसंबर से अगले साल जून के बीच किसी समय आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि अगला चुनाव बांग्लादेश के इतिहास में सबसे स्वतंत्र, निष्पक्ष और स्वीकार्य हो।" उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार देश के इतिहास में सबसे स्वतंत्र, निष्पक्ष और स्वीकार्य चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
आज दैलेख में श्री नेपाल राष्ट्रीय माध्यमिक विद्यालय बहुउद्देशीय भवन के निर्माण की आधारशिला कर्णाली प्रांत सरकार के सामाजिक विकास मंत्री घनश्याम भंडारी, काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास में काउंसलर अविनाश कुमार सिंह और डुल्लू नगर पालिका के मेयर श्री भरत प्रसाद रिजाल ने संयुक्त रूप से रखी। इस अवसर पर राजनीतिक प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और विद्यालय के शिक्षक, छात्र और उनके अभिभावक भी मौजूद थे।
श्री नेपाल राष्ट्रीय माध्यमिक विद्यालय बहुउद्देशीय भवन का निर्माण भारत सरकार की वित्तीय सहायता से नेपाल-भारत विकास सहयोग के अंतर्गत 39 मिलियन नेपाली रुपये की परियोजना लागत से किया जा रहा है। नेपाल-भारत विकास सहयोग के अंतर्गत भारत सरकार के अनुदान का उपयोग साढ़े तीन मंजिली इमारत के निर्माण के लिए किया जा रहा है, जिसमें हस्तशिल्प प्रदर्शन क्षेत्र, पुस्तकालय, डुल्लू साम्राज्य से संबंधित सांस्कृतिक खंड, बहुउद्देशीय हॉल, कार्यालय क्षेत्र और अन्य संबद्ध सुविधाएं शामिल होंगी।
इस परियोजना को उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजना (HICDP) के रूप में लिया जा रहा है और इसे डुल्लू नगर पालिका, दैलेख के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है। HICDP का कार्यान्वयन नेपाल सरकार द्वारा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को बढ़ाकर अपने लोगों की वृद्धि और विकास में किए जा रहे प्रयासों को बढ़ावा देने में भारत सरकार के निरंतर समर्थन को दर्शाता है।
अमेरिकी सांसदों की एक द्विदलीय जोड़ी ने पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल सैयद असीम मुनीर और अन्य जनरलों और अधिकारियों पर जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सहित राजनीतिक विरोधियों पर मुकदमा चलाने के लिए प्रतिबंध लगाने का आह्वान करते हुए एक विधेयक पेश किया है।
पाकिस्तान डेमोक्रेसी एक्ट नामक इस विधेयक को रिपब्लिकन पार्टी के जो विल्सन और डेमोक्रेटिक पार्टी के जिमी पैनेटा ने पेश किया था। विधेयक में ग्लोबल मैग्निट्स्की ह्यूमन राइट्स अकाउंटेबिलिटी एक्ट 2017 के तहत कानून बनने के 180 दिनों के भीतर इन प्रतिबंधों की परिकल्पना की गई है, जिसका इस्तेमाल अमेरिका द्वारा विदेशी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए किया गया है। विधेयक में जनरल मुनीर पर जानबूझकर राजनीतिक विरोधियों के गलत उत्पीड़न और कारावास में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। यह इस 'उत्पीड़न' में कथित रूप से शामिल अन्य लोगों की पहचान करने और उन्हें इसी तरह की कार्रवाइयों के लिए लक्षित करने का भी प्रयास करता है।
इस्लामाबाद, 25 मार्च । पाकिस्तान के सर्वाधिक अशांत प्रांत बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने राज्य विरोधी गतिविधियों में शामिल सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने सभी आयुक्तों और जिला अधिकारियों को ऐसे कर्मचारियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के आदेश जारी किए। उन्होंने सोमवार को बलूचिस्तान में समग्र कानून और व्यवस्था की स्थिति पर एक उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों का यह आचरण अस्वीकार्य है।
