बिजली का अविष्कार 600 वर्ष ईसा पूर्व थेल्स नाम के वैज्ञानिक ने किया था। थेल्स यूनान के दार्शनिक महान भौतिक विज्ञानी थे। उसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के एक वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रैंकलिन ने एक परीक्षण करके बिजली उत्पन्न करने की खोज की उन्होंने लोगों को बताया कि आकाश में जो बिजली चमकती हैं उसी का दूसरा रूप बिजली हैं। उसके बाद फ्रांस के एक वैज्ञानिक जार्ज लेक्लांशे ने एक गिला बैटरी बनाकर उसमें से बिजली उत्पन्न किया उन्होंने अमोनियम क्लोराइड का घोल बनाकर उसमें जस्ता और कार्बन का छड़ बनाया और अमोनियम क्लोराइड के घोल में उसको डुबाकर बिजली उत्पन्न करके लोगों को दिखाया। 1800 में एलेस्सान्डो् वोल्टा ने पहली बिधुत सेल बनाई, जिससे बिधुत धारा प्राप्त की जा सकती थी।
विधुत पैदा करने की दिशा में सबसे क्रांतिकारी कार्य 1831 में माइकल फैराडे ने किया उन्होंने सबसे पहले यह बताया की यदि तांबे के तार से बनी कुंडली में एक चुम्बक को आगे-पीछे किया जाए, तो बिजली पैदा हो जाती है। फैराडे के इसी सिद्धांत को प्रयोग में लाकर विधुत पैदा करने वाले जेनरेटरों का विकास हुआ। सबसे पहला सफल विधुत डायनमो या जेनरेटर जर्मनी में सन 1867 में बनाया गया।
बिजली के बारे में रोचक तथ्य
आसमान से गिरने वाली बिजली 10 करोड़ volt की होती है, जबकी हमारे घरों में जो करंट आता है वो सिर्फ 220 volt का होता है।
हमारे घरों में चलने वाले वॉशिंमशिन, टीवी, फ्रिज सब सिर्फ 5 Amp पर चलता है।
भारत में हर साल 2500-3000 लोग बिजली गिरने से मारे जाते है।
एक सर्वे के अनुसार बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या में 80% पुरूष और सिर्फ 20% ही महिलाएं होती है।