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बाजीराव - मस्तानी के प्रेम का गवाह है मस्तानी महल

Date : 10-Mar-2024

 बाजीराव पेशवा ने बंगश खान को युद्ध में किया था परास्त

 महाराजा छत्रसाल ने करवाया था मस्तानी महल का निर्माण

महोबा। बुंदेलखंड का महोबा जनपद ऐतिहासिक धरोहरों के लिए पूरे देश में विख्यात है। बाजीराव पेशवा और मस्तानी की प्रेम गाथा के चर्चे लोगों की जुबान पर सुनने को मिलते हैं। दोनों के प्यार की निशानी मस्तानी महल आज भी यहां पर मौजूद है। ऐतिहासिक महल को वैवाहिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर विरासत के संरक्षण करने का प्रयास सरकार के द्वारा किया जा रहा है।

बुंदेलखंड में मध्य युग में महाराजा छत्रसाल एक प्रतापी क्षत्रिय राजा के रूप में और एक महान योद्धा के रूप में विख्यात हैं। जिन्होंने मुगल शासक औरंगजेब को युद्ध में पराजित किया और बुंदेलखंड में अपना स्वतंत्र राज्य स्थापित किया । इतिहासकार दत्तात्रय गणेश गोडसे ने मस्तानी ग्रंथ में लिखा है कि महाराजा छत्रसाल बुंदेला और पेशवा बाजीराव प्रथम के बीच जो संबंध थे वह पिता पुत्र के समान थे। राज्य छत्रसाल ने अपनी मृत्यु के पहले ही महोबा और आसपास के क्षेत्र को बाजीराव पेशवा को सौंप दिया था।

महाराजा छत्रसाल बुंदेला की जैतपुर रियासत बुंदेलखंड की सबसे उन्नत और संपन्न रियासतों में से एक थी । जहां पर उन्होंने जैतपुर की जागीर अपने छोटे बेटे जगतराज को सौंप दी और बड़े बेटे हृदयशाह को पन्ना का नरेश बना दिया । प्रयागराज के मुगल सूबेदार बंगश खान ने 1728 में जैतपुर पर हमला कर दिया । उस समय महाराजा छत्रसाल वृद्ध अवस्था में थे। जैतपुर की जागीर ना मिलने से महाराजा छत्रसाल के बड़े बेटे हृदयशाह ने युद्ध में छोटे भाई का साथ देने से मना कर दिया तब महाराजा छत्रसाल ने पेशवा बाजीराव प्रथम को खत लिखकर मदद मांगी। बाजीराव ने खत मिलते ही तुरंत बुंदेलखंड की ओर कूच कर दिया और बुंदेलखंड पहुंचकर बंगश खान से युद्ध लड़ा और उसे पराजित किया।

वीर भूमि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रोफेसर और इतिहासकार डॉक्टर एल सी अनुरागी ने जानकारी देते बताया कि मुगल शासक बंगश खान को युद्ध में पराजित कर दिया । महाराजा छत्रसाल ने बाजीराव पेशवा को अपना तीसरा बेटा मानते हुए राज्य का एक तिहाई हिस्सा जालौन ,कोच ,झांसी, आदि सौंप दिए। यहीं पर बाजीराव पेशवा की मुलाकात मस्तानी से हुई जिसके बाद महाराजा छत्रसाल ने बाजीराव और मस्तानी का विवाह करा दिया और उपहार में उनका मस्तानी महल का निर्माण करवाया जो आज भी बाजीराव पेशवा के प्रेम की गवाही दे रहा है।

 
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