क्या आप जानते हैं? भारतीय दुनिया में सबसे ज्यादा नहाने वालों में शामिल हैं।
भारत में धार्मिक विश्वासों के चलते अधिकतर लोग प्रतिदिन स्नान करते हैं। उनका मानना है कि स्नान से शरीर पवित्र होता है और पूजा-पाठ से पहले नहाना आवश्यक है। परंतु, धार्मिक दृष्टिकोण के अलावा, वैज्ञानिक शोध भी यह साबित करते हैं कि नियमित स्नान हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है।
स्वास्थ्य पर स्नान के लाभ
नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल इंफॉर्मेशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, रोजाना स्नान करने से दर्द, तनाव और अवसाद के लक्षणों में कमी आती है। इसके साथ ही त्वचा की गुणवत्ता में भी सुधार देखा गया है।
रक्तचाप और हृदय स्वास्थ्य में सुधार
हल्के गर्म पानी से स्नान करने से रक्तचाप नियंत्रित होता है और रक्त वाहिकाओं का कार्य बेहतर होता है। जिन लोगों को हृदय से जुड़ी कोई गंभीर समस्या नहीं है, उनके लिए गुनगुने पानी से नहाना लाभकारी माना गया है।
सांस लेने में सहायता
गर्म पानी से स्नान करने पर शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है। भाप साइनस और छाती को साफ करने में मदद करती है। वहीं, ठंडे पानी में स्नान करने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है, इसलिए तैराकी को भी स्वास्थ्य के लिए उत्तम माना जाता है।
मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को लाभ
स्नान करने से दर्द और सूजन कम होती है, जिससे तंत्रिका तंत्र को आराम मिलता है। इससे तनाव और चिंता का स्तर घटता है और मूड में सुधार आता है। हाइड्रोथेरेपी विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो स्केलेरोसिस जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
मांसपेशियों, जोड़ों और हड्डियों को फायदा
नियमित स्नान रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे मांसपेशियों और जोड़ों को पोषण मिलता है और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसे रोगों का खतरा कम होता है। इसके अलावा, स्नान इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और सर्दी-ज़ुकाम से भी बचाव करता है।
हॉर्मोन संतुलन में मददगार
हर दिन स्नान करने से शरीर में एड्रेनोकोर्टिकोट्रोपिक हार्मोन (ACTH), कोर्टिसोल और बीटा एंडोर्फिन जैसे हार्मोन का स्तर संतुलित रहता है। गर्म पानी से नहाना मस्तिष्क में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाता है, जिसे 'हैप्पी हार्मोन' भी कहा जाता है, जो मानसिक प्रसन्नता लाने में सहायक होता है।