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'शब्द' पुरस्कारों के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित

Date : 02-May-2024

 बेंगलुरु, 02 मई । कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के हिंदी रचनाकारों की सुप्रसिद्ध संस्था ‘शब्द’ ने उत्कृष्ट साहित्य लेखन तथा हिंदी के संवर्द्धन के लिए शुरू किए गए अपने दो वार्षिक पुरस्कारों के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की हैं। इनमें पहला पुरस्कार एक लाख रुपये का “अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान” है, जिसे देश के किन्हीं एक मूर्द्धन्य साहित्यकार को दिया जाता है। दूसरा पुरस्कार 21 हजार रुपये का “दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान” है, जिसे दक्षिण भारत में हिंदी भाषा और साहित्य के संवर्द्धन में उल्लेखनीय योगदान के लिए किन्हीं एक विशिष्ट हिंदी सेवी को प्रदान किया जाता है।

‘शब्द’ साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष डॉ. श्रीनारायण समीर ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि “अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान-2024” के लिए योग्य रचनाकार का चयन देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों/संपादकों/विद्वानों/प्रकाशन संस्थानों के द्वारा अनुशंसित कवियों एवं लेखकों के साहित्यिक अवदान तथा विगत 3 वर्षों (2021-2023) में प्रकाशित उनकी कृतियों के पारदर्शी मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा। इस वास्ते प्रविष्टि आमंत्रित है। प्रविष्टि में रचनाकार का नाम और संपर्क पता (मोबाइल नंबर, मेल आईडी सहित), विगत 3 वर्षों में प्रकाशित पुस्तक का विवरण और उसकी विशेषता (प्रकाशक का नाम और पता, मोबाइल/फोन/मेल आईडी सहित) तथा रचनाकार के समग्र अवदान का अधिकतम 200 शब्दों में संक्षिप्त विवरण अपेक्षित होगा। प्रविष्टि के साथ संबंधित पुस्तक की 4 प्रतियां भेजना जरूरी होंगी।

उन्होंने बताया कि “दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान-2024” के लिए योग्य हिंदी सेवी का चयन दक्षिण भारत में रहने वाले हिंदी सेवियों/सर्जकों के बीच से किया जाएगा। इनके चयन का आधार दक्षिण भारत के प्रतिष्ठित साहित्यकारों/संपादकों/विद्वानों/सार्वजनिक जीवन के प्रतिष्ठित नागरिकों के द्वारा अनुशंसित नामों में से हिंदी के विकास एवं संवर्द्धन में उनके अवदान के मद्देनजर तथा विगत वर्षों में उनकी उपलब्धियों का पारदर्शी मूल्यांकन होगा।

अनुशंसा-प्रविष्टियां “अध्यक्ष : शब्द, बी-8/403, श्रीराम स्पंदन, चेलघट्टा, बेंगलूरु- 560037” के पते पर आगामी 30 जून, 2024 तक मिल जानी चाहिए।

‘शब्द’ के अध्यक्ष डॉ. श्रीनारायण समीर के अनुसार 'शब्द’ साहित्यिक संस्था के प्रति बेंगलुरु के साहित्यिक समाज के विश्वास का यह प्रमाण है कि “अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान” का व्यय वहन नगर के प्रसिद्ध समाजसेवी और महान आधुनिक कवि-लेखक सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय साहित्य के अनुरागी ‘श्री बाबूलाल गुप्ता फाउंडेशन’ के द्वारा किया जाता है, जबकि “दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान” का व्यय वहन बेंगलुरु और चेन्नै से प्रकाशित प्रमुख हिंदी दैनिक समाचार पत्र ‘दक्षिण भारत राष्ट्रमत’ के द्वारा किया जाता है। शेष व्यय का वहन ‘शब्द’ के सदस्यगण स्वेच्छा से करते हैं।

‘शब्द’ के द्वारा इन पुरस्कारों की शुरुआत संस्था के ऐतिहासिक रजत जयंती वर्ष 2022 में की गई। पहला “अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान” मूर्धन्य कवि मदन कश्यप को और दूसरा मूर्धन्य कथाकार हृषीकेश सुलभ को प्रदान किया गया। इसी तरह पहला “दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान” केरल के सुप्रसिद्ध विद्वान प्रो. अरविंदाक्षन को और दूसरा कर्नाटक की वयोवृद्ध हिंदी सेवी बीएस शांता बाई को प्रदान किया गया।

डॉ. समीर के मुताबिक ‘शब्द की मासिक रचना गोष्ठी और वार्षिक समारोह के आयोजन का सिलसिला संस्था’ के स्थापना काल 13 जुलाई, 1997 से अनवरत जारी है। कोरोना काल में भी ‘शब्द’ की ऑनलाइन मासिक गोष्ठियां अबाध आयोजित हुईं, जिनमें देश-विदेश के अनेक गणमान्य कवि-लेखक शामिल हुए।

 
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