पुरी में ‘सुना बेशा’ के दिव्य दर्शन के लिए उमड़े लाखों भक्त, भगवान जगन्नाथ स्वर्ण आभूषणों में सजे | The Voice TV

Quote :

" सुशासन प्रशासन और जनता दोनों की जिम्मेदारी लेने की क्षमता पर निर्भर करता है " - नरेंद्र मोदी

Travel & Culture

पुरी में ‘सुना बेशा’ के दिव्य दर्शन के लिए उमड़े लाखों भक्त, भगवान जगन्नाथ स्वर्ण आभूषणों में सजे

Date : 07-Jul-2025

ओडिशा के पवित्र शहर पुरी में आज ‘सुना बेशा’ के पावन अवसर पर भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के स्वर्णाभूषणों से सजे दिव्य स्वरूप के दर्शन के लिए दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु उमड़े। आषाढ़ शुक्ल एकादशी के शुभ दिन यह भव्य आयोजन रथ यात्रा का सबसे आकर्षक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है।

श्री मंदिर के सिंह द्वार के सामने तीनों देवता अपने-अपने रथों पर विराजमान हैं और उन्हें शानदार स्वर्ण पोशाक में सजाया गया है। ‘सुना बेशा’, जिसे 'बड़ा ताड़ौ बेशा' भी कहा जाता है, में भगवानों को राजसी वैभव और दिव्यता से सुसज्जित किया जाता है — यह पोशाक श्री हस्ता, श्री पयार, श्री मुकुट, श्री मयूर चंद्रिका, श्री कुंडल, श्री राहुरेखा और श्री माला जैसे आभूषणों से युक्त होती है।

देवता नौ दिवसीय प्रवास के बाद श्री गुंडिचा मंदिर से वापस लौटकर ग्रैंड रोड पर अपने रथों पर विराजमान हुए हैं। इस अद्वितीय दर्शन को देखने के लिए करीब 15 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ ‘बड़ा डंडा’ (ग्रैंड रोड) पर उमड़ पड़ी है। भक्ति और उल्लास से सराबोर वातावरण में श्रद्धालु जगन्नाथ महाप्रभु की एक झलक पाने के लिए आतुर हैं।

सुरक्षा के दृष्टिकोण से श्री मंदिर और उसके आसपास व्यापक प्रबंध किए गए हैं ताकि श्रद्धालु निर्बाध रूप से अनुष्ठान में भाग ले सकें।

अनुष्ठानों के अनुसार, देवताओं को सोमवार को ‘अधरा पना’ नामक पारंपरिक पेय अर्पित किया जाएगा, और मंगलवार को ‘नीलाद्रि बिजे’ के अवसर पर ‘पहांडी’ जुलूस के माध्यम से उन्हें पुनः श्रीमंदिर के गर्भगृह में ले जाया जाएगा।

‘सुना बेशा’ न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह भगवान जगन्नाथ की शाही महिमा और भक्तों के साथ उनके विशेष संबंध का उत्सव भी है, जो हर वर्ष लाखों लोगों को आध्यात्मिक आनंद से भर देता है।

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload

Advertisement









Advertisement