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1971 India-Pakistan War: देहरादून के गांधी पार्क में मनाया जाएगा विजय दिवस, जानें इस बार क्या है खास...

Date : 16-Dec-2022

 देहरादून. साल 1971 में भारत-पाकिस्तान की जंग में भारत की जीत के जश्न के रूप में हर साल 16 दिसंबर को ‘विजय दिवस’ मनाया जाता है. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के गांधी पार्क में विजय दिवस की तैयारी की जा रही है. सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक रिटायर्ड ब्रिगेडियर अमृतलाल ने जानकारी देते हुए कहा कि सैनिक कल्याण विभाग के द्वारा विजय दिवस की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

इस बार भी 16 दिसंबर को विजय दिवस के मौके पर भारत-पाकिस्तान के बीच हुई जंग में शहीद हुए जांबाजों को याद किया जाएगा और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी. हर बार की तरह इस बार भी उत्तराखंड के वीरों और वीरांगनाओं को सम्मानित किया जाएगा. साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा|

इससिए मनाया जाता है विजय दिवस

बात वर्ष 1971 की है, जब तीन दिसंबर की शाम को पाकिस्तानी सेना ने भारत की विमान पट्टियों पर हमला कर दिया था. इसके बाद भारतीय सेना ने भी पाकिस्तानी सेना को जवाब देने के लिए मोर्चा खोल दिया था. तीन दिसंबर, 1971 को शुरू हुआ जंग का यह सिलसिला 16 दिसंबर, 1971 को थमा था. पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने अपने लगभग 93 हजार सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने घुटने टेक दिए थे.

भारत और पाकिस्तान के बीच चली 13 दिन की इस लड़ाई के बाद पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे. इसका एक हिस्सा वर्तमान में पाकिस्तान के रूप में और दूसरा पूर्वी पाकिस्तान जिसे आज हम बांग्लादेश के रूप में जानते हैं.

उत्तराखंड के भी कई जवानों ने दी थी शहादत

इस जंग में उत्तराखंड के रणबांकुरों ने भी पाकिस्तानी सेना को धूल चटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. भले ही हम जीत के जश्न के रूप में विजय दिवस मनाते हैं, लेकिन इस जंग में शहीद हुए वीरों की शहादत से आंखें नम हो जाती हैं.

साल 1971 की भारत और पाकिस्तान के इस लड़ाई में उत्तराखंड के लगभग 255 जवान शहीद हुए थे और करीब 78 जवान घायल हुए थे. वहीं, जब भारत ने पाकिस्तान को लोहा मनवाकर जीत हासिल की थी तब तत्कालीन भारतीय सेनाध्यक्ष सैम मानेकशॉ और सैन्य कमांडर जगजीत सिंह अरोड़ा ने सैनिकों के जज्बे को सलाम किया था.

बता दें कि, वीर सपूतों की पाकिस्तानी सेना पर फतह पाने के उस दिन से अब तक 16 दिसंबर को जीत के जश्न यानी विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

 
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