अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में 'रेसिप्रोकल टैरिफ' लागू करने का एलान किया है, जिसके तहत अब अमेरिका भारत से आयात होने वाले सामानों पर 26% तक शुल्क लगाएगा। इस नए टैरिफ का असर भारत के लिए खासतौर पर मोबाइल फोन निर्यात पर देखने को मिल सकता है, क्योंकि बड़ी कंपनियां जैसे एप्पल, जो भारत से अमेरिका को बड़ी मात्रा में फोन भेजती हैं, इस फैसले से प्रभावित हो सकती हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, एप्पल भारत से होने वाले मोबाइल निर्यात का लगभग 70% हिस्सा नियंत्रित करती है।
क्या भारत को नुकसान होगा?
ट्रंप के इस टैरिफ के कारण भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक सामानों की लागत बढ़ जाएगी। इससे पहले, इन सामानों पर कोई शुल्क नहीं लिया जाता था, लेकिन अब 26% का शुल्क लागू होगा। इसका मतलब यह है कि भारतीय कंपनियों को अब अतिरिक्त खर्च उठाना होगा, जिससे भारत से किए गए निर्यात की लागत बढ़ जाएगी। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की डिमांड में गिरावट आ सकती है, जिससे भारतीय कंपनियों को नुकसान हो सकता है। वित्त वर्ष 2024 में, भारत ने लगभग 11.1 बिलियन डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक सामान निर्यात किया था, जिसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी मोबाइल फोन की थी।
भारत पर शुल्क
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सिर्फ अमेरिका ही भारतीय सामानों पर शुल्क नहीं लगा रहा है। भारत भी अमेरिका से आने वाले स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर लगभग 15% बेसिक कस्टम ड्यूटी और 1.5% सरचार्ज लेता है। रेसिप्रोकल टैरिफ का अर्थ है कि एक देश जितना शुल्क लगाता है, दूसरा देश भी उतना ही लगाए, लेकिन ट्रंप का 26% टैरिफ इस सिद्धांत से अलग दिखता है।
Apple पर अधिक प्रभाव
इस नए टैरिफ का सबसे ज्यादा असर एप्पल जैसी कंपनियों पर देखने को मिल सकता है, क्योंकि एप्पल भारत से अमेरिका और अन्य देशों को आईफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान निर्यात करता है। ट्रंप के इस टैरिफ से एप्पल के उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जिससे उनकी बिक्री प्रभावित हो सकती है।