भारत की सावरेन क्रेडिट रेटिंग को अपग्रेड करने पर हो रहा है विचार
Date : 24-Jun-2024
वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों की सावरेन क्रेडिट रेटिंग पर कार्य कर रही संस्था स्टैंडर्ड एंड पूअर ने हाल ही में भारतीय अर्थव्यवस्था का आंकलन करते हुए भारत के सम्बंध में अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक किया है एवं कहा है कि वह भारत की सावरेन क्रेडिट रेटिंग को अपग्रेड करने के उद्देश्य से भारत के आर्थिक विकास सम्बंधी विभिन्न पैमानों का एवं भारत के राजकोषीय घाटे से सम्बंधित आंकड़ों का लगातार अध्ययन एवं विश्लेषण कर रहा है। यदि उक्त दोनों क्षेत्रों में लगातार सुधार दिखाई देता है तो भारत की सावरेन क्रेडिट रेटिंग को अपग्रेड किया जा सकता है। वर्तमान में भारत की सावरेन क्रेडिट रेटिंग BBB- है, जो निवेश के लिए सबसे कम रेटिंग की श्रेणी में गिनी जाती है।
भारत ने अपने आर्थिक विकास की गति को तेज रखते हुए अपने राजकोषीय घाटे पर भी नियंत्रण स्थापित कर लिया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत का राजकोषीय घाटा 17 लाख 74 हजार करोड़ रुपए का रहा था जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में घटकर 16 लाख 54 हजार करोड़ रुपए का रह गया है। यह राजकोषीय घाटा वित्तीय वर्ष 2022-23 में 5.8 प्रतिशत था जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में घटकर 5.6 प्रतिशत रह गया है। भारत के राजकोषीय घाटे को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 5.1 प्रतिशत एवं वित्तीय वर्ष 2025-26 में 4.5 प्रतिशत तक नीचे लाने के प्रयास केंद्र सरकार द्वारा सफलता पूर्वक किए जा रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी जैसे विकसित देश भी अपने राजकोषीय घाटे को कम नहीं कर पा रहे हैं परंतु भारत ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान यह बहुत बड़ी सफलता हासिल की है। सरकार का खर्च उसकी आय से अधिक होने पर इसे राजकोषीय घाटा कहा जाता है। केंद्र सरकार ने खर्च पर नियंत्रण किया है एवं अपनी आय के साधनों में अधिक वृद्धि की है। यह लम्बे समय में देश के आर्थिक स्वास्थ्य की दृष्टि से एक बहुत महत्वपूर्ण तथ्य उभरकर सामने आया है। भारत के कुछ राज्यों (पंजाब, पश्चिम बंगाल, केरल, आदि) में राजकोषीय घाटे को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है, परंतु केंद्र सरकार एवं कुछ अन्य राज्य (उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु आदि) जरूर अपने राजकोषीय घाटे को सफलता पूर्वक नियंत्रित कर पा रहे हैं। राजकोषीय घाटा मलेशिया, फिलिपीन, इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम जैसे देशों में 4 प्रतिशत से कम है जबकि भारत में केंद्र सरकार एवं समस्त राज्यों का कुल मिलाकर राजकोषीय घाटा 7.9 प्रतिशत है। उक्त वर्णित समस्त देशों की सावरेन क्रेडिट रेटिंग BBB है जबकि भारत की सावरेन क्रेडिट रेटिंग BBB- है। अतः भारत के कुछ राज्यों को तो अपने राजकोषीय घाटे को कम करने हेतु बहुत मेहनत करने की आवश्यकता है।