अमेरिका ने छात्र वीज़ा आवेदन खोले, भारत के साथ व्यापार वार्ता निर्णायक मोड़ पर
अमेरिकी विदेश विभाग की उप प्रवक्ता मिग्नॉन ह्यूस्टन ने घोषणा की है कि अमेरिका के लिए छात्र वीज़ा आवेदन अब खुले हैं, और उन्होंने योग्य छात्रों से जल्द आवेदन करने का आग्रह किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी वीज़ा निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिए जाते हैं, और छात्रों को केवल शिक्षा के उद्देश्य से अमेरिका आने की सलाह दी।
ह्यूस्टन ने कहा, "हम चाहते हैं कि छात्र अध्ययन के लिए आएं, न कि कैंपस में अव्यवस्था या संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के लिए।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिकी आव्रजन नीतियाँ स्थानीय नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई हैं।
अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में गति
भारत-अमेरिका संबंधों पर बोलते हुए ह्यूस्टन ने भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक रणनीतिक साझेदार बताया। उन्होंने पुष्टि की कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता जारी है और टैरिफ पर 90-दिवसीय विराम की समाप्ति से पहले, 9 जुलाई की समयसीमा तक किसी समझौते पर पहुंचने की कोशिश की जा रही है।
उप प्रवक्ता ने अमेरिका की टैरिफ नीतियों का बचाव करते हुए कहा कि वे अनुचित व्यापार प्रथाओं को नियंत्रित करने के लिए हैं, जो अमेरिकी किसानों और उद्योगों को नुकसान पहुँचा रही थीं। वहीं, भारत ने कृषि उत्पादों और बाजार पहुंच जैसे मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाया है, जिससे वार्ता में जटिलताएं बनी हुई हैं।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में आशा जताई थी कि भारत के साथ व्यापार समझौता जल्द ही संभव है, जिसमें टैरिफ में कटौती की उम्मीद है। इस दिशा में भारत के वार्ताकारों ने वाशिंगटन में अपने प्रवास को आगे बढ़ाया है ताकि संभावित अंतरिम समझौते पर सहमति बनाई जा सके।
इस तरह, एक ओर जहां अमेरिकी विश्वविद्यालयों के दरवाजे अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए फिर से खुल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारत-अमेरिका व्यापार संबंध एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं, जो आने वाले हफ्तों में दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी को गहराई दे सकते हैं।