यूरिक एसिड की समस्या और लौकी का लाभ
आजकल की जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों में यूरिक एसिड की समस्या तेजी से बढ़ रही है। अत्यधिक मैदा, तेल और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। शरीर में प्यूरिन के कण क्रिस्टल बनकर जोड़ों में जम जाते हैं, जिससे दर्द और सूजन की समस्या उत्पन्न होती है। कई बार प्रभावित स्थान पर लाली भी आ जाती है और चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में सही खानपान का ध्यान रखना आवश्यक है। यूरिक एसिड के मरीजों के लिए सुबह खाली पेट 1 कप लौकी का जूस पीना लाभकारी होता है।
यूरिक एसिड बढ़ने के कारण
खराब खानपान और अनियमित दिनचर्या के कारण युवाओं में यूरिक एसिड की समस्या बढ़ रही है। जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है तो किडनी इसे प्रभावी रूप से फ़िल्टर नहीं कर पाती, जिससे यह जोड़ों में जमा होने लगता है। इस स्थिति में हड्डियों में यूरिक एसिड के क्रिस्टल बन जाते हैं, जो सूजन और दर्द का कारण बनते हैं।
लौकी: यूरिक एसिड के लिए लाभकारी
योग गुरु स्वामी रामदेव भी यूरिक एसिड से पीड़ित लोगों को लौकी की सब्जी और जूस का सेवन करने की सलाह देते हैं। यह समस्या आजकल युवाओं में अधिक देखने को मिल रही है। लौकी को यूरिक एसिड के मरीजों के लिए सबसे अच्छी सब्जी माना जाता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। इसके नियमित सेवन से यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।
यूरिक एसिड में लौकी का जूस क्यों फायदेमंद है?
लौकी का जूस जोड़ों के दर्द में राहत पहुंचाने के साथ-साथ शरीर को हाइड्रेट भी रखता है। इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है, जिससे शरीर में जल संतुलन बना रहता है और यूरिक एसिड क्रिस्टल का रूप नहीं ले पाता, जिससे यह जोड़ों में जमने से बचता है। इसके अतिरिक्त, लौकी का सेवन वजन नियंत्रण में सहायक होता है, जो यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद करता है। साथ ही, यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखती है।
लौकी का जूस बनाने और पीने का सही तरीका
लौकी पूरे वर्ष आसानी से उपलब्ध होती है। ताजा लौकी का चुनाव करें और उसे अच्छे से धोकर छिलका हटा दें। जूस बनाने से पहले एक छोटा टुकड़ा काटकर उसका स्वाद अवश्य जांच लें, क्योंकि कड़वी लौकी का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर लौकी मीठी या हल्की स्वादहीन है, तो इसे छोटे टुकड़ों में काटकर मिक्सी में पानी के साथ पीस लें। फिर किसी कपड़े से छानकर उसका जूस निकाल लें। इस जूस में नींबू का रस मिलाकर या बिना किसी मिलावट के खाली पेट सेवन करें। हफ्ते में 2-3 बार लौकी का जूस पीने से यूरिक एसिड के मरीजों को विशेष लाभ मिल सकता है।
यूरिक एसिड की समस्या से बचाव और नियंत्रण के लिए संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है। लौकी का नियमित सेवन आपके जोड़ों को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
