भाजपा को स्पष्ट बहुमत नहीं, फर्क पड़ता है !
Date : 08-Jun-2024
लोकसभा चुनाव-2024 में जिस तरह का चुनावी परिणाम आया है, उसने अच्छे-अच्छे राजनीतिक विश्लेषकों को धूल चटा दी है, एनडीए नीत भाजपा की मोदी सरकार को 300 पार के सभी बड़े-बड़े दावे धरे रह गए और देश की जनता ने मजबूत विपक्ष देकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि सहमति और विरोध का स्वर बराबर का हो, किंतु इसके साथ ही अनेक प्रश्न आज इस बार के चुनावों ने भारतीय राजनीति के लिए समीक्षा करने की दृष्टि से छोड़ दिए है । देश में नया नैरेटिव यह है कि किसी को भी भारत की जनता लोकतंत्र में इतना मजबूत नहीं देखना चाहती कि वह अन्य को छोटा समझने की मानसिकता रखे या उनके बारे में थोड़ा भी कमजोर सोच पाए, लेकिन इसके साथ जो बड़ा प्रश्न आज खड़ा हो गया है, वह है कमजोर सत्ता क्या एक सबल राष्ट्र के निर्माण में अपनी प्रभावी भूमिका निभा सकती है ?
अनुच्छेद 370 को हटाने, सेना के लिए वन रैंक वन पेंशन, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद का सृजन, अयोध्या, काशी जैसे धार्मिक क्षेत्र निर्माण, राम मंदिर पुनर्प्रतिष्ठा, मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए आर्थिक क्षेत्र में कई कड़े निर्णय, व्यवसाय के क्षेत्र में जीएसटी, इन्सॉल्वेन्सी एंड बैंकरप्सी कोड, नोटबंदी, काले धन के ख़िलाफ़ अभियान, क्रोनी कैपिटलिज़म, सरकारी ठेके में भ्रष्टाचार को ख़त्म करने विेशेष कार्यक्रम, भारतीय उद्योग के लिए आत्मनिर्भर अभियान शुरू करना, नारी शक्ति वंदन कानून, अंतरिक्ष में भारत की ऊंची छलांग के लिए मजबूत कार्यक्रम, खेल सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के लिए निर्णय, सहकारिता आंदोलन को समाज की अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा बनाने के लिए सहकारिता मंत्रालय जैसे निर्णय मोदी सरकार के बड़े निर्णय रहे हैं।
भाजपा के संकल्प पत्र में अन्य मुख्य बिन्दु देखें तो मुद्रा ऋण की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करना, सभी घरों में स्वच्छ पेयजल, गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली, अधिकाधिक आईआईटी, आईआईएम, एम्स और अन्य ऐसे संस्थान खोलना, उत्तर, दक्षिण और पूर्वी भारत में बुलेट ट्रेन कॉरिडोर, मेट्रो नेटवर्क का विस्तार, पेपर लीक रोकने के लिए कानून , विद्यार्थियों के लिए स्वचालित स्थायी शैक्षणिक खाता रजिस्ट्री (एपीएएआर) 'एक राष्ट्र, एक छात्र आईडी' को लागू करना, कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावासों में वृद्धि, तीर्थ यात्रा योजना, उच्च शिक्षा संस्थानों में इन्क्यूबेशन केन्द्रों की स्थापना, सब्जी उत्पादन एवं भंडारण के लिए नए क्लस्टर, भारत को उच्च मूल्य सेवा केन्द्र बनाने के लिए, नए वैश्विक पूंजी केन्द्र, वैश्विक प्रौद्योगिकी केन्द्र और वैश्विक इंजीनियरिंग केन्द्र की स्थापना, भारत के प्रथम मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन, गगनयान को प्रक्षेपित करना तथा चंद्रमा पर एक अंतरिक्ष यात्री को उतारना, भगवान राम की विरासत को बढ़ावा देने के लिए एक वैश्विक आउटरीच कार्यक्रम शुरू करने जैसे अनेक संकल्प रखे गए ।