अमेरिका में भारत समर्थक नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के पूर्व ही अमेरिका से भारत हित के दो महत्वपूर्ण समाचार प्राप्त हुए हैं, जिनके कारण जहां एक और भारतीय शेयर बाजार में आनंदोत्सव मनाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर कुछ राजनीतिक हलकों में निराशा व दुख का वातवरण है। जिस कंपनी की रिपोर्ट को आधार मानकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में संपूर्ण विपक्ष हर चुनाव में अंबानी -अडाणी,अंबानी -अडाणी की रट लगा रहा था अब वह कंपनी ही बंद हो गई है। अमेरिका से दूसरा समाचार यह है कि अमेरिका ने भारत पर लगे परमाणु प्रतिबंधो को समाप्त कर दिया है।
हिंडनबर्ग ने अपने सात वर्ष के कार्यकाल में सात बड़े शिकार किए और शेयर बाजार में उन्हें लहूलुहान कर डाला, इसी क्रम में कंपनी ने अदाणी समूह को भी लगातार निशाना बनाया। कंपनी 2023 में कम्पनी रिपोर्ट प्रकाशित करके अदाणी समूह पर कारपोरेट धोखाधड़ी का आरोप लगाती रही जिससे अदाणी समूह को वित्तीय मोर्चे पर दबाव का सामना करना पडा। हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख माधवी पुरी और उनके पति धवल बुच पर हितों के टकराव का आरोप लगाया। कंपनी ने दावा किया था कि उनकी विदेश स्थित ऐसी कंपनियों में हिस्सेदारी है जो गौतम अदाणी के लिए पैसों की हेराफेरी करती हैं। 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने आय और राजस्व की रिपोर्टिंग को लेकर इकान एंटरप्राइजेज एलपी की आलोचना की थी। हिंडनबर्ग 2020 में इलेक्ट्रिक ट्रक बनाने वाली कंपनी निकोला के पीछे पड़ गया था कहा गया कि निकेला ने अपनी तकनीक को लेकर निवेशकों से झूठ बोला है । इस मामले मे एक यूएस ज्यूरी ने 2022 में निकोला के संस्थापक ट्रेवर मिल्टन को धोखाधड़ी का दोषी करार दिया था। इसी प्रकार हिंडनबर्ग कंपनी ने पेमेंट कंपनी ब्लाक इंक में शॉर्ट पोजिशन मामले में आरोप लगाया कि कंपनी ने यूजर्स की संख्या को बढ़ा चढ़ाकर और लागत को कम करके दिखाया है। इसी प्रकार हिंडनबर्ग ने 2022 में टिवटर इंक पर चढ़ाई कर दी थी। 2022 में ही जेएंडजे परचेजिंग के खिलाफ जांच प्रारम्भ कर दी थी। इसके लिए हिंडनबर्ग ने किसी प्रकार से कंपनी के निगरानी वाले फुटेज तक प्राप्त कर लिये थे। फुटेज से पता चला कि जेएंड जे की मार्केंटिंग टीम के लोग लोगों को धोखाधड़ी वाली निवेश स्कीम में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे।
भारत में प्रवेश करते ही हिंडनबर्ग के सपने ऐसे चकनाचूर हुए कि वह अपनी दुकान बंद करके भाग निकली। भारत में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस नेता राहुल गांधी व संपूर्ण विपक्ष ने अदाणी समूह पर लगातार दोहरा रवैया अपना रखा है। एक ओर यह लोग अपनी सरकार वाले राज्यों में अदाणी समूह को निवेश के लिए बुलाते हैं और दूसरी और उनके नाम पर संसद ठप करते हैं । बीच में आए और सत्य सिद्ध हुए समाचार कि हिंडनबर्ग का मालिक नैट एंडरसन का भारत विरोधी जार्ज सोरोस से सीधा संपर्क रहा है। हिंडनबर्ग कंपनी अपना नया खुलासा करने से एक दिन पूर्व ही एक रहस्यमय ई मेल संदेश जारी कर देती थी और उसके बाद का काम राहुल गाँधी करते थे जिससे राजनैतिक गलियारों में गहमागहमी बढ़ जाती थी और शेयर बाजार हिल जाते थे फिर इसी आधार पर संसद तथा राज्य विधानमंडलों में अराजकता फैलाई जाती थी। इसीलिए कहा जा रहा है कि हिंडनबर्ग के बंद हो जाने के बाद जहां कुछ लोग आनंदोत्सव मना रहे हैं वहीं कुछ लोग दर्द से कराह उठे हैं।
लेखक:- मृत्युंजय दीक्षित