अंकारा, (हि.स.)। रूस-युद्ध के बीच दुनिया भर के लोगों के लिए अनाज संकट को लेकर राहत की खबर आई है। संयुक्त राष्ट्र की अगुआई में रूस, यूक्रेन और तुर्की के बीच हुए खाद्यान्न निर्यात समझौता को चार माह (120 दिन) के लिए और बढ़ा दिया गया है। ज्ञात रहे कि 22 जुलाई को हुए इस समझौते की अवधि 19 नवंबर को खत्म हो रही थी। लेकिन अब यह समझौता मार्च तक जारी रहेगा।
इस समझौते से यूक्रेन को काला सागर के जरिये खाद्यान्न निर्यात की अनुमति मिलती है। यूक्रेन युद्ध के चलते काला सागर की रूसी नौसेना ने नाकाबंदी कर रखी है और वहां से बिना अनुमति के किसी भी जहाज का आवागमन नहीं हो सकता है। समझौते के तहत रूस भी अपना खाद्यान्न निर्यात कर सकता है।
इस समझौते के तहत काला सागर में एक सुरक्षित शिपिंग कारिडोर स्थापित किया गया। रूसी और यूक्रेन की चिंताओं को दूर करने के लिए निरीक्षण प्रक्रियाएं शुरू कीं गईं। रूस ने आशंका जताई थी कि यूक्रेन के दक्षिणी तट से यात्रा करने वाले कार्गो जहाजों में हथियार हो सकते हैं या हमले शुरू कर सकते हैं। 22 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र और तुर्की के साथ अलग-अलग समझौतों में यूक्रेन और रूस ने जो समझौता किया था, वह शनिवार को समाप्त हो रहा था। रूस ने समझौते को आगे बढ़ाने पुष्टि की, लेकिन रूस का कहना है कि कि उसे दुनिया भर में रूसी खाद्य और उर्वरकों के निर्यात में बाधाओं को दूर करने पर प्रगति की उम्मीद है।
रूस के यूक्रेन में बड़े पैमाने पर हवाई हमलों से ऊर्जा बुनियादी ढांचे, अपार्टमेंट इमारतों और एक औद्योगिक स्थल को निशाना बनाया है। उसके बीच अनाज निर्यात को जारी रहने समझौते की घोषणा की गई। यूक्रेन के अफसरों ने कहा कि देश भर में ड्रोन और मिसाइल हमलों में कम से कम चार लोग मारे गए और 11 अन्य घायल हो गए।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की ने समझौते को आगे बढ़ाने को 'खाद्य संकट के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में महत्वपूर्ण फैसला' कहा। वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने चार महीने पुराने सौदे के नवीनीकरण का स्वागत किया। गुटेरेस ने एक वीडियो बयान में कहा कि तुर्की, यूक्रेन, रूस और संयुक्त राष्ट्र समझौते को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। इसके जरिए काला सागर से यूक्रनी अनाज का मुक्त निर्यात हो सकेगा।
वहीं रूस ने रूसी अनाज और उर्वरक के निर्यात को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से समझौते के हिस्से के कार्यान्वयन पर असंतोष व्यक्त किया है। यह संकेत दिया है कि अगर उसकी चिंताओं पर दूर नहीं किया गया तो समझौते पर आगे बढ़ाने पर सहमत नहीं होगा।
गुटेरस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र रूस से खाद्यान्न और उर्वरक भेजने में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि मास्को ने समझौते के नियमों और दायरे में बिना किसी बदलाव के समझौते को प्रभावी बनाने की अनुमति दी है।
हिन्दुस्थान समाचार/ अजीत तिवारी