पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत अपनी ऊर्जा क्षमताओं के विस्तार और उन्नयन के लिए नॉर्वे की विशेषज्ञता का सक्रिय रूप से उपयोग कर रहा है। उन्होंने यह जानकारी नॉर्वे के बर्गन में स्थित नॉर्दर्न लाइट्स CO₂ टर्मिनल के दौरे के दौरान दी।
श्री पुरी ने नॉर्वे के ऊर्जा पेशेवरों के साथ गहरे समुद्र में हाइड्रोकार्बन अन्वेषण, भूकंपीय सर्वेक्षण, कार्बन कैप्चर व स्टोरेज, और अपतटीय पवन ऊर्जा से संबंधित प्रौद्योगिकियों पर गहन चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह सहयोग भारत के ऊर्जा परिवर्तन और आत्मनिर्भरता के एजेंडे को मजबूती देगा।
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में मंत्री पुरी ने बताया कि भारत ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (OALP) राउंड-10 के तहत 2.5 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में हाइड्रोकार्बन अन्वेषण की योजना बना रहा है। यह वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा अपतटीय अन्वेषण बोली दौर है।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार भारत में एक मजबूत डीपवाटर ईएंडपी (Exploration & Production) प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने का प्रयास कर रही है।
नॉर्वे की विशेषज्ञता, विशेष रूप से
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डीपवाटर अन्वेषण,
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भूकंपीय तेल सर्वेक्षण,
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ऑफशोर विंड एनर्जी, और
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कार्बन कैप्चर व स्टोरेज (CCS)
भारत के ऊर्जा बदलाव के लक्ष्यों के साथ पूरी तरह मेल खाती है।
ओपन एकरेज लाइसेंसिंग प्रोग्राम (OALP) के तहत संभावित निवेशकों को स्वतंत्रता दी जाती है कि वे अपनी पसंद के तेल व गैस ब्लॉक्स के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (EoI) प्रस्तुत कर सकें, जिससे निजी निवेश और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलता है।
यह पहल भारत के ऊर्जा आत्मनिर्भरता और स्थिरता मिशन की दिशा में एक ठोस वैश्विक सहयोग का संकेत देती है।