पाकिस्तान के समाचार द न्यूज के अनुसार, बैठक में बलूचिस्तान के मुख्य सचिव शकील कादिर खान, पुलिस महानिरीक्षक मोजाम जाह अंसारी, प्रमुख विभागों के सचिव, सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद, सभी संभागीय आयुक्त, उपायुक्त, डीआईजी और जिला पुलिस अधिकारियों ने एक वीडियो लिंक के माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया। बुगती ने कहा कि बलूचिस्तान में कोई भी राजमार्ग बंद नहीं किया जाए। जिलास्तर पर राज्य विरोधी तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जा। प्रांत के सभी शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रगान अवश्य बजाया जाना चाहिए और राष्ट्रीय ध्वज अवश्य फहराया जाना चाहिए। इन आदेशों का पालन न करने वाले संस्थानों के प्रमुखों को इस्तीफा देना होगा।
मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी जो सरकारी नीतियों के अनुसार काम नहीं कर सकता है, उसे स्वेच्छा से इस्तीफा दे देना चाहिए। बलूचिस्तान में किसी भी चौकी पर जबरन वसूली को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए संबंधित एसएचओ या लेवी अधिकारी को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के दुश्मन बलूच युवाओं को एक निरर्थक युद्ध के लिए गुमराह कर रहे हैं। बलूचिस्तान की संस्कृति परंपराओं से समृद्ध है और निर्दोष मजदूरों और यात्रियों की हत्या एक क्रूर कृत्य है। आज कृत्रिम रूप से थोपी जा रही संस्कृति असली बलूच संस्कृति नहीं है, जहां महिलाओं ने अपने घूंघट हटा दिए हैं और पुरुषों ने अपने चेहरे ढक लिए हैं। उन्होंने आग्रह किया कि युवाओं को निरर्थक युद्ध में ले जाने के बजाय उन्हें विकास और समृद्धि के मार्ग पर ले जाना चाहिए।
वाशिंगटन। फिलिस्तीन समर्थक एक छात्रा ने सोमवार को ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा किया है। आरोप लगाया गया है कि अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग ने उसे फिलिस्तीनी समर्थक प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के बाद निष्कासित करने के लिए हिरासत में लेने का प्रयास किया। यह सब राजनीतिक प्रतिशोध की वजह से हुआ। मांग की गई है कि 'फिलिस्तीनी अधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शनों से जुड़े व्यक्तियों को आव्रजन प्रवर्तन के लिए लक्षित करने के पैटर्न और अभ्यास' पर रोक लगाई जाए।
न्यूज चैनल सीएनएन की खबर में मुकदमे में दर्ज विवरण के आधार पर यह जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि 21 वर्षीय युनसेओ चुंग अमेरिका की स्थायी निवासी है। वह अमेरिका में लंबे समय से रह रही हैं। वह सात साल की थी जब उसका परिवार दक्षिण कोरिया से अमेरिका आया था। वह न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय की जूनियर छात्रा है। वह कोलंबिया अंडर ग्रेजुएट लॉ रिव्यू में भी शामिल रही है। कानूनी क्षेत्र में इंटर्नशिप की है।
चुंग के वकीलों का तर्क है कि उनका मुवक्किल गैर-नागरिकों की कतार में से एक है, जिसमें महमूद खलील और रंजनी श्रीनिवासन शामिल हैं, जिन्हें ट्रंप प्रशासन फिलिस्तीनी अधिकारों के समर्थन में बोलने के लिए दंडित कर रहा है। यह कार्रवाई राज्य विभाग और होमलैंड सुरक्षा विभाग की अपनाई गई नीति के माध्यम से की जा रही है। मुकदमे में कहा गया है कि चुंग ने हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध के खिलाफ कैंपस में विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया। उन्हें विश्वविद्यालय की इमारतों पर पोस्टर लगाने के लिए अनुशासनात्मक प्रक्रिया का सामना करना पड़ा।
