- भारत की प्रगति रोकने अफवाहों, सायवर षड्यंत्र और भ्रामक तथ्यों का कुप्रचार
भारत की अर्थ व्यवस्था दुनियाँ में पाँचवे स्थान पर है । और विकास गति के चलते अनुमान किया जा रहा है कि भारत अगले बीस वर्षों में भारत दुनियाँ का सबसे समृद्ध राष्ट्र होगा । यह समृद्धि केवल आर्थिक क्षेत्र में ही नहीं अपितु सामरिक, तकनीकि, विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी होगी । आर्थिक विकास से यदि विश्व की महाशक्तियाँ विचलित हैं तो सामरिक समृद्धि से भारत के दो पड़ोसी चीन और पाकिस्तान विचलित हैं। भारत में घटने वाली सभी आतंकवादी घटनाओं और कूटरचित दुष्प्रचार के तार सदैव इन दोनों देशों तक गये हैं । यह तिथि किसी से छिपा नहीं है कि इस्लामिक आतंकवादियों का केन्द्र पाकिस्तान और माओवादी हिंसकों का केन्द्र चीन है । इन दोनों प्रकार की हिंसा ने भारत की प्रगति को सदैव बाधित किया है । लेकिन भारत की कुछ सरकारें इन गतिविधियों पर उतनी प्रभावी कार्यवाही नहीं कर सकीं जितनी होनी चाहिए थी । अब भारत सरकार ने इन दोनों दिशाओं में सख्ती से कदम उठाये हैं और घटनाओं को नियंत्रित किया है । अब इसे केवल संयोग माना जाय या वर्तमान मोदी सरकार की इच्छा शक्ति कि मोदीराज में न केवल देश के भीतर घटने वाली आतंकवादी घटनाओं पर नियंत्रण हुआ और भारत का वैभव बढ़ा अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा भी बढ़ी। भारत में इन दिनों अठारहवीं लोकसभा के लिये चुनाव प्रक्रिया चल रही है । विकास के ये मुद्दे चुनावी वातावरण में भी हैं। दो चरणों का मतदान हो चुका है। तीसरे चरण की तैयारी चल रही है । इसी बीच आये इन दोनों बड़े समाचारों ने पूरे देश में हलचल मचा दी है । पहला समाचार दिल्ली एनसीआर क्षेत्र से आया । दिल्ली नोयडा आदि क्षेत्र के 130 स्कूलों मे धमकी भरा ईमेल आया । इसकी शब्द शैली इस्लामिक आतंकवादी संगठन आईएसआईएस की भाषा से मेल खाती है । इसे भेजने के लिये अपनाई गई सर्वर तकनीकि भी आधुनिक है । दुनियाँ में भले इस्लामिक आतंकवादियों और माओवादियों की दिशाएँ अलग हों पर भारत में घटने वाली घटनाओं में ये दोनों विचार परस्पर पूरक दिखते हैं जिसे कुछ वर्ष पहले कुख्यात आतंकवादी अफजल को दी गई फाँसी की दिल्ली में मनाई गई बरसी से समझा जा सकता है । इसमें इन दोनों धाराओं के विचार तत्व थे । इसलिये यह संभावना प्रबल होती है कि दिल्ली के स्कूलों में आये इन ईमेल्स में ये दोनों तत्व शामिल हों । इन ईमेल्स में"अल्लाह के हुकुम से काफिरों को जलाने की बात लिखी है"। ईमेल भेजने के लिये एक अस्थाई "ईमेल एड्रेस" बनाया गया और रसियन सर्वर का इस्तेमाल हुआ । मेल भेजकर ईमेल एड्रेस समाप्त भी कर दिया गया । मेल भेजने का काम बड़े सबेरे साढ़े तीन बजे से आरंभ हुआ और साढ़े नौ बजे तक चला । इससे पहले ऐसे धमकी भरे ईमेल दिल्ली और नोयडा के अस्पतालों को भी मिले थे। ऐसी भाषा का उपयोग कुख्यात आतंकवादी संगठन आईएसआईएस करता रहा है । इस आतंकवादी संगठन का गठजोड़ पाकिस्तानी की गुप्तचर संस्था आईएसआई से होने के समाचार भी अक्सर आते रहे हैं ।ईमेल के लिये भले रसियन सर्वर का उपयोग हुआ है । पर यह आवश्यक नहीं है कि ये मेल रूस से ही भेजे गये हों। तकनीक विकास के चलते इस सर्वर का उपयोग दुनियाँ के किसी भी कोने से किया जासकता है । हो सकता है इसका उपयोग भारत के ही किसी कौने से हुआ हो । पुलिस और प्रशासन इन सभी विन्दुओं पर जांच कर रही है । लेकिन इस जांच में आगे कुछ निकलेगा इसकी संभावना कम है । चूँकि इस तरह की धमकी भरे ईमेल पहली बार नहीं आये है । पिछले एक साल में ऐसे ईमेल देश के विभिन्न प्रांतों में चुके हैं। जिनमें चैन्नई और कर्नाटक के स्कूल भी हैं। सभी ईमेल इतने "हाईटेक" थे कि कोई भी जांच किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँची। बुधवार को दिल्ली एनसीआर के स्कूलों को मिले ईमेल भी हाईटेक हैं । फिर भी उम्मीद की जा रही है कि इस बार कुछ निष्कर्ष निकलेगा । भविष्य में जो भी निष्कर्ष निकले पर इस दिनों तो इन ईमेल्स ने पूरे देश एक प्रकार से एक तनाव का वातावरण पैदा किया और पूरे चुनावी वातावरण की हवा निकालने का प्रयास किया है ।