वेटिकन सिटी, 26 अप्रैल – वेटिकन सिटी में 21 अप्रैल को चिरनिद्रा में लीन हुए पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार आज कैथोलिक चर्च की परंपरा के अनुसार बेसिलिका डी सांता मारिया मैगीगोर में किया गया। सेंट पीटर बेसिलिका के स्थान पर यह अंतिम संस्कार किया गया और यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ ईसाई धर्मगुरु के ताबूत को दफनाया गया। इस मौके पर करीब ढाई लाख लोग उपस्थित रहे, और 170 देशों से प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं ने पोप को अंतिम श्रद्धांजलि दी।
पोप को अंतिम विदाई देने वालों में लगभग 50 राष्ट्राध्यक्ष, 10 सम्राट, भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर शामिल थे। विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे भी इस समारोह में कुछ सैनिकों के साथ नजर आए।
वेटिकन प्रेस कार्यालय के अनुसार, पोप फ्रांसिस के ताबूत के अंतिम दर्शन शुक्रवार रात 8 बजे तक बंद कर दिए गए थे। इस दौरान, नए पोप के चयन तक वेटिकन के अंतरिम प्रबंधक कार्डिनल केविन फैरेल ने दस्तावेज पढ़े, जो ताबूत में रखे गए। इस अनुष्ठान में कार्डिनल जियोवानी बतिस्ता रे, पिएत्रो पारोलिन, और अन्य उच्च अधिकारियों ने भी भाग लिया।
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में भारत का प्रतिनिधित्व किया और शोक व्यक्त किया। उन्होंने भारत सरकार और भारतीय जनता की ओर से संवेदना प्रकट की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पोप के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के लोगों के प्रति पोप का स्नेह हमेशा याद रखा जाएगा। भारत ने पोप के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया था।
पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में एक खास बात यह रही कि उन्हें परंपरा से हटकर बेसिलिका डी सांता मारिया मैगीगोर में दफनाया गया। सामान्यतः पोप को सेंट पीटर्स बेसिलिका के नीचे दफनाया जाता है, लेकिन पोप फ्रांसिस ने सादा मकबरा चाहा था, इसलिए यह बदलाव किया गया। पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार रोम के समयानुसार शनिवार सुबह लगभग 10 बजे शुरू हुआ और प्रार्थना सभा के बाद दोपहर में उनके ताबूत को दफनाया गया।
88 वर्ष की आयु में निधन वाले पोप फ्रांसिस ने अपनी अंतिम सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था, "मसीह जी उठे हैं! इस बात में हमारे जीवन का सारा अर्थ छिपा है। हम मृत्यु के लिए नहीं, जीवन के लिए बने हैं।"
क्या आप इस विषय में और जानकारी चाहते हैं?