हैदराबाद, 23 नवंबर (हि.स.)। तेलंगाना में लंबे समय से सुलग रहे पोडू भूमि विवाद में आदिवासियों ने चाकू और अन्य तेजधार हथियारों से हमलाकर चंद्रगोंडा वन रेंज अधिकारी (एफआरओ) चलामाला श्रीनिवास राव
को मौत के घाट उतार दिया। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने वन अधिकारी की हत्या पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को महेंद्र रेड्डी को कठोरतम कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
भद्राद्री कोठागुडम जिले में 22 नवंबर को हुई इस वारदात से राज्य सरकार हिल गई है। श्रीनिवास के सिर, गर्दन और छाती पर ताबड़तोड़ धारदार हथियारों से प्रहार कर बर्बरता का प्रदर्शन किया गया। श्रीनिवास का गुनाह सिर्फ इतना है कि वो चंद्रगोंडा मंडल के बेंदलापाडु गांव में आदिवासियों (गुट्टिकोया जनजाति के लोग) को पोडू भूमि पर पौधरोपण के बाद बड़े हो रहे पौधों को नष्ट करने और काटने से रोक रहे थे। दुर्भाग्य यह रहा कि श्रीनिवास के साथ मौजूद बेंदलापाडु अनुभाग अधिकारी रामा राव भी बचाव नहीं कर पाए। उन्हें अपनी जान बचाकर भागने को मजबूर होना पड़ा।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने मृतक एफआरओ के परिवार को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि हमले में मारे गए श्रीनिवास राव के परिवार को नियमानुसार पूरा वेतन दिया जाए और यह वेतन सेवानिवृत्ति की उम्र तक उनके परिवार के सदस्यों को मिलता रहे। इसके अलावा परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जाए।
तेलंगाना में पोडू भूमि पर कई दशक से विवाद है। इस पर अधिकार का आदिवासी समुदाय दावा करता है। आदिवासियों का दावा है कि पोडू भूमि पर वृक्षारोपण अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत गारंटीकृत उनके अधिकारों का उल्लंघन करता है।
आदिवासी ज्वाइंट एक्शन कमेटी का कहना है कि दशकों से पोडू भूमि पर खेती करने वाले आदिवासी किसानों को वन विभाग खदेड़ रहा है। हालांकि, सरकार और वन विभाग का कहना है कि यह आरोप बेबुनियाद हैं। इस भूमि पर सिर्फ पौधरोपण किया जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार/मुकुंद