रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सैनिकों की वीरता और स्वदेशी रक्षा उपकरणों के प्रभावी प्रदर्शन ने दुनियाभर में भारत के रक्षा क्षेत्र की छवि को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि अब विश्व भारत के रक्षा उत्पादों को सम्मान और विश्वास की नजर से देख रहा है।
श्री सिंह नई दिल्ली में आयोजित रक्षा लेखा विभाग (DAD) के नियंत्रकों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। तीन दिवसीय सम्मेलन का विषय है: 'रक्षा वित्त और अर्थशास्त्र के माध्यम से वित्तीय सलाह, भुगतान, लेखा परीक्षा और लेखांकन में परिवर्तन'।
रक्षा मंत्री ने इस परिवर्तनशील रक्षा क्षेत्र का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को देते हुए कहा कि जो रक्षा उपकरण पहले आयात किए जाते थे, वे अब भारत में ही निर्मित हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश के रक्षा उद्योग को वैश्विक मांग के अनुरूप ढलने, निर्यात बढ़ाने, और नवाचार को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
श्री सिंह ने बताया कि 2024-25 में रक्षा मंत्रालय ने GeM (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) के माध्यम से दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की है। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने एकीकृत वित्तीय सलाहकारों और सक्षम वित्तीय अधिकारियों से सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया।
उन्होंने अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि इसे एक लाख करोड़ रुपये के बजट के साथ स्वीकृत किया गया है, जो रक्षा क्षेत्र में उच्च तकनीक और नवाचार को प्राथमिकता देगा।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने विभाग का नया आदर्श वाक्य 'सतर्क, चुस्त, अनुकूल' प्रस्तुत करते हुए कहा कि ये शब्द केवल नारा नहीं हैं, बल्कि आज के तेजी से बदलते रक्षा परिवेश में आवश्यक कार्य संस्कृति को दर्शाते हैं।
उन्होंने कार्यक्रम में रक्षा विभाग का विजन दस्तावेज, मिशन वक्तव्य, नया आदर्श वाक्य, मार्केट इंटेलिजेंस रिपोर्ट 2025 (द्वितीय संस्करण) और संशोधित रक्षा लेखा संहिता भी जारी की।