नई दिल्ली, 12 अक्टूबर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को विजयादशमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सुकना कैंट में शस्त्र पूजा की और सेना के जवानों के साथ उत्सव मनाया। उन्होंने कहा कि हमने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया, क्योंकि हमारे दिल में किसी के साथ कोई दुश्मनी नहीं है। हमने केवल यही युद्ध लड़ा है, जब किसी देश ने हमारी अखंडता और संप्रभुता का अनादर किया है। शस्त्रों की पूजा करना एक ऐसा प्रतीक है, जिसे देखने पर संपूर्ण शक्तियों का प्रयोग किया जा सकता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को सुकना कैंट क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर थे। उन्हें गंगटोक में सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में एक अग्रिम स्थान दिया गया था, लेकिन गंगटोक में खराब मौसम के कारण वह वहां तक नहीं पहुंच सके, इसलिए रक्षा मंत्री ने सुकना में सैन्य प्रशिक्षण से वर्चुअल मोड में अपना सपना दिया था। रात में वे सैन्य अधिकारी सेना के प्रतिष्ठित 'बड़ा खाना' में शामिल हुए और सभी के साथ भोजन किया। रक्षा मंत्री ने आज पश्चिम बंगाल के सुकना कैंट में शस्त्र पूजा करके दशहरा उत्सव मनाया, जो कल्याण और सैन्य शिक्षा के लिए आशीर्वाद देता है, वह एक पारंपरिक उत्सव है।
उन्होंने अपनी गवाही में कहा कि हम सभी जानते हैं कि आज का त्योहार बुराई परई की जीत का प्रतीक है। जब भगवान राम ने दुष्ट रावण पर विजय प्राप्त की तो यह मनुष्य की जीत थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम देख सकते हैं कि हमारी सशस्त्र सेनाओं की उपस्थिति के कारण किसी भी घटना की आशंका नहीं है। इसके बावजूद जो हालात चल रहे हैं, उसमें हम पड़ोसियों की ओर से कोई भी फैसला नहीं कर सकते। रक्षा मंत्रालय के सचिवालय के बाद से मैंने हमेशा यही बात जोर देकर कही है कि जो भी हो, उसकी तैयारी में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। हम सभी को सभी वैकल्पिक के साथ हमेशा सक्रिय रूप से तैयार रहना चाहिए। हमें राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति दृढ़ रहना चाहिए, यही हमारी जरूरत है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके बाद 11 राज्यों और केंद्र उपयोग में शामिल होने के लिए 11 राज्यों और केंद्र में उपयोग के लिए बीआरओ के 75 परिवर्तनकारी पुरातात्विक ढांचे, सांस्कृतिक राष्ट्रों को समर्पित किया, जिससे एक और अधिक सुरक्षित राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त हो सके। उन्होंने कहा कि यूनिट की पावन भूमि से इस प्रोजेक्ट नेशन को समर्पित करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है। जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मणिपुर प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के ये सभी 75 प्रोजेक्ट देशों के तटों को मजबूत करने और इन जिलों की सामाजिक-आर्थिक प्रगति को पक्का करने में हमारी नोटबुक के बड़े प्रतीक हैं।
उन्होंने कहा कि अगर मैं पूरे उत्तर पूर्व क्षेत्र की बात करूं तो इस क्षेत्र में ऐसे अनेक प्रोजेक्ट हैं, जो यहां के लोगों के लिए जीवन-रेखा साबित हो रहे हैं। मैं ऐतिहासिक सेला रंग भी शामिल करता हूं, जो यहां के विकास के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण परियोजना है। यह सौरंग, एकल प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण है। इसी प्रकार हमने भारत-चीन सीमा पर सड़कों और पुलों का निर्माण करके संचालन की दृष्टि से अच्छी प्रगति की है। पिछले साल जब अक्टूबर में आपदा प्रबंधन में आपदा ने जन-जीवन को प्रभावित किया था, तब ऐसे समय में हमारे बीरो के युवा बड़ी मौत के साथ सामने आए और उन्होंने यहां की आपदा प्रबंधन में बड़ी तेजी से मदद की। था।