केरल आज पारंपरिक नववर्ष विशु मना रहा है। यह केरल में फसल और समृद्धि का त्यौहार है। इस शुभ दिन पर भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। विशु बहुतायत और नई शुरुआत का प्रतीक है। दिन की शुरुआत "विशुक्कणी" से होती है, जो दिन में सबसे पहले देखी जाने वाली चीज़ है, जिसमें भगवान कृष्ण को कानी कोना फूल, कानी वेलारी, फल, सब्ज़ियाँ, सोना, सिक्के आदि से पूजा जाता है। गुरुवायुर, श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, सबरीमाला जैसे प्रमुख मंदिरों में आज विशु कानी" और विशेष अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं, जहाँ सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्त उमड़ रहे हैं। विशु को विशु काइनेट्टम, विशेष सद्या, रोशनी, परिवार के साथ मिलकर मनाया जाता है, जो आने वाले बेहतरीन वर्ष के लिए माहौल को खुशी और उम्मीद से भर देता है।