भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास और पंजाब विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मिलकर एक पोर्टेबल और स्वचालित डिवाइस विकसित किया है, जो पानी, भोजन और पर्यावरण में मौजूद कीटनाशकों का त्वरित पता लगाने में सक्षम है।
डिवाइस की विशेषताएं
-
यह उपकरण कीटनाशक अवशेषों की बहुत कम सांद्रता तक पहचान सकता है, जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।
-
पारंपरिक प्रयोगशालाओं में ऐसे परीक्षण जटिल, महंगे और समय-साध्य होते हैं, जबकि यह डिवाइस सुलभ और यूजर-फ्रेंडली है।
- इसे किसी भी क्षेत्र में आसानी से लगाया जा सकता है और यह अति संवेदनशील परिणाम प्रदान करता है।
मैलाथियान का सटीक पता
नए ‘स्मार्ट एमडीडी (मैलाथियान डिटेक्शन डिवाइस)’ में कलरमेट्रिक डिटेक्शन प्रणाली का उपयोग किया गया है। इसमें एप्टामर अणु और स्वर्ण नैनोकण (AUNP) शामिल हैं, जो विशेष रूप से मैलाथियान की पहचान के लिए डिजाइन किए गए हैं।
-
कीटनाशक के संपर्क में आने पर रंग में बदलाव होता है: लाल रंग नीले में बदल जाता है।
-
डिवाइस का ऑप्टिकल सिस्टम इसे मापता है और स्वचालित, त्वरित और विश्वसनीय परिणाम प्रदान करता है।
जन स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए फायदेमंद
आईआईटी मद्रास की प्रोफेसर सुजाता नारायणन उन्नी के अनुसार, यह तकनीक किसानों, खाद्य सुरक्षा एजेंसियों और पर्यावरण नियामकों को कीटनाशकों से होने वाले नुकसान का जल्दी पता लगाने में मदद करेगी।
-
यह उपकरण जल निकायों, मिट्टी और फसलों में कीटनाशक प्रवाह पर निगरानी करने में भी सहायक होगा।
-
इससे सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित होगा और जन स्वास्थ्य जोखिम कम होंगे।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजना
-
वर्तमान में उपकरण का परीक्षण प्रयोगशाला में किया जा रहा है।
-
टीम ने लगभग 250 पिकोमोलर की पहचान की और इसके स्पेक्ट्रोफोटोमीटर परिणामों को सत्यापित किया।
-
भविष्य में इसे फल, सब्जी और खेत के जल स्रोतों के नमूनों की जांच में भी इस्तेमाल किया जाएगा।
-
पंजाब विश्वविद्यालय के डॉ. रोहित कुमार शर्मा के अनुसार, इसे और अधिक कीटनाशकों का पता लगाने के लिए विस्तारित किया जाएगा, जिससे यह स्थायी कृषि प्रबंधन और पर्यावरण निगरानी में और अधिक प्रभावी होगा।