वकीलों के अनुसार, 5 मार्च को चुंग ने कोलंबिया विश्वविद्यालय प्रशासन की दी गई अत्यधिक सजा के विरोध में विद्यार्थियों के धरने में भाग लिया। इस दौरान उसे न्यूयॉर्क पुलिस ने गिरफ्तार किया। मुकदमे में कहा गया है कि विश्वविद्यालय ने गिरफ्तारी के कारण चुंग के परिसर में आने-जाने पर रोक लगा दी। संघीय कानून प्रवर्तन अधिकारी ने 10 मार्च को चुंग के वकील को बताया कि उसकी वैध स्थायी निवासी स्थिति को "रद्द" किया जा रहा है।मुकदमे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पामेला बॉन्डी, होमलैंड सुरक्षा मंत्री क्रिस्टी नोएम साथ ही आईसीई के कार्यवाहक निदेशक टॉड एम. लियोन्स और न्यूयॉर्क आसीई के कार्यवाहक फील्ड ऑफिस निदेशक विलियम पी. जॉयस को प्रतिवादी बनाया गया है।
होमलैंड सुरक्षा विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि चुंग को आव्रजन कानूनों के तहत निष्कासन कार्यवाही के लिए बुलाया जा रहा है। चुंग का आचरण चिंताजनक है। चुंग को आव्रजन न्यायाधीश के समक्ष अपना मामला प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।
यरुशलम। इजराइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में ऑस्कर विजेता फिल्म 'नो अदर लैंड' के फिलिस्तीनी सह-निर्देशक हमदान बल्लाल पर हमला हुआ है। आरोप है कि यहां बसे इजराइली समूह ने इनको पीटा और इसके बाद इजराइली सैनिक उन्हें अपने साथ ले गए। अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन को उनके सहयोगियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने यह जानकारी दी।
इस फिल्म के निर्देशन में सहयोगी बेसल अद्रा के अनुसार, वह सोमवार को हमदान को देखने उनके घर गए थे। वो सुस्या गांव में रहते हैं। उन्होंने परेशानी में बुलाया था। बल्लाल के घर के बाहर इजराइलियों का एक समूह पथराव कर रहा था। इजराइली पुलिस और सेना भी उनके घर के बाहर थी। इजराइली सैनिक उन सभी पर गोलियां चला रहे थे।
सीएनएन की खबर के अनुसार, इजराइली सेना ने कहा कि फिलिस्तीनियों और इजराइलियों के बीच हिंसक टकराव की सूचना पर वहां पहुंचे थे। यह टकराव आतंकवादियों के इजराइली नागरिकों पर पथराव के बाद शुरू हुआ। कुछ आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर भी पत्थर फेंके। इसके बाद तीन फिलिस्तीनी और एक इजराइली नागरिक को पूछताछ के लिए ले जाया गया।
इस फिल्म के एक अन्य सह-निर्देशक और इजराइली मूल के युवल अब्राहम ने कहा कि बल्लाल के सिर और पेट में चोटें आई हैं। उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल रहा है। यहूदी अहिंसा केंद्र में रहने वाले पांच अमेरिकी कार्यकर्ताओं ने कहा कि वह घटनास्थल पर मौजूद थे। हम लोगों पर भी इजराइल के निवासियों ने हमला किया। बल्लाल को गिरफ्तार करते उन्होंने नहीं देखा।
उल्लेखनीय है कि 'नो अदर लैंड' फिल्म का निर्माण संयुक्त रूप से इजराइल और फिलिस्तीन के निर्देशकों ने किया है। यह फिल्म वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों को उनके घरों से बेदखल करने की कहानी बयां करती है। बल्लाल को इससे पहले भी डराया और धमकाया जा चुका है।
नो अदर लैंड में वेस्ट बैंक के हेब्रोन की पहाड़ियों पर स्थित गांवों में इजराइली अधिकारियों के विध्वंस का दस्तावेजीकरण किया गया है।डॉक्यूमेंट्री में ग्रामीणों को बलपूर्वक बेदखल करने के इजराइली सरकार के प्रयास को फिल्माया गया है।
नागालैंड सरकार प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए निदेशालय स्तर पर एक सौर मिशन टीम और सचिवालय स्तर पर एक सौर मिशन सेल स्थापित करेगी।
इस पहल का उद्देश्य नागालैंड में आवासीय घरों में छतों पर सौर पैनल लगाने की सुविधा प्रदान करना है। यह निर्णय 24 मार्च को कोहिमा में आयोजित नागालैंड सौर मिशन की पहली बैठक के दौरान लिया गया।
दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू रूफटॉप सौर पहल, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 13 फरवरी, 2024 को शुरू की गई थी। इस योजना का लक्ष्य रूफटॉप सौर प्रणाली की स्थापना के माध्यम से मार्च 2027 तक एक करोड़ घरों को मुफ्त बिजली प्रदान करना है।
