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धार की ऐतिहासिक भोजशाला में एएसआई का सर्वे का आठवें दिन भी रहा जारी

Date : 29-Mar-2024

 धार, 29 मार्च । धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का सर्वे 8वें दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। सर्वे टीम सुबह छह बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और दोपहर 12 बजे बाहर आ गई। शुक्रवार की नियमित नमाज के मद्देनजर एएसआई की टीम ने करीब छह घंटे सर्वे का काम किया। इस दौरान हिंदू-मुस्लिम पक्षकार भी मौजूद रहे।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभा द्वारा 22 मार्च को इस सर्वे की शुरुआत की गई थी। भोजशाला का शुक्रवार को भी सर्वे किया गया। सर्वे के तहत अब तक मूल रूप से नींव के बारे में जानकारी मालूम हो पाई है। शुक्रवार को भोजशाला में मुस्लिम समाज को नमाज की अनुमति होती है। ऐसे में नमाज से पहले सर्वे टीम बाहर आ गई। शुक्रवार दोपहर एक से तीन के बीच में यहां जुमे की नमाज हुई। नमाज के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। मोबाइल अंदर ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया था।

आमतौर पर प्राचीन धरोहर की फोटोग्राफी मॉडल के रूप में कभी नहीं की जाती है, लेकिन भोजशाला की तस्वीर इस समय हर एंगिल से ली जा रही है। अहम बात यह है कि फिल्म में जिन रिफ्लेक्टरों और आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाता है, उन रिफ्लेक्टर का उपयोग करते हुए एक-एक फोटो और वीडियोग्राफी की जा रही है, जिससे भोजशाला के पाषाण पर उकरे गए हर चिन्ह को स्पष्ट रूप से देखा जा सके। यहां रिफ्लेक्टर के उपयोग के साथ फोटोग्राफी व अन्य वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।

संभवत यह भोजशाला में पहली बार हुआ है। वहीं 50 मीटर के दायरे में जो धरोहर हैं, उनको भी डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि भोजशाला में तीन स्थानों पर खुदाई की गई और गड्ढों में सीढ़ी से उतरकर अवशेषों को निकालने का कार्य किया गया। एएसआई की टीम द्वारा भोजशाला की लंबाई-चौड़ाई से लेकर कई स्तर पर जानकारियां दर्ज की जा चुकी है। यहां गड्ढे की लंबाई, चौड़ाई और गहराई को धीरे-धीरे विस्तारित किया जा रहे हैं। भोजशाला में जो गर्भ गृह है, उसके पिछले भाग में दो स्थानों पर खुदाई की गई है, जबकि एक खुदाई लकड़ीपीठा क्षेत्र में की गई है। आने वाले दिनों में भी यह खुदाई कार्य जारी रहेगा जारी। टीम ने 50 मीटर की दूरी में अपना टारगेट रखा है।

उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को छह सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देनी है। इस सर्वे कार्य का एक सप्ताह बीत चुका है। अब 35 दिन का समय शेष रह गया है। फिलहाल इसमें विभाग समय को लेकर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं कर रहा है। माना जा रहा है कि यह कार्य सतत जारी रहेगा।

 
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