भारतवंशी वैज्ञानिक की ऐतिहासिक खोज: एलियन ग्रह पर जीवन के संकेत मिलने की बड़ी सफलता
भारतीय मूल के खगोलशास्त्री डॉ. निक्कू मधुसूदन और उनकी टीम ने नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) का उपयोग करते हुए एक ऐसी खोज की है, जिसने अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में हलचल मचा दी है। उन्होंने हमारे सौर मंडल से सैकड़ों प्रकाशवर्ष दूर स्थित एक बाह्य ग्रह (exoplanet) K2-18b के वातावरण में ऐसे रासायनिक तत्वों का पता लगाया है, जो पृथ्वी पर केवल जैविक प्रक्रियाओं – यानी जीवित जीवों द्वारा – ही उत्पन्न होते हैं।
कौन-सा है यह ग्रह?
K2-18b नामक यह ग्रह पृथ्वी से लगभग 124 प्रकाशवर्ष दूर स्थित है और यह हैबिटेबल जोन यानी रहने योग्य क्षेत्र में आता है। इसका अर्थ है कि यहां तापमान और स्थितियां ऐसी हो सकती हैं जो जीवन के लिए अनुकूल हों। यह ग्रह एक "हायसीन" ग्रह (Hycean Planet) माना जाता है, जिसका वातावरण हाइड्रोजन-समृद्ध होता है और इसकी सतह पर महासागर जैसे जल स्रोत होने की संभावना जताई जाती है।
यह खोज सिर्फ एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं, बल्कि उस युग की शुरुआत हो सकती है जब हम ब्रह्मांड में अपने अकेलेपन पर दोबारा विचार करेंगे। क्या हम सच में इस विशाल ब्रह्मांड में अकेले हैं? शायद नहीं।