प्रधानमंत्री मोदी ऐतिहासिक यात्रा पर नामीबिया पहुंचेंगे, द्विपक्षीय संबंधों को मिलेगा नया आयाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पांच देशों की यात्रा के अंतिम चरण में कल नामीबिया के विंडहोक पहुंचेंगे। यह यात्रा राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा के निमंत्रण पर हो रही है और प्रधानमंत्री मोदी की पहली नामीबिया यात्रा होगी। भारत से किसी प्रधानमंत्री की यह तीसरी नामीबिया यात्रा है।
इस यात्रा का उद्देश्य भारत-नामीबिया द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करना और हाइड्रोकार्बन, दुर्लभ पृथ्वी खनिज, और एकीकृत डिजिटल भुगतान प्रणाली जैसे प्रमुख क्षेत्रों में नई साझेदारी की संभावनाओं का अन्वेषण करना है।
भारत और नामीबिया का उपनिवेशवाद विरोधी संघर्ष का एक साझा इतिहास रहा है। नामीबिया का पहला राजनयिक मिशन, जिसे तब SWAPO के रूप में जाना जाता था, 1986 में दिल्ली में स्थापित हुआ था — यह नामीबिया की स्वतंत्रता से पूर्व की बात है।
वर्तमान में दोनों देश व्यापार और निवेश, खनन, हीरा प्रसंस्करण, ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, रक्षा, पर्यावरण और जैव विविधता सहित अनेक क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं।
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भारत और नामीबिया के बीच व्यापार लगभग 600 मिलियन डॉलर का है
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जबकि भारतीय निवेश की राशि 800 मिलियन डॉलर के आसपास है।
वन्यजीव संरक्षण में साझेदारी का एक ऐतिहासिक उदाहरण सितंबर 2022 में देखने को मिला, जब नामीबिया से आठ चीतों को भारत के कुनो नेशनल पार्क में लाया गया।
डिजिटल सहयोग की दिशा में, नामीबिया दुनिया का पहला देश बना जहां एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) ने नामीबिया के सेंट्रल बैंक के साथ UPI जैसी रीयल टाइम भुगतान प्रणाली को लागू करने के लिए समझौता किया।
प्रधानमंत्री की इस यात्रा में कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, जन औषधि, पारंपरिक चिकित्सा और आयुर्वेद जैसे भारत के कम लागत वाले समाधानों में साझेदारी की नई संभावनाएं तलाशने पर भी ज़ोर दिया जाएगा।
यह यात्रा भारत-अफ्रीका संबंधों को एक नई रणनीतिक गहराई देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।