भारतीय सिनेमा से यह बहुत दिन बाद देखने को मिला कि हिंदू धर्म का सम्मान एवं अपने आराध्य देवी देवताओं का अनुसरण भारतीय कमर्शियल फिल्म में किया जा रहा है।
इस फिल्म को बनाते वक्त रोहित शेट्टी ने इस बात को ध्यान में रखा की वर्तमान समाज क्या देखना चाहता है ।
फिल्म में जो बात मुख्य तौर पर दिखाई गई वह यह कि कश्मीर का युवा अब किसी आतंकवादी के गिरफ्तार होने पर पत्थर उठाकर नहीं फेंकता और वह मुख्य धारा के साथ जुड़ना चाहता है। कश्मीर का युवा भी चाहता है कि आतंकवादी गिरफ्तार हो एवं घाटी में फिर से शांति बहाल हो।
फिल्म इस बात को भी दर्शाती है कि आज भी समाज रामायण देखने के लिए उत्सुक है एवं रामायण को विस्तार से समझना चाहते हैं। रामायण का मंचन अगर अच्छे तरीके से हो तो समाज रामायण को एक बार नहीं कई बार देखना पसंद करेंगे।
फिल्म में आज का युवा किस प्रकार के रिश्ते रखते है और उसके लिए वह क्या शब्दावली का प्रयोग करता है और वह अपने माता-पिता से क्या अपेक्षा रखता है और माता-पिता उससे क्या अपेक्षा रखते हैं इस बात का भी बहुत कम समय में लेकिन बहुत ही प्रभावी ढंग से दिखाया गया जो की प्रशंसा के योग्य है।
फिल्म ने पहली बार इस बात को दर्शाया कि आतंकवादी किसी बड़े आंदोलन का हिस्सा नहीं है पर वह अपने व्यक्तिगत पारिवारिक बदले ले रहा है।
अंग्रेजी में एक शब्द आता है बिटवीन द लाइंस जिसका तात्पर्य है इशारों में कही गई बात इस प्रकार से इस फिल्म में यह बताया गया कि आज की वर्तमान परिस्थिति में राम कौन है और रावण कौन है किस प्रकार का चरित्र इन दोनों को परिभाषित करता है यह समझाने का एक अच्छा प्रयास किया गया है।
इस फिल्म में एक बहुत बड़ी स्टार कास्ट के साथ रोहित शेट्टी ने अपने सिंघम फिल्म की श्रृंखला से जुड़े सभी लोगों को लाया परंतु फिल्म में डायलॉग अजय देवगन, करीना कपूर ,रवि किशन और रणवीर सिंह के ही पास थे इसके अलावा विलेन के रूप में अर्जुन कपूर को भी कुछ डायलॉग दिए गए थे। शेष कलाकार पूरी फिल्म में मात्र दो चार डायलॉग से काम चलाएं है।
रोहित शेट्टी द्वारा एक नया प्रयोग किया गया की फिल्म को रामायण के समानांतर चलाया और फिल्म में कोई भी सस्पेंस नहीं रखा इसलिए दर्शक तुरंत भांप जाते थे कि अगला सीन क्या होगा। आश्चर्य के तौर पर फिल्म में एक भी गाना नहीं था। मनोरंजन की दृष्टि से रणवीर सिंह ने ही फिल्म में दर्शकों को हंसाने का काम किया।
जिसने भी हॉलीवुड की दी अवेंजर्स और एक्सट्रैक्शन मूवी देखी होगी उन्हें कुछ एक्शन सींस एक प्रकार के लगेंगे।
फिल्म के शुरुआत में विज्ञापन दाताओं को देखकर समझ आता है कि आज बड़े उद्योग किस प्रकार से भारतीय सिनेमा में अपना पैसा लगा रहे हैं ।
डिस्क्लेमर को पूरा हिंदी एवं अंग्रेजी में पढ़कर बताया गया ताकि फिल्म किसी भी तरह से किसी भी विवाद में ना पड़े। फिल्म ने भारत की एक नई छवि जो विश्व में बन रही है उसे भी निखारने का प्रयास किया गया है और भारतीय होने का गौरव भी दिखाया गया है।
रामायण की दृष्टि से भारत और श्रीलंका में जितने भी स्थान एवं धार्मिक स्थल रामायण से जुड़े हैं उन सब को भी बहुत अच्छे से फिल्माया गया है। शायद भारतीय दर्शक उन स्थानों को देखकर बहुत रोमांचित होंगे जो अब तक वह रामायण में सिर्फ सुनते आए थे।
फिल्म एक्शन से भरपूर है और एक बार देखने योग्य है आज की युवाओं की भाषा में वन टाइम वॉच है।
दिवाली के बाद रिलीज इस फिल्म से उम्मीद है कि यह 500 करोड़ से ऊपर का कारोबार करके जाएगी।
भारतीय फिल्म की दुनिया में वह दौर समाप्त हुआ जब हिंदू देवी देवताओं का और धर्म का मजाक उड़ाया जाता था।भारतीय सिनेमा निर्देशकों को यह बात समझना होगा कि यह देश अब अपने देवी,देवताओं,धर्म एवं राष्ट्र का सम्मान और वैभव चाहता है।