मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार के प्रयासों, पर्यावरणप्रेमी नागरिकों और स्वैच्छिक संस्थाओं की सतत भागीदारी से अब "वनराजि में भी गुजरात अधिक प्रसन्न" दिखाई दे रहा है।
वन विभाग के अनुसार, केंद्र सरकार की फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (FSI) 2023 रिपोर्ट में बताया गया है कि गुजरात में नॉटिफाइड फॉरेस्ट एरिया के बाहर वृक्ष आवरण (ट्री कवर) में 241.29 वर्ग किलोमीटर की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इस वृद्धि के साथ गुजरात देशभर में इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन गया है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री मुलूभाई बेरा और राज्य मंत्री मुकेशभाई पटेल के मार्गदर्शन में किए गए कार्यों का सकारात्मक परिणाम यह है कि वर्ष 2021 में जहां गुजरात का कुल ग्रीन कवर (वन कवर + ट्री कवर) 10.41% था, वहीं वर्ष 2023 में यह बढ़कर 11.03% हो गया है। इसी प्रकार, राज्य का केवल ट्री कवर 2021 में 2.80% था जो 2023 में बढ़कर 3.38% हो गया है।
इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2023 के अनुसार:
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गुजरात का कुल रिकॉर्डेड फॉरेस्ट क्षेत्र: 21,870 वर्ग किमी (राज्य के कुल क्षेत्रफल का 11.14%)
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वन कवर: 15,016.64 वर्ग किमी (7.65%)
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ट्री कवर: 6,632.29 वर्ग किमी (3.38%)
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कुल ग्रीन कवर: 21,648.93 वर्ग किमी (11.03%)
इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के अंतर्गत, गुजरात ने 17.48 करोड़ पौधारोपण कर उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा स्थान प्राप्त किया है। वर्ष 2025 में इसी अभियान के दूसरे चरण "एक पेड़ मां के नाम 2.0" की गतिविधियां भी पूरे जोश से जारी हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस 2024 पर प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ "ग्रीन अरावली प्रोजेक्ट" के साथ-साथ, गुजरात में सामाजिक वनीकरण की विभिन्न योजनाएं जैसे वनकवच, हरित वनपथ, पंचवटी ग्राम वाटिका तथा अमृत सरोवर के चारों ओर वृक्षारोपण, पीपीपी मॉडल के तहत सद्भावना ट्रस्ट की भागीदारी के साथ भी सक्रिय रूप से चल रही हैं। इससे राज्य में भविष्य में वृक्ष आवरण में और अधिक वृद्धि की संभावना है।
राष्ट्रीय वन नीति 1988 के अनुसार, भारत में कुल ग्रीन कवर 33% तक होना चाहिए। वर्तमान में देश का कुल रिकॉर्डेड फॉरेस्ट एरिया 7,75,377 वर्ग किमी (23.59%) है, जिसमें वन कवर 7,15,342.61 वर्ग किमी (21.76%) और ट्री कवर 1,12,014.34 वर्ग किमी (3.41%) शामिल है। इस प्रकार, देश का कुल ग्रीन कवर वर्तमान में 8,27,356.95 वर्ग किमी (25.17%) है।
गुजरात के प्रयास इस दिशा में सराहनीय हैं और देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणास्रोत बन रहे हैं।