होटल बुकिंग के नाम पर फ्रॉड के मामलों में तेजी आ रही है
दिल्ली के एक निवासी ने गोवा में ठहरने के लिए 60,000 रुपये देकर होटल बुक किया था, लेकिन जब वह गोवा पहुंचा, तो पता चला कि जिस होटल की उसने बुकिंग की थी, वह असल में मौजूद ही नहीं था। यह एक साइबर ठगी का मामला था, जिसमें ठगों ने होटल बुकिंग के नाम पर उसे धोखा दिया। इस तरह के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, इसलिए होटल या अन्य स्थानों पर बुकिंग करते समय अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
कैसे कर रहे हैं ठग ये धोखाधड़ी?
साइबर ठग बुकिंग के नाम पर लोगों को ठगने के लिए नकली वेबसाइट का सहारा ले रहे हैं। ये वेबसाइट असली होटलों की तस्वीरें और कस्टमर रिव्यूज दिखाकर लोगों को भ्रमित करती हैं। इस जाल में फंसकर कई लोग पैसे दे देते हैं, लेकिन उन्हें असली होटल की बुकिंग नहीं मिलती। इसके अलावा, ठग सोशल मीडिया पर झूठे विज्ञापनों के जरिए भी लोगों को धोखा देते हैं। कई बार ये होटल के कर्मचारियों का रूप धरकर भी लोगों से संपर्क करते हैं और जरूरी जानकारी मांगते हैं, जिससे उनके अकाउंट्स तक पहुंच बनाते हैं।
ऐसे बचें ठगी से
साइबर क्राइम से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां अपनानी चाहिए:
- विश्वसनीय वेबसाइट से बुकिंग करें – बुकिंग से पहले वेबसाइट की वैधता की जांच करें।
- सोशल मीडिया के विज्ञापनों से सावधान रहें – लुभावने विज्ञापनों से बचें और उनकी सत्यता जांचें।
- भारी डिस्काउंट्स पर संदेह करें – यदि कोई अत्यधिक डिस्काउंट दे रहा है, तो इसे संदेह की नजर से देखें।
- होटल कर्मचारियों से जानकारी लेने पर सतर्क रहें – यदि कोई होटल कर्मचारी संवेदनशील जानकारी मांगता है, तो तुरंत कॉल काट दें और जानकारी साझा न करें।
इन बातों का ध्यान रखकर आप साइबर ठगों से बच सकते हैं और अपनी बुकिंग को सुरक्षित रख सकते हैं।