आजकल फिल्मों और टीवी में तेज़-तर्रार एक्शन और बड़े बजट वाली कहानियाँ खूब चल रही हैं। लेकिन एक और दिलचस्प बदलाव यह है कि लोग अब धीरे-धीरे पौराणिक और सांस्कृतिक कहानियों की ओर फिर से आकर्षित हो रहे हैं। ये कहानियाँ भले ही धीमी रफ्तार से चलें, लेकिन इनमें गहराई और भावनात्मक जुड़ाव बहुत है।
टीवी पर पौराणिक कथाओं का नया दौर
आज के दौर में टीवी चैनल्स पर पौराणिक कहानियों की वापसी हो रही है। सोनी सब जैसे चैनल देवताओं की कथाओं को नए अंदाज़ में पेश कर रहे हैं। 'श्रीमद् रामायण' के बाद अब 'वीर हनुमान' नाम का एक नया शो आया है, जिसमें बाल हनुमान यानी मारुति की कहानी दिखाई जा रही है — कैसे वह एक साधारण बालक से महान और शक्तिशाली हनुमान बने। यह शो न केवल श्रद्धा और शक्ति की बात करता है, बल्कि दर्शकों को हनुमान जी के और करीब ले जाता है।
फिल्मों में भी दिख रही है पौराणिकता की छाप
यह बदलाव सिर्फ टीवी तक सीमित नहीं है। हिंदी फिल्मों में भी पौराणिक कहानियों से प्रेरित विषयों पर बड़ी-बड़ी फिल्में बन रही हैं। एस.एस. राजामौली की 'आरआरआर' में रामायण जैसी महागाथा की ताकत दिखाई गई थी। वहीं, रोहित शेट्टी की 'सिंघम' सीरीज़ का हीरो भी एक धार्मिक ग्रंथों से प्रेरित न्याय के देवता जैसा लगता है।
आने वाली फिल्में और दर्शकों की उत्सुकता
अब निर्देशक नितेश तिवारी भी 'रामायण' नाम की एक बड़ी फिल्म बना रहे हैं, जिसमें यश, रणबीर कपूर, सनी देओल और साई पल्लवी जैसे बड़े सितारे नजर आएंगे। इस फिल्म को लेकर लोगों में खासा उत्साह है, और दर्शक इसकी रिलीज़ का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।