सचिन देव बर्मन (एसडी बर्मन) के नाम से प्रसिद्ध बॉलीवुड के एक प्रसिद्ध गायक और संगीत निर्देशक थे। उन्हें ''बर्मन दा'' के नाम से भी जाना जाता है और उन्हें भारतीय संगीत उद्योग के प्रमुख संगीतकारों में से एक माना जाता है। उन्हें भारतीय संगीत उद्योग में ''संगीत के ग्रैंड ओल्ड मैन'' के रूप में जाना जाता है।
बर्मन का जन्म एक अक्टूबर 1906 को त्रिपुरा के कोमिला में हुआ था। उनके पिता का नाम ''महामान्यबर राजकुमार नबद्वीपचंद्र देव बर्मन'' था और माता ''निर्मला देवी'' मणिपुर की राजकुमारी थीं। उनके 6 भाई-बहन थे। जब वे दो वर्ष के थे, तब उनकी माता का निधन हो गया। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अगरतला, त्रिपुरा में कुमार बोर्डिंग और युसुफ स्कूल, कोमिला से की। उन्होंने विक्टोरिया कॉलेज, कोमिला से कला में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। सचिन को संगीत की शुरुआती तालीम अपने पिता से मिली। 1925 से 1930 तक उन्होंने केसीडे से गायन का व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। बाद में उन्हें भीष्मदेव चट्टोपाध्याय, खलीफा बादल खान (सारंगी वादक) और सरोद वादक उस्ताद अलाउद्दीन खान ने प्रशिक्षित किया गया।
बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में उन्होंने ''एआईआर कलकत्ता'' में एक रेडियो गायक के रूप में काम शुरू किया। 1932 में उनका पहला रिकॉर्ड खमाज के साथ जारी किया गया था। वर्ष 1934 में उन्होंने ''अखिल भारतीय संगीत सम्मेलन'' और बंगाल संगीत सम्मेलन, कोलकाता में ठुमरी गाई, जिसका उद्घाटन रवीन्द्रनाथ टैगोर ने किया था। एक अक्टूबर 2007 को, अगरतला में, उनकी 101वीं जयंती पर, भारतीय डाक विभाग ने एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। प्रसिद्ध संगीतकार और गायक एसडी बर्मन को उनके जीवन में कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। 1974 में लकवे का आघात लगा जिसके बाद 31 अक्टूबर 1975 को बर्मन दादा का निधन हो गया|
