इस्लामाबाद, 21 जुलाई। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हाल ही में शादी करने वाले एक पुरुष और एक महिला की हत्या (ऑनर किलिंग) में एक कबायली नेता समेत कम से कम 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला अब विशेष अपराध जांच शाखा को सौंप दिया गया है। इस मामले में बलूचिस्तान हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए दो प्रमुख अधिकारियों को तलब किया था।
डान अखबार की खबर के अनुसार विशेष अपराध जांच शाखा के पुलिस अधीक्षक सैयद सबूर आगा ने 11 संदिग्धों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार कबायली नेता ने इस दंपति को गोली मारने का हुक्म दिया था। सभी को आज न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक सैयद सबूर आगा के अनुसार वायरल वीडियो में दिख रहा है कि कुछ लोग एक जोड़े को गाड़ी से उतारकर रेगिस्तान में ले जाते हैं। वहां दोनों को गोलियों से भून दिया जाता है। वीडियो सामने आने के बाद इसे ऑनर किलिंग की संज्ञा दी गई। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने रविवार को एक्स पर कहा था कि एक संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है।
क्वेटा के हन्ना-उरक थाने के एसएचओ नवीद अख्तर ने कहा कि एफआईआर के बाद जांच की गई। इस दौरान पता चला कि यह घटना ईद-उल-अजहा से तीन दिन पहले दागरी के संजीदी इलाके में हुई थी। उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान बानो बीबी और इहसानुल्लाह के रूप में की गई। एफआईआर में उन आठ संदिग्धों के नाम हैं, जिन्होंने कथित तौर पर दंपति की गोली मारकर हत्या की। एफआईआर में घटना में शामिल 15 अन्य अज्ञात संदिग्धों का भी जिक्र है।
एफआईआर के अनुसार दंपति को गोली मारने से पहले एक कबायली नेता के पास ले जाया गया। इस कबायली नेता ने उन्हें अनैतिक रिश्ते (स्थानीय भाषा में 'कारो कारी') में शामिल होने का दोषी ठहराया और उन्हें फांसी देने का आदेश दिया। इसके बाद उन्हें रेगिस्तान ले जाकर गोली मार दी गई। इस हत्याकांड का बनाया गया और लोगों में डर और दहशत फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया।
प्राथमिकी के अनुसार, संदिग्धों के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 149 (अवैध रूप से एकत्रित होना), 148 (घातक हथियार से लैस होकर दंगा करना), 147 (दंगा करना) और आतंकवाद विरोधी अधिनियम, 1997 के तहत मामला दर्ज किया गया। वीडियो सामने आने के बाद बलूचिस्तान हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए 22 जुलाई को बलूचिस्तान के अतिरिक्त मुख्य सचिव और पुलिस महानिरीक्षक को अदालत में तलब किया।
इससे पहले पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर इन दोनों अधिकारियों को हाई कोर्ट के गुस्से का सामना करने से बचा लिया। वीडियो वायरल होने पर पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने संदिग्धों को जानवर करार देते हुए कहा था कि वे किसी भी रियायत के हकदार नहीं हैं। रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि कबायली फैसलों के नाम पर हत्या घृणित कृत्य है। सम्मान के नाम पर क्रूरता का चक्र बंद होना चाहिए। बलूच कार्यकर्ता सम्मी दीन बलूच ने इस गोलीबारी को 'सम्मान' के नाम पर हत्या करार देते हुए बलूच बुजुर्गों से "महिलाओं के फैसलों का सम्मान" करने की अपील की थी।
एआरवाई न्यूज चैनल ने मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती के हवाले से प्रसारित खबर में कहा कि गिरफ्तार किया गया प्रमुख आरोपित सतकजई जनजाति का मुखिया शेरबाज है। कबायली नेतृत्व ने अपने प्रमुख सरदार की गिरफ्तारी की आलोचना की है। सरकारी प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा कि वीडियो में दिखाई देने वाले सभी व्यक्तियों की पहचान कर ली गई है, लेकिन उनके नाम फिलहाल गुप्त रखे गए हैं।