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'आशिकी' फेम राहुल की किस्मत ने नहीं दिया साथ, राजनीति में भी नहीं हो पाए सफल

Date : 10-Feb-2023

बॉलीवुड में किसी की किस्मत रंग लाएगी या नहीं, यह कोई नहीं कह सकता। कौन सी फिल्म हिट होगी और कौन सी फ्लॉप, इसका अंदाजा लगाना वाकई मुश्किल है। बॉलीवुड एक शख्स को एक पल में सफलता के शिखर पर ले जाता है और दूसरे ही पल में उसे जमीन पर ले आता है। ऐसा ही कुछ हुआ एक्टर राहुल रॉय के साथ। दिखने में हैंडसम, सिंपल बॉडी लेकिन पैनी नजर वाले राहुल की अचानक से बॉलीवुड के टॉप एक्टर्स की लिस्ट में एंट्री हुई। उसके बाद उनकी किस्मत ऐसी बदली कि उन्होंने बॉलीवुड छोड़ दिया।

'आशिकी' फेम राहुल के साथ ऐसा क्या हुआ कि उन्हें बॉलीवुड छोड़ने का फैसला लेना पड़ा ? एक्टर राहुल 9 फरवरी को अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं। जन्मदिन के मौके पर आइए जानते हैं उनके जीवन के किस्से

एक्टर राहुल शुरुवाती दौर में मॉडलिंग कर रहे थे। उनकी मां इंदिरा रॉय एक फैशन मैगजीन में कॉलम लिखती थीं और उनके पिता दीपक रॉय एक बिजनेसमैन थे। यह 1980 की कहानी है। एक दिन निर्देशक महेश भट्ट ने इंदिरा रॉय का लिखा एक लेख पढ़ा और उनसे मिलने की इच्छा जताई। इस मुलाकात में बातचीत के दौरान इंदिरा ने महेश को अपने बेटे यानी राहुल के बारे में बताया और उन्हें राहुल की कुछ तस्वीरें भी दिखाईं।

महेश भट्ट उस फोटो को देखकर खुश हुए और उन्हें अपनी फिल्म में लेने का फैसला किया। यह राहुल की पहली फिल्म थी जिसने बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। राहुल की फिल्म 'आशिकी' करीब 6 महीने तक हाउसफुल चली। फिल्म देखने के लिए हर दिन भीड़ लगी रहती थी। फिर उनकी गिनती टॉप एक्टर्स में होने लगी। इसके बाद एक समय ऐसा भी आया, जब उन्हें करीब 60 फिल्मों के ऑफर मिले।

सभी फिल्मों को समय देने के लिए वह एक दिन में तीन फिल्मों की शूटिंग करते थे, लेकिन आगे वो मैनेज नहीं कर पाए। उन्होंने 21 निर्माताओं को उनके पैसे लौटा दिए और फिल्म से अपना नाम वापस ले लिया। कुछ समय बाद राहुल की एक के बाद एक फिल्में रिलीज होने लगीं। इनमें 'फिर तेरी याद आई', 'जानम', 'सपने साजन के', 'गुमराह' और 'मजदूर' जैसी फिल्में शामिल हैं, लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई।

इनमें से 3 फिल्में पूजा भट्ट के साथ, 2 शिल्पा शेट्टी के साथ, 2 करिश्मा कपूर के साथ और एक श्रीदेवी के साथ थीं। इसके बाद उनके करियर में गिरावट आने लगी। राहुल की एक भी फिल्म हिट नहीं हुई। इसलिए उन्हें ऑफर मिलना बंद हो गए। 15 फिल्मों के बाद उन्हें काम का इंतजार होने लगा। इसके बाद उन्होंने निर्देशन करने का फैसला किया। उन्होंने भोजपुरी फिल्मों का निर्देशन किया, लेकिन वहां भी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।

अपनी पहचान बनाने की कोशिश में राहुल ने 2006 में बिग बॉस जैसा शो किया। वह 'बिग बॉस' के पहले सीजन के पहले विनर बने थे। उन्हें दर्शकों का भरपूर प्यार मिला, लेकिन इससे उन्हें ज्यादा मदद नहीं मिली। वह फिर से अपनी फिल्म की शुरुआत नहीं कर सके। इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड से दूर रहना पसंद किया और राजनीति में अपनी किस्मत आजमाई। वह 2017 में भाजपा पार्टी में शामिल हो गए।

 
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