नई दिल्ली, 07 जुलाई। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को सैन्य चिकित्सा अधिकारी मेजर बचवाला रोहित की असाधारण पेशेवर कुशलता और कर्तव्य से परे निःस्वार्थ प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करने के लिए सराहना की। उन्होंने मेजर को इसलिए सम्मानित किया कि उन्होंने छुट्टी पर घर जाते समय उत्तर प्रदेश के झांसी रेलवे स्टेशन पर एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर बच्चे को जन्म देने में मदद की। बाद में मां और नवजात शिशु को एक सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।
दरअसल, पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस में अपने पति और बच्चे के साथ यात्रा कर रही एक महिला को समय से पहले प्रसव पीड़ा हुई। पति ने रेल मदद ऐप के जरिए रेल अधिकारियों से संपर्क किया, जिसके बाद जब ट्रेन झांसी पहुंची, तो महिला को ट्रेन से उतार दिया। उसे एक महिला यात्रा टिकट परीक्षक (टीटीई) व्हीलचेयर पर चिकित्सा सहायता के लिए ले जा रही थी, तभी वह अचानक तेज प्रसव पीड़ा उठने पर चिल्लाने लगी और व्हीलचेयर से नीचे गिर पड़ी। ठीक उसी समय अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे अन्य यात्री हंगामा देख सहज ही मदद के लिए दौड़ पड़े।
उसी समय झांसी के सैन्य अस्पताल में तैनात चिकित्सा अधिकारी मेजर बचवाला रोहित 5 जुलाई को छुट्टी पर अपने गृहनगर हैदराबाद जाने के लिए झांसी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इन्तजार कर रहे थे। उन्होंने लिफ्ट क्षेत्र के पास एक महिला को संकट की स्थिति में देखा, तो वह भी मौके पर पहुंचे। मेजर बचवाला रोहित ने उस महिला से कहा कि आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। मैं एक मेडिकल अधिकारी हूं और आपको या बच्चे को कुछ नहीं होगा। उस समय महिला को अन्य जगह नहीं ले जाया जा सकता था, इसलिए उसी जगह पर प्रसव कराने की योजना बनाई। इसके बाद मेजर ने कुछ वस्तुओं की तलाश की और तौलिया, चाकू और हेयर क्लिप सहित तात्कालिक संसाधनों का उपयोग करके रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर ही आपातकालीन स्थिति में प्रसव कराया।
मेजर बचवाला रोहित ने बताया कि सुरक्षित रूप से जन्म प्रक्रिया पूरी होने के बाद नवजात ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन अपने चिकित्सीय अनुभव के साथ मैंने उसे पुनर्जीवित करने की कोशिश की और फिर उसने प्रतिक्रिया भी दी। बच्चा रोने लगा तो लगा यह सब भगवान की कृपा थी कि मुझे लगा कि मां और बच्चा बिल्कुल स्थिर और ठीक हैं। इसके मां को प्लेसेंटल (गर्भनाल) डिलीवरी से संबंधित जटिलताएं हुईं, लेकिन पॉकेट चाकू की मदद से मैंने गर्भनाल को अलग कर दिया। मुझे वास्तव में इस बात से बहुत खुशी हुई कि मां बहुत खुश थी। मां और नवजात शिशु दोनों को उनकी देखरेख में सामान्य स्थिति में लाकर आगे के प्रबंधन के लिए एक सरकारी चिकित्सा सुविधा में स्थानांतरित कर दिया गया।
सैन्य सेवा के उच्चतम मानकों का उदाहरण देने पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आज असाधारण पेशेवर कुशलता और कर्तव्य से परे निःस्वार्थ प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करने के लिए सराहना की। सेना ने एक बयान में कहा कि झांसी रेलवे स्टेशन पर आपात परिस्थितियों में मेजर रोहित की त्वरित और निर्णायक कार्रवाई उनकी चिकित्सा दक्षता, दबाव में धैर्य और सशस्त्र बलों के लोकाचार के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा की महानिदेशक सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन ने भी मेजर बचवाला की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और इसे युद्ध के मैदान से परे सैन्य चिकित्सा कोर की सेवा की भावना का एक शानदार उदाहरण बताया।