इस योजना के तहत, पात्र परिवारों को छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने के लिए पर्याप्त सब्सिडी मिलेगी। राष्ट्रीय हरित ऊर्जा संक्रमण को और अधिक समर्थन देने के लिए, नागालैंड राज्य सरकार अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान करेगी, जिससे निवासियों पर लागत का बोझ और कम होगा। नतीजतन, छत पर सौर ऊर्जा स्थापना के लिए कुल सब्सिडी 2 किलोवाट तक की प्रणालियों के लिए 96 प्रतिशत और 3 किलोवाट तक की प्रणालियों के लिए 85 प्रतिशत तक पहुँच जाएगी, जिससे नागालैंड के लोगों के लिए सौर ऊर्जा अधिक सुलभ और सस्ती हो जाएगी।
बांग्लादेश आज नरसंहार दिवस मनाएगा, क्योंकि 1971 में आज ही के दिन पूर्वी पाकिस्तान में लाखों बांग्लादेशियों की नृशंस हत्या की गई थी। पाकिस्तानी सेना ने 25 मार्च को पूरे पूर्वी पाकिस्तान में 'ऑपरेशन सर्चलाइट' शुरू किया था, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश के लोगों को अनगिनत दुखों का सामना करना पड़ा।
यह दिन बांग्लादेश के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक है, क्योंकि इस दिन पाकिस्तानी सेना द्वारा पूरे देश में, विशेषकर ढाका में, निहत्थे बंगालियों, जिनमें छात्र, शिक्षक और पुलिसकर्मी शामिल थे, का नरसंहार किया गया था।
नरसंहार दिवस की पूर्व संध्या पर एक संदेश में, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार डॉ. मुहम्मद यूनुस ने उन शहीदों को याद किया जिन्होंने नौ महीने लंबे मुक्ति संग्राम के दौरान देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
इस अवसर पर, देश भर के स्कूलों, कॉलेजों, मदरसों और तकनीकी स्कूलों सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों में स्मरणोत्सव और चर्चा बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिसमें प्रमुख व्यक्तित्व और वीर स्वतंत्रता सेनानी भाग लेंगे। ढाका के लिबरेशन वॉर म्यूजियम में नरसंहार और मुक्ति संग्राम पर केंद्रित सेमिनार आयोजित किए जाएंगे, जो देश के इतिहास पर गहन चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करेंगे।
इतिहास के इस काले अध्याय के बारे में लोगों को शिक्षित करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए, इस नरसंहार को प्रदर्शित करने वाली दुर्लभ तस्वीरें और वृत्तचित्र ढाका और अन्य नगर निगम क्षेत्रों में प्रदर्शित किए जाएंगे।
इसके अलावा, बांग्लादेश टेलीविजन और बांग्लादेश रेडियो बेतार नरसंहार और मुक्ति संग्राम से संबंधित विभिन्न विशेष कार्यक्रम प्रसारित करेंगे। 25 मार्च, 1971 की रात को मारे गए लोगों को याद करते हुए मस्जिदों और अन्य पूजा स्थलों में विशेष प्रार्थनाएँ की जाएँगी।
संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल आज भारतीय अधिकारियों के साथ व्यापार वार्ता के लिए भारत आएगा। यह यात्रा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत सहित विभिन्न देशों पर पारस्परिक शुल्क लगाने की योजना की पृष्ठभूमि में हो रही है। अमेरिकी व्यापार अधिकारियों का यह दौरा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ये शुल्क 2 अप्रैल से लागू होने की उम्मीद है, जिससे भारतीय निर्यातकों में चिंता बढ़ गई है।
चूंकि भारत और अमेरिका टैरिफ संबंधी मुद्दों को सुलझाने और द्विपक्षीय व्यापार समझौते की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा में लगे हुए हैं, इसलिए भारत को स्पष्ट उम्मीद है कि ट्रम्प प्रशासन उसे प्रस्तावित पारस्परिक टैरिफ से छूट दे सकता है।
एक अन्य घटनाक्रम में, जो भारत के ऊर्जा क्षेत्र को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने वेनेजुएला से तेल और गैस आयात करने वाले देशों पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। इस कदम को बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच भारत की तेल आयात विविधीकरण रणनीति के लिए एक नई चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
