भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने कहा है कि नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR) उपग्रह का प्रक्षेपण अगले महीने संभावित है। उन्होंने यह जानकारी अगरतला में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इम्फाल के पांचवें दीक्षांत समारोह के दौरान आकाशवाणी से बातचीत में दी।
डॉ. नारायणन ने बताया कि इस उपग्रह में दो प्रमुख पेलोड शामिल हैं—एक अमेरिका द्वारा और दूसरा भारत द्वारा विकसित किया गया है। यह उपग्रह माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग तकनीक पर आधारित है और पृथ्वी की निगरानी में सहायक होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जी-20 अध्यक्षता के दौरान घोषित "जी-20 उपग्रह" पर काम जारी है, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से जुड़ी गतिविधियों का अध्ययन करना है। इस उपग्रह का लगभग 50% पेलोड भारत का होगा, और बाकी सहयोगी देशों से आएगा। इसे भारतीय प्रक्षेपण यान से लॉन्च किया जाएगा और इसका डेटा सभी जी-20 देशों के साथ साझा किया जाएगा।
आगामी मिशनों पर चर्चा करते हुए ISRO प्रमुख ने कहा कि 18 मई को सी-बैंड सिंथेटिक रडार उपग्रह RA-SAT को PSLV रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा। इसके अलावा, अगले महीने एक भारतीय गगनयात्री को प्रशिक्षण और अनुभव के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजा जाएगा।
दीक्षांत समारोह में देशभर के 28 राज्यों के 1,500 से अधिक छात्रों को कृषि और संबद्ध विज्ञान में डॉक्टरेट, स्नातकोत्तर और स्नातक डिग्रियाँ प्रदान की गईं। इस दौरान 33 स्नातक और 20 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक तथा नौ डॉक्टरेट छात्रों को प्रतिष्ठित अकोइजम उधव सिंह मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।