प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विभिन्न अवसरों पर दिए गए भाषणों के संकलन, ‘संस्कृति का पांचवा अध्याय’ नामक पुस्तक का कल नई दिल्ली में विमोचन किया गया।
जूना अखाड़े के प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने पुस्तक का लोकार्पण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने देश की संस्कृति, परंपराओं, आध्यात्मिक मूल्यों और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में श्री मोदी के प्रयासों की सराहना की।
प्रधानमंत्री के भाषणों के प्रमुख अंशों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह पुस्तक एक संग्रहित संग्रह के रूप में कार्य करती है, जो सांस्कृतिक संरक्षण के प्रति श्री मोदी की प्रतिबद्धता और भारत की कालातीत परंपराओं को कायम रखने के उनके दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करती है।
इस अवसर पर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि 2014 के बाद से देश भर में हर तरफ नवाचार देखने को मिल रहा है और माहौल में बदलाव साफ दिखाई दे रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री के सांस्कृतिक योगदान की सराहना की और कहा कि अब लोग सांस्कृतिक विषयों पर अधिक गहराई और गर्व के साथ चर्चा करते हैं। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से भारत का सांस्कृतिक माहौल बदल गया है।