SpaDeX मिशन पर ISRO का बड़ा अपडेट: सैटेलाइट्स स्थिर, डॉकिंग प्रयोग जल्द शुरू Date : 10-Jan-2025 ISRO ने अपने स्पेडेक्स (SpaDeX) मिशन के ताजा अपडेट में बताया है कि दोनों सैटेलाइट्स के 'ड्रिफ्ट' को नियंत्रित कर लिया गया है। अब वे धीमी गति से एक-दूसरे के करीब बढ़ रहे हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अनुसार, यह प्रयोग शुक्रवार तक आरंभिक स्थिति में पहुंचने की संभावना है, जिससे भारत का सैटेलाइट डॉकिंग प्रयोग जल्द शुरू होगा। सैटेलाइट्स सुरक्षित और स्थिर SpaDeX मिशन के तहत भेजे गए दोनों अंतरिक्ष यान सुरक्षित हैं। ISRO ने बताया कि उनकी ‘ड्रिफ्ट’ (विचलन) पर काबू पा लिया गया है और उन्हें एक 'स्लो ड्रिफ्ट कोर्स' पर रखा गया है। हालांकि, अभी डॉकिंग प्रयोग (स्पेसक्राफ्ट को जोड़ने की प्रक्रिया) की तारीख और समय घोषित नहीं किया गया है। पहले क्यों टला प्रयोग? SpaDeX प्रयोग को पहले 7 और फिर 9 जनवरी को स्थगित करना पड़ा था। ISRO के मुताबिक, सैटेलाइट्स के बीच 225 मीटर की दूरी तक पहुंचने के दौरान उनका विचलन उम्मीद से अधिक पाया गया। इस विचलन का कारण गैर-दृश्यमान अवधि (non-visibility period) के बाद दोनों उपग्रहों का अपेक्षा से अधिक अस्थिर होना था। इन तकनीकी चुनौतियों के कारण प्रयोग को टालकर सैटेलाइट्स को सुरक्षित स्थिति में रखा गया। SpaDeX का महत्व SpaDeX (Space Docking Experiment) मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को जोड़ने (डॉकिंग) और अलग करने (अनडॉकिंग) की तकनीकों का विकास और प्रदर्शन करना है। यह प्रयोग भविष्य में उपग्रहों की मरम्मत, अंतरिक्ष स्टेशन संचालन और अंतरग्रहीय मिशन के लिए अहम साबित होगा। SpaDeX भारत को अंतरिक्ष में तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम बढ़ाने में मदद करेगा। ISRO ने गुरुवार रात जानकारी दी कि सैटेलाइट्स की ड्रिफ्ट पर नियंत्रण पा लिया गया है और वे धीमी गति से करीब आ रहे हैं। अब शुक्रवार तक प्रयोग के लिए आरंभिक स्थिति में पहुंचने की उम्मीद है। SpaDeX मिशन भारत के अंतरिक्ष विज्ञान में एक और मील का पत्थर साबित हो सकता है।