प्रेरक प्रसंग:- वशीकरण मंत्र का असर | The Voice TV

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सपनों को हकीकत में बदलने से पहले, सपनों को देखना ज़रूरी है – डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

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प्रेरक प्रसंग:- वशीकरण मंत्र का असर

Date : 26-Nov-2024

 एक बार संत दादू के पास एक महिला आयी | उसका पति हमेशा उससे रुष्ट  रहता था, जिससे घर में सदैव अशांति बनी रहती थी | उसने संत दादू के पास आकार अपनी दु:ख-गाथा कही और कष्ट-निवारण के लिए वशीकरण का एक ताबीज माँगा | दादू ने उसे समझाया कि पति के दोष-दुर्गुणों का विचार न करते हुए सच्चे दिल से यदि वह उसकी सेवा करेगी, तो पति ही क्या, पशु को भी वह वश में कर सकती है, किन्तु उस महिला को यह बात न जंची | उसने एक ही रट लगायी कि उसे वशीकरण का ताबीज दिया जाये, जिसके प्रभाव से ही उसके पति का सुधरना संभव है | हतास दादू ने एक कागज के टुकड़े पर दो पंक्तियाँ लिखकर उस टुकड़े को एक पुराने ताबीज में रखकर उस स्त्री को पहनने को  दे दिया |

करीब एक वर्ष पश्चात वही स्त्री बहुत-सा उपहार लेकर आई और संत दादू को प्रणाम कर बोली कि उनके द्वारा दिए गए ताबीज के प्रभाव से उसका पति उसके पुरे वश में आ चूका है तथा घर में सदैव शांति बनी रहती है | यह सुन वहाँ बैठे उनके शिष्यों तथा अन्य उपस्थित लोगों को आश्चर्य हुआ, क्योकि दादू किसी तो ताबीज नहीं दिया करते थे | उन्होंने उस स्त्री को ताबीज खोलने को कहा | फिर सब लोगों से बोले कि वे वशीकरण का मंत्र कंठस्थ कर लें | स्त्री द्वारा ताबीज खोलने पर उन्होंने टुकड़ें पर लिखा हुआ निम्न दोहा सबको पढ़कर  सुनाया - 

दोष देख मत क्रोध कर, मन से शंका खोय |

प्रेम भरी सेवा लगन, से पति वश में होए ||

तब उस स्त्री को मालूम हुआ कि ताबीज उसको तुष्ट करने के लिए दिया गया था | वास्तव में स्त्री अपने आचार-व्यवहार से ही पति को वश में कर सकती है |

 
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