छत्तीसगढ़ का बस्तर अंचल प्राकृतिक सौंदर्य व आदिम संस्कृति और सभ्यता के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है |नृत्यकला बस्तर के जनजातियों द्वारा विभिन्न अवसरों पर कई प्रकार के नृत्य किए जाते हैं | विभिन्न आकर्षक नृत्य रूपों में से एक है मावोपाटा |
मावोपाटा:- यह मुरिया जनजाति का एक अद्भुत शिकार नृत्य है | इस में नवयुवकों द्वारा जंगली भैंसे या सांभर का शिकार किया जाता है | शिकार के किसी अज्ञात स्थान पर छुप जाने के बाद युवक उसे तलाशते हैं और युवतियों से उसका पता पूछते हैं.'युवतियाँ नहीं मालूम है' का जवाब देकर लोक गीत गाती रहती हैं| प्रयास के बाद शिकार मिल जाता है,फिर शिकार का भोजन बनाया जाता है.इस के दौरान लोक वाद्य 'टिमकी' और 'कोटोडका' बजाया जाता है.यह नृत्य कम से कम 1 घंटे तक चलता है | शिकार कथा पर आधारित यह नृत्य बड़ा ही रोमांचक होता है | बस्तर के आदमी जीवन में मुरिया जनजाति का यह लोकनाट्य अपनी संपूर्ण पारंपरिकता के साथ मंच पर प्रस्तुत होता है.यह शिकार कथा बस्तर बस्तर की वास्तविक जीवन का स्वाभाविक स्पंदन है |