पवित्र बुद्ध अवशेष थिम्फू उत्सव में होंगे प्रदर्शित, डॉ. वीरेंद्र कुमार करेंगे भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व | The Voice TV

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पवित्र बुद्ध अवशेष थिम्फू उत्सव में होंगे प्रदर्शित, डॉ. वीरेंद्र कुमार करेंगे भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व

Date : 07-Nov-2025

नई दिल्ली, 07 नवंबर।

आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मैत्री के गहन प्रतीक के रूप में, भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष 8 से 18 नवम्बर तक सार्वजनिक प्रदर्शनी के लिए भूटान ले जाया जाएगा। पवित्र अवशेषों के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार करेंगे। उनके साथ बौद्ध भिक्षुओं और अधिकारियों का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी रहेगा।पवित्र बुद्ध अवशेष थिम्फू उत्सव में प्रदर्शित होंगे। यह जानकारी शुक्रवार को संस्कृति मंत्रालय ने दी।

मंत्रालय ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि यह प्रदर्शनी ग्लोबल पीस प्रेयर फेस्टिवल का हिस्सा है, जो थिम्फू में आयोजित एक प्रमुख आयोजन है, जिसमें विश्व शांति और मानवता के कल्याण के लिए सामूहिक प्रार्थना की जाएगी। यह आयोजन भूटान के चौथे राजा, जिग्मे सिंग्ये वांगचुक के 70वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि भूटान विश्व का एकमात्र वज्रयान बौद्ध साम्राज्य है।

भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने कहा कि यह उत्सव भूटान के राजा की परिकल्पना है, जिसका उद्देश्य पृथ्वी पर शांति के संदेश को उजागर करना है। उन्होंने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया कि उन्होंने पवित्र अवशेषों को थिम्फू लाने की अनुमति दी, जिससे दोनों देशों के गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध और मजबूत हुए हैं।

यह ऐतिहासिक यात्रा भारत के संस्कृति मंत्रालय और इंटरनेशनल बौद्ध कन्फेडरेशन के सहयोग से आयोजित की जा रही है। यह दूसरी बार है जब ये पवित्र अवशेष भूटान जा रहे हैं- पहली बार वर्ष 2011 में राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक के विवाह समारोह के अवसर पर लाए गए थे।

आध्यात्मिक अनुभव को और समृद्ध करने के लिए इंटरनेशनल बौद्ध कन्फेडरेशन तीन विशेष प्रदर्शनी भी आयोजित करेगा। इसमें गुरु पद्मसंभव – भारत में “महान गुरु” के जीवन और पवित्र स्थलों की झलक, शाक्य विरासत – बुद्ध अवशेषों की खुदाई, महत्व और ऐतिहासिक संदर्भ का विवरण।

बुद्ध का जीवन और शिक्षाएं और ज्ञानोदय की दिशा में बुद्ध की यात्रा का भावनात्मक और प्रेरक अनुभव शामिल होगा। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय संग्रहालय अपनी बौद्ध कला एवं विरासत दीर्घा से चुनिंदा दुर्लभ मूर्तियों का विशेष प्रदर्शन भी करेगा।

 
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