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Travel & Culture

गोल्डन सिटी' के नाम से लोकप्रिय जैसलमेर

Date : 31-Jan-2023

 जैसलमेर जो राजस्थान राज्य के पश्चिमी इलाके में स्थित है जयपुर से 550 किलोमीटर और जोधपुर से 280 किलोमीटर वही उदयपुर से 490 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ यह खूबसूरत रेगिस्तान जो दुनिया भर में पर्यटन क्षेत्र में प्रसिद्द है 

सैम सैंड डून्स 

जैसलमेर के थार रेगिस्तान में पर्यटकों को आनंद करने का सबसे उत्तम है जहा पर आप राजस्थान की छवि को जैसलमेर के सैम सैंड डून्स में देखने को मिलता है –

सैंड डून्स जब आप पहुंचेंगे तो यहा पर आपको ढेर सारे डेजर्ट हाउस देखने को मिलेगा जहा आप किसी भी डेजर्ट में रुक सकते है हर किसी का चार्ज ऊपर नीचे हो सकता है ।

यहाँ पर एक दिन का चार्ज 2 लोगो के लिए 3000 से 4000 तक होता है जिसमे  आपको मिलेगा नास्ता , लंच , डिनर , और ठहरने के अलाबा रात में यहाँ पर होता ही राजस्थानी कल्चर एक्टिविटी

सभी डेजर्ट  हाउस में बीचो बीच राजस्थानी कल्चर एक्टिविटी जिसमे आपको देखने को मिलती है जो जैसलमेर घूमने का एक शानदार अनुभव प्रदान करती है

जैसलमेर का किला

दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तानी किला और राजस्थान का दूसरा सबसे पुराना किला इस किले का निर्माण 1156 में यदुबंशी भाटी रावल जैसिंघ ने बलुए पत्थर से बनवाया था.

किले के चारो तरफ 99 किला बंदी मीनारे है जो मीलो दूर से दिखयी देती है खास तौर पर सनसेट और सनराइज के समय इसकी खूबसूरती और भी बढ़ जाती जब पूरा किला गोल्डन दिखाई पड़ता है ।

ये किला दुनिया का सबसे पुराना एक मात्रा  किला जहा राजा के अलाबा गलियां , , हवेलिया , म्युसियम मंदिर , होटल सभी एक साथ मौजूद है ।

और तो और जैसलमेर किला विश्व का इकलौता ऐसा किला जिसकी छत लकड़ी से बनी हुयी है और दीवारों पर गौमूत्र का लैप किया गया है पहाड़ी पर बना ए किला फेमस है

हवेलिया

जैसलमेर प्रसिद्द है अपने सुन्दर नक़्क़शी दार मार्वल की हवेलियों के लिए जिन्हे 19 सेंचुरी में बनवाया गया था यहाँ 5 अलग – अलग हवेलियों का समूह है । जिनमे से –

पटवों की हवेली – ये   हवेली प्रसिद्ध है अपने सुन्दर खिड़कियों , बाल्कनिया , इंटीरियर डिज़ाइन और संग्रहालय सोने चंडी के आभूषण और कलाकृतिया मौजूद है ।

मोती महल

नथमल जी की हवेली

गाढ़ीसर झील 

जैसलमेर शहर के भीतर स्थित इस लेक में आप चाहे तो बोटिंग कर सकते है और यहाँ पर एक बाग़ है जो की इसे भी विजिट कर सकते है यहाँ पर आपको सुन्दर स्मारक देखने को मिलेगा ।

इस झील के किनारे बहुत सारे मंदिर देखने को मिलेंगे चाहे तो यहाँ भी विजिट कर सकते है । सनसेट के समय यहाँ का नजारा काफी खूबसूरत हो जाता है अगर आप कपल है एक बार इस लेक में आप जरूर विजिट करे ।

जैसलमेर में पानी के स्रोत के लिए रावल जैसल ने और बाद में 1367 में महाराज गड़सिंघ ने इसका पुनर निर्माण करवाया । ये झील कभी नहीं सोखने बाली लेक है जिसको गर्मिओ में इंद्रगढ़ी नगर से भरा जाता है ।

बाबा रामदेवरा समाधी टेम्पल 

जैसलमेर के मुख्य देवता है ऋणी चारा धनि जी जिनका भव्य मंदिर और समाधी जैसलमेर के रामदेवरा में जिन्हे हिन्दुओं के द्वारा वृषनु का अवतार और मुस्लिमो के द्वारा राम पीर का रूप मान जाता है

अमर सागर झील

जैसलमेर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यहाँ झील हमेशा पानी से भरी हुयी रहती यहाँ पर पर्यटक इसकी खूबसूरती को देखने के लिए हर समय मौजूद रहते है ।

