छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय ने औद्योगिक विकास नीति को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाई हैं। वैसे तो माननीय मुख्यमंत्री जी ने छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाने की दिशा में अनेकों लाभकारी कार्य किये हैं उनका कुशल नेतृत्व राज्य में निवेश के लिए अनुकूल साबित हुआ हैं और साथ ही साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। साय ने पर्यावरण-संवेदनशीलता और सतत विकास पर जोर देते हुए उद्योगों को प्रोत्साहन दिया। उनकी नीतियाँ राज्य के आर्थिक और सामाजिक उत्थान में मील का पत्थर साबित हो रही हैं।
विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ में नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 को 14 नवंबर, 2024 को लॉन्च किया|
यह नीति उद्योगों को निवेश करने, नए रोजगार सृजन करने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेगी। इस नीति के माध्यम से राज्य के युवाओं के लिए कौशलयुक्त रोजगारों का सृजन करते हुए अगले 5 वर्षों में 5 लाख नए औपचारिक क्षेत्र के रोजगार का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “यह नीति राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक नई शुरुआत है। इससे न केवल उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य के हर नागरिक को सशक्त बनने का अवसर मिलेगा। हमारा लक्ष्य उन वर्गों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है, जो अब तक इससे दूर थे।”
स्थायी रोजगार पर विशेष प्रोत्साहन
इस नीति में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है। उद्योगों को स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि उन्हें प्रत्यक्ष लाभ मिल सके। 1,000 से अधिक स्थानीय कर्मचारियों को रोजगार देने वाले उद्योगों को सरकार द्वारा प्रति नए कर्मचारी 15,000 रुपये का प्रशिक्षण भत्ता प्रदान किया जाएगा, जो 12 महीने की सेवा पूर्ण होने पर दिया जाएगा।
साथ ही, सरकार पहले पाँच वर्षों तक कर्मचारियों के ईपीएफ योगदान का 75% वहन करेगी। निशक्त जनों को रोजगार देने वाले उद्योगों को पाँच वर्षों तक उनके वेतन का 40% अनुदान मिलेगा, जिसकी अधिकतम सीमा प्रति कर्मचारी पाँच लाख रुपये वार्षिक तय की गई है।
स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए 50 करोड़ रुपये का विशेष फंड
छत्तीसगढ़ की नई नीति के तहत स्थानीय युवाओं और महिलाओं को उद्योग शुरू करने के लिए विशेष लाभ और प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए 50 करोड़ रुपये का विशेष फंड स्थापित किया गया है, जो उन्हें शुरुआती दौर में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा, 'उद्यम क्रांति योजना' के तहत युवाओं को अनुदानयुक्त लोन की सुविधा दी जाएगी, जिससे वे अपना व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन सकें।
नीति में पहली बार एमएसएमई और बड़े उद्योगों के लिए अलग-अलग पैकेज की घोषणा की गई है। सेवा क्षेत्र में एमएसएमई और बड़े सेवा उद्यमों के लिए विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे, जिसमें इंजीनियरिंग, रिसर्च एंड डेवेलपमेंट, पर्यटन, और मनोरंजन जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता मिलेगी। औद्योगिक दृष्टि से पिछड़े क्षेत्रों में अतिरिक्त प्रोत्साहन देकर उनके विकास पर जोर दिया जाएगा।
इसके अंतर्गत फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, गैर-काष्ठ वनोत्पाद, ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रॉनिक्स, एआई, रोबोटिक्स, और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएँ बनाई गई हैं। साथ ही, 200 करोड़ रुपये से अधिक निवेश वाले विशिष्ट उत्पादन क्षेत्रों के पहले पांच उद्यमों को 5% अतिरिक्त अनुदान का लाभ मिलेगा।
औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के तहत, राज्य के मूल निवासियों को रोजगार देना अनिवार्य किया गया है। इसके तहत, अकुशल श्रमिकों के लिए 100% स्थायी रोजगार, कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम 70%, और प्रशासनिक/प्रबंधकीय पदों पर 40% रोजगार राज्य के मूल निवासियों को प्रदान करना आवश्यक होगा |
महिला उद्यमी, थर्ड जेंडर, अग्निवीर सैनिकों को अतिरिक्त छूट
विष्णुदेव साय की कुशल नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में महिलाओं, थर्ड जेंडर, और निशक्तजनों के साथ-साथ अनुसूचित जाति, जनजाति, सेवानिवृत्त अग्निवीर सैनिक, भूतपूर्व सैनिक, और नक्सल प्रभावित परिवारों के उद्यमियों के लिए विशेष छूट का प्रावधान किया गया है। इन वर्गों के लिए सामान्य उद्योगों की तुलना में 10% अतिरिक्त अनुदान और एक वर्ष की अधिक छूट प्रदान की जाएगी। विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए भी विशेष रियायतों की घोषणा की गई है।
आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए पुनर्वास योजना
आत्मसमर्पित नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए, उन्हें 10% सब्सिडी के साथ छोटे और मध्यम उद्योग स्थापित करने का प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह पहल उनके स्थायी रोजगार और समाज में पुनर्वास को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखती है।
विशेष प्रोत्साहन पैकेज
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स, और कंप्यूटिंग (जीपीयू) जैसे उभरते क्षेत्रों के लिए 12 वर्षों तक राज्य जीएसटी की 100% प्रतिपूर्ति या परियोजना निवेश पर 50% अनुदान की सुविधा होगी, जिसकी अधिकतम सीमा 450 करोड़ रुपये है।
नई नीति में निवेशकों के लिए ब्याज अनुदान, पूंजी अनुदान, स्टाम्प शुल्क और बिजली शुल्क में छूट, साथ ही मूल्य संवर्धित कर की प्रतिपूर्ति जैसी सुविधाएँ शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, बंद और बीमार उद्योगों के पुनरुत्थान के लिए विशेष पैकेज का प्रावधान किया गया है, जिससे उद्योग जगत में नई ऊर्जा का संचार हो सके।