लखनऊ, 7 जुलाई। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने चुनाव आयोग से बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाओं का संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की मांग की है।
बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट लिखी। उन्होंने कहा कि बिहार में खासकर दलितों, पिछड़ों, शोषितों, गरीबों और महिलाओं आदि के खिलाफ अत्याचार, हत्या और जाति आधारित शोषण की वारदातें सामने आती रहती हैं। साथ ही इन वर्गों के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करने के मामले हमेशा से ही काफी चर्चा का विषय रहे हैं। राज्य में विधानसभा आम चुनाव से पहले हिंसक घटनाएं और हत्या की वारदातें हाे रही है। हाल ही में पटना में एक प्रमुख उद्योगपति और सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के नेता गोपाल खेमका की सनसनीखेज हत्या ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के साथ-साथ राज्य की राजनीति को नए तरीके से गरमा दिया है। अगर चुनाव आयोग इस खूनखराबे का संज्ञान लेकर अभी से उचित कार्रवाई करे तो शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराना बेहतर होगा।
उन्होंने कहा है कि बिहार में चुनाव से पूर्व मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण के दौरान ये सारी हिंसक घटनाएं किसके द्वारा और किसके स्वार्थ के लिए की जा रही हैं। इसको लेकर न केवल राज्य की गठबंधन सरकार कटघरे में है, बल्कि इसको लेकर राजनीति भी काफी गरम है। देखना यह है कि भविष्य में इसका राज्य के राजनीतिक समीकरणों और चुनाव पर क्या असर होगा।
वैसे हमारी पार्टी बहुजनों, खासकर दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों, वंचितों, शोषितों, गरीबों और मजदूरों आदि की पार्टी हैं, जो अपने कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों के तन, मन और धन के बल पर राजनीति करने के सिद्धांत और नीति के तहत अपने बल पर बिहार विधानसभा का आम चुनाव लड़ रही है। इसलिए चुनाव आयोग से अपील है कि बिहार चुनाव को सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के साथ-साथ बाहुबल, धनबल और आपराधिक बल आदि से मुक्त करने के लिए जो भी सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, वह समय रहते उठाए ताकि चुनाव प्रचार स्वतंत्र और निष्पक्ष साबित हो।