उज्जैनः आज निकलेगी भगवान महाकाल की शाही सवारी, सात स्वरूपों में देंगे दर्शन | The Voice TV

Quote :

पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है - अज्ञात

Travel & Culture

उज्जैनः आज निकलेगी भगवान महाकाल की शाही सवारी, सात स्वरूपों में देंगे दर्शन

Date : 02-Sep-2024

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में सातवीं और अंतिम शाही सवारी आज (सोमवार को) शाम धूमधाम से निकाली जाएगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर नगर का भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानेंगे। इस दौरान भगवान महाकाल सात स्वरूपों में अपने भक्तों को दर्शन देंगे। रजत पालकी में चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, घटाटोप मुखोटा स्वरूप और सप्तम सवारी में सप्तधान का मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।

मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि सावन-भादौ मास में भगवान महाकाल की सात सवारी निकाली जाती है। आज भाद्रपद मास के दूसरे सोमवार को भगवान महाकाल की शाही सवारी निकलेगी। सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में विधिवत भगवान चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन होगा और तत्पश्चात भगवान रजत पालकी में विराजित होकर अपनी प्रजा के हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान चन्द्रमौलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी जाएगी। 

उन्होंने बताया कि भगवान महाकाल की सवारी अपने निर्धारित समय शाम चार बजे से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार चौराहा, कहारवाड़ी, हरसिद्धी पाल से रामघाट पहुंचेगी, जहां पालकी में विराजित भगवान चंद्रमौलेश्वर एवं गजराज पर आरुढ़ मनमहेश का मां क्षिप्रा के जल से अभिषेक और पूजन-अर्चन होगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, बंबई वाले की धर्मशाला, गणगौर दरवाजा, खाती समाज का जगदीश मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, कमरी मार्ग, टंकी चौराहा, तेलीवाडा, कंठाल, सतीमाता मंदिर, छत्री चौक, गोपाल मंदिर पर पहुंचेगी, जहाँ सिंधिया स्टेट द्वारा पररम्परानुसार पालकी में विराजित भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया जाएगा। केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इस मौके पर मौजूद रहेंगे और भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन करेंगे। उसके बाद सवारी पटनी बाज़ार, गुदरी चौराहा, कोट मोहल्ला, महाकाल चौराहा होते हुए मंदिर परिसर में पहुंचेगी।

शाही सवारी के चल समारोह का स्वरूप इस प्रकार रहेगा

भगवान महाकाल की शाही सवारी के चल समारोह में सबसे आगे मंदिर का प्रचार वाहन चलेगा। उसके बाद यातायात पुलिस, तोपची, भगवान महाकालेश्वर का रजत ध्वज, घुडसवार, विशेष सशस्त्र बल सलामी गार्ड, स्काउट/गाइड सदस्य, कांग्रेस सेवा दल, सेवा समिति बैंड के बाद उज्जैन के अतिरिक्त मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों से परंपरागत रूप से सवारी सम्मिलित होने वाली 70 भजन मंडलियां चल समारोह में प्रभु का गुणगान करते हुए व अपनी सेवाए देती हुई चलेंगी। भजन मंडलियों के बाद नगर के साधू-संत व गणमान्य नागरिक, पुलिस बैंड, नगर सेना के सलामी गार्ड की टुकड़ी, महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी व पुरोहितगण सवारी के साथ रहेगे। उनके बाद महाकालेश्वर भगवान (चंद्रमौलेश्वर) की प्रमुख पालकी, भारत बैंड, गरुड़ रथ पर शिव-तांडव, रमेश बैंड, नंदी रथ पर उमा महेश स्वरुप, गणेश बैंड, रथ पर होल्कर स्टेट मुखारविंद, आर.के.बैंड, रथ पर घटाटोप, रथ पर सप्तधान मुखारविंद के पश्यात राजकाल म्युजिकल ग्रुप बैंड व मनमहेश स्वरुप हाथी पर विराजित होंगे।

शाही सवारी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मप्र संस्कृति परिषद के माध्यम से भगवान महाकालेश्वर की सवारी में जनजातीय कलाकारों का दल भी सहभागिता करेगा। शाही सवारी में लालपुर, डिंडोरी जिले का आदिवासी धुलिया जनजाति गुदुम बाजा लोक नर्तक दल दिनेश कुमार भार्वे के नेतृत्व में पालकी के आगे भजन मंडलियों के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चलेगा।

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload

Advertisement









Advertisement