दोष देख मत क्रोध कर, मन से शंका खोय |
प्रेम भरी सेवा लगन, से पति वश में होए ||
तब उस स्त्री को मालूम हुआ कि ताबीज उसको तुष्ट करने के लिए दिया गया था | वास्तव में स्त्री अपने आचार-व्यवहार से ही पति को वश में कर सकती है |
दोष देख मत क्रोध कर, मन से शंका खोय |
प्रेम भरी सेवा लगन, से पति वश में होए ||
तब उस स्त्री को मालूम हुआ कि ताबीज उसको तुष्ट करने के लिए दिया गया था | वास्तव में स्त्री अपने आचार-व्यवहार से ही पति को वश में कर सकती है |