आज न्यूज़ीलैंड के रिवर्टन तट पर 6.8 तीव्रता का एक बड़ा भूकंप आया। 10 किलोमीटर की गहराई पर आए इस भूकंप की शुरुआत में 7 तीव्रता दर्ज की गई थी। न्यूज़ीलैंड की राष्ट्रीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी वर्तमान में भूकंप का आकलन कर रही है। अब तक, एजेंसी ने साउथलैंड और फियोर्डलैंड के निवासियों को समुद्र तटों और समुद्री क्षेत्रों से दूर रहने का सुझाव दिया है क्योंकि तेज़ और असामान्य धाराएँ ख़तरा पैदा कर सकती हैं। एजेंसी ने आगे निर्देश दिया है कि जब तक सिविल डिफेंस द्वारा आधिकारिक रूप से साफ़ संदेश नहीं दिया जाता, तब तक वापस न लौटें। आगे के विवरण की प्रतीक्षा है।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ एक विशेष रणनीतिक साझेदारी विकसित कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस चीन, भारत, ईरान और उत्तर कोरिया सहित अधिकांश वैश्विक राज्यों के साथ-साथ स्वतंत्र राष्ट्रों के राष्ट्रमंडल (सीआईएस) देशों के साथ संबंधों को सक्रिय रूप से बढ़ा रहा है। रूसी समाचार एजेंसी के अनुसार, श्री लावरोव ने अलेक्जेंडर गोरचकोव पब्लिक डिप्लोमेसी फंड के न्यासी बोर्ड की बैठक को संबोधित करते हुए ये टिप्पणियां कीं।
रूसी विदेश मंत्री ने आगे कहा कि वे अधिकांश वैश्विक राज्यों के साथ संबंधों को बढ़ावा देने को प्राथमिकता देते हैं और चीन के साथ व्यापक साझेदारी और रणनीतिक सहयोग के संबंध अभूतपूर्व स्तर के आपसी विश्वास का दावा करते हैं, और ईरान और डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को विस्तारित और गहरा करने में गंभीर प्रगति हुई है।
स्वतंत्र राष्ट्रों के राष्ट्रमंडल (सीआईएस) देशों के साथ संबंधों के बारे में श्री लावरोव ने कहा कि मास्को राष्ट्रमंडल के ढांचे के भीतर, साथ ही सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन और यूरेशियन आर्थिक संघ सहित सीआईएस सदस्य देशों के बीच सहयोगियों और साझेदारों के साथ सहयोग के सभी क्षेत्रों को मजबूत करने पर विशेष जोर देता है।
ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट बी. एगेडे ने अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी योजनाबद्ध यात्रा बहुत आक्रामक अमेरिकी दबाव है। ट्रम्प प्रशासन द्वारा ग्रीनलैंड की योजनाबद्ध यात्रा का नेतृत्व उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की पत्नी उषा वेंस करेंगी, साथ ही व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और ऊर्जा सचिव क्रिस राइट भी होंगे। ग्रीनलैंडिक अखबार को दिए गए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री एगेडे ने ग्रीनलैंड में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की मौजूदगी पर सवाल उठाया और कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य ग्रीनलैंड पर शक्ति का प्रदर्शन करना है।
दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की ग्रीनलैंड यात्रा अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। ट्रंप ने इस यात्रा को मित्रतापूर्ण कार्य बताया।
इस बीच, एगेडे की वामपंथी पार्टी इनुइट अताकातिगीत द्वीप के संसदीय चुनावों में हार गई। हालांकि, एगेडे तब तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे जब तक कि नया शासन गठबंधन नहीं बन जाता।
सऊदी अरब के रियाद में यूक्रेनी संघर्ष को सुलझाने के लिए रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता चल रही है।
कल, यूक्रेनी रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव ने घोषणा की कि रियाद में अमेरिकी और यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडलों के बीच वार्ता संपन्न हो गई है। उन्होंने चर्चा को उत्पादक और केंद्रित बताया, जिसमें ऊर्जा जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई।