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किसी भी व्यक्ति की वास्तविक स्थिति का ज्ञान उसके आचरण से होता हैं।

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चुप रहने से हो सकते हैं शारीरिक और मानसिक फायदे

Date : 27-Mar-2023

हर तरफ शोर-शराबे और भाग-दौड़ के बीच खामोशी की अपनी अलग ही खासियत है। आपने कई कविताओं में भी पढ़ा होगा कि मौन रहकर एक दूसरे की बात को समझना सबसे सुंदर संवाद है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि चुप रहने के अपने शारीरिक और मानसिक फायदे भी हैं? विशेषज्ञ मानते हैं कि मौन रहने से व्यक्ति अधिक दिमागदार और उत्पादक बनने की ओर अग्रसर होता है। इससे उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों में सुधार हो सकता है।

आज हम जिस युग में जी रहे हैं, उसमें टेक्नोलॉजी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जहां लोग एकांत की खोज में लगे रहते वो खुद को इन्ही टेक्नोलॉजी को कहीं गुम कर देते हैं। लेकिन मौन को मन में बैठाने की दिशा में पहला कदम यह है कि आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को अन्य सभी पहलुओं से बढ़कर समझें और फिर उन तकनीकों को शामिल करने का सचेत प्रयास करें। 

गाड़ियों के बेतहाशे हॉर्न से लेकर आस-पास बजने वाले म्यूजिक, ऑन-डिमांड शो और लोगों की चटर-पटर से लेकर आपकी बिल्डिंग के ऊपर से उड़ते हुए हवाई जहाज की आवाज तक हर तरफ एक घना शोर है, जिसमें दूसरों की तो क्या, कभी-कभी खुद की भी आवाज नहीं सुन पाते। आपके अंतर्रमन की आवाज, जिसे सुनने से आपके जीवन की आधी परेशानी का समाधान मिल सकता है। वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार, यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी बात नहीं है।

मारी शोर भरी दुनिया में, मौन में बिताया गया समय कई स्वास्थ्य लाभ ला सकता है। शांत रहने से मानसिक और शारीरिक दोनों पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।

ब्लड प्रेशर कम कर सकता है

एकाग्रता और ध्यान में सुधार ला सकता है

परेशान करने वाले विचारों को शांत कर सकता है

मस्तिष्क के विकास को बढ़ावा दे सकता है

कोर्टिसोल को कम कर सकता है

अंदर की रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है

अच्छी नींद को बढ़ावा मिलता है

हालांकि, यहां मौन रहने का मतलब परेशानी में भी चुप्पी सादे रहने से नहीं है। बल्कि अनावश्यक किसी भी शोर से दूर रहने और ध्वनि प्रदूषण से बचना है। मौन रहते हुए धीरे-धीरे गहरी सांस लेने से और भी फायदे मिल सकते हैं।

 

 

 
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