झील के अलाबा इसके नजदीक में ही विजिट कर सकते है जैन मंदिर और  शिव मंदिर जिसकी डिजाइन एक अपार्टमेंट की तरह है ।

डेजर्ट नेशनल पार्क

यदि आप प्रकृति प्रेमी है और पक्षियों और जानवरो को प्यार करते है तो ये जगह आपके लिए बिलकुल उपयुक्त है राजस्थान का सबसे बड़ा वन्य जीव अभ्यारण है

डेजर्ट नेशनल पार्क जहा आपको रेगिस्तान में पाए जाने बाले बिभिन्न प्रकर के पक्षियों का समूह देखने को मिलता है । इसके अलाबा बिभिन्न जानवरो की फ़ौज देख सकते है ।

लकड़ियों के जीवाश्म

ये जगह फेमस है जीवाश्म के लिए यहाँ पर लगभग 18 करोड़ वर्ष पहले के जीवास्म मिले है जिसकी बजह से ये स्थान जैसलमेर में टूरिस्ट प्लेस बन चूका है ।

यहाँ पर पर्यटकों को देखने के लिए ऑस्ट्रेलियाई पक्षी और लकड़ी को पूरी तरह से पत्थर में बदलते हुए देख पाएंगे

कुलधरा गांव

ये वो गांव है जो एक ही रात में पूरा गांव खाली हो गया था जिसकी बजह से इसे भूतिहा जगह मना जाता है यहाँ पहुंचने पर आपको 200 वर्ष पुराने मिटटी के घर देखने को मिलते है ।

बारा बाग़ मंदिर

जैसलमेर के राजो की शाही समाधी स्थल या क्षत्रियो के सेट आप एक सामान देख सकते है जिसकी शुरुआत जैसिंघ समाधी के साथ 1764 में की गयी थी ।

युद्ध संग्रहालय जैसलमेर

दोस्तों जैसलमेर से 10 किलोमीटर की दूरी पर बना है यह संग्रहालय जहा आपको भारत पाकिस्तान के कारगिल युद्ध में इस्तेमाल किये जाने बाले हथियार और कुछ हवाई जहाज देखने को मिल जाएगी ।

व्यास छतरी

जैसलमेर में घूमने की जगह में एक और शानदार प्लेस जहा आपको देखने को मिलेगा सनसेट शाम के समय ढलता हुआ सूरज आपकी पिकनिक को और ज्यादा बेहतरीन बना देगा

 सोनार का किला

किला के प्रवेश द्वार पर अंकित रानियों के हाथो के निशान इसके बारे में बताया जाता है की जब अलउद्दीन खिलजी ने इस किले पर आक्रमण किया था और युद्ध के दौरान रानियों को सूचना मिली की महाराजा युद्ध में मारे गए।

तब रानियों ने जौहर कर लिया उन्ही के हांथो के निशान आज भी इस किला के मुख्य द्वारा पर गवाही देता है इसीलिए इस जगह को जौहर कुंड के नाम से जाना जाता है ।

लौंगेवाला युद्ध बाथल

ये एतिहासिक जगह जैसलमेर से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ये वही जगह है जहा पर 4 दिसम्बर 1971 की रात को मात्र 100 भारतीय सैनिको ने पाकिस्तान के 2000 से भी ज्यादा सैनिको तथा 60 टैंक्स को हराया था ।

तनोट माता मंदिर

लौंगवाला से 35 तथा जैसलमेर से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस चमत्कारी मंदिर को जैसलमेर में घूमने लायक जगह में शामिल कर सकते है ।

इस मंदिर को चमत्कारी मंदिर इसलिए कहा जाता है क्योकि 1965 तथा 1971 भारत और पाकिस्तान युद्ध के दौरान यहाँ पर बहुत बम गिराए गए थे फिर भी मंदिर और भारतीय जवान बिलकुल सुरक्षित थे।

तब से इस मंदिर का रख रखाव Bsf के जवान करते है यहाँ पर आज भी उस समय के ब्लास्ट हुए बम को देख सकते है बॉडर बॉलीवुड फिल्म इसी पर आधारित है

ताजिया टावर

जैसलमेर में स्थित ये पांच मंजिला ईमारत जिसकी ऊंचाई की बजह से इसे बादल महल भी कहा जाता है यहाँ का मुख्य आकर्षण केंद्र इस्लमिक संरचना में बना।

इसका सबसे ऊपरी हिस्से की नक्काशी बिलकुल ताजिया की तरह है इसीलिए इसे ताजिया भी कहते है । बर्तमानसमय में इसे म्यूजियम और होटल में तब्दील कर दिया गया है

 

 

 

 

 

 

 